ब्लॉगिंग की भुट्टा-कथा…खुशदीप

एक किसान बड़ा मेहनती था…उसके उगाए भुट्टे बहुत ही बढ़िया क्वालिटी के मीठे दाने वाले होते थे…

हर साल उसे कृषि मेले में भुट्टो की शानदार पैदावार के लिए किसानश्री का पुरस्कार मिलता…हर साल यही कहानी दोहराए जाने पर मीडिया वालों को उसमें दिलचस्पी हुई…एक रिपोर्टर ने किसान का इंटरव्यू लिया तो एक बात उसे बड़ी विचित्र लगी…रिपोर्टर को पता चला कि किसान अपने भुट्टे के बढ़िया क्वालिटी के बीज अपने सभी पड़ोसी किसानों में भी बांटता था…जिससे वो सारे किसान फसल लगाने के वक्त एक साथ उन बीजों को अपने-अपने खेतों में डालते…

ये जानकर रिपोर्टर को आश्चर्य हुआ…उसने किसान से पूछा कि आप ऐसा करने से अपने लिए प्रतिद्वन्द्वी खड़े नहीं करते…ये गलाकाट प्रतिस्पर्धा का ज़माना है…लोग एक दूसरे से आगे बढ़ने के लिए क्या-क्या नहीं करते…और आप अपने बढ़िया क्वालिटी के बीज उन्हें मुफ्त देकर खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं…और आपके पड़ोसी किसान इस कंपीटिशन में आकर आपका मुकाबला भी करते हैं…

रिपोर्टर की बात सुनकर किसान मुस्कुराया…बोला…

आप खेती को समझते तो शायद ये सवाल न पूछते…जब भुट्टे पकते हैं तो उनके परागकण हवा के साथ इधर-उधर फैलते हैं…जिसे क्रॉस-पॉलिनेशन भी कहते हैं…अगर मेरे पड़ोसी किसानों के बीज घटिया क्वालिटी के होंगे तो उनके भुट्टो से फैलने वाले परागकण भी घटिया क्वालिटी के होंगे…वही परागकण हवा के साथ उड़ कर मेरे खेत में भी आएंगे…नतीजा क्या होगा…मेरे खेत के भुट्टो पर भी असर पड़ेगा…इसलिए मैं पड़ोसियों को अच्छे बीज देकर उनसे ज़्यादा अपनी मदद करता हूं…आशा है, आप मेरी बात समझ गए होंगे…

किसान की इस कथा को अब मानव-जीवन से जोड़ कर देखिए…जो आप बांटेंगे, वही सूद समेत एक दिन आपके पास लौट कर आएगा...नॉलेज जितनी बांटेंगे, आपका अपना नॉलेज-बेस उतना बढ़ेगा…आपकी अपनी क्वालिटी तब और भी निखरेगी, जब आपके साथ वालों की भी क्वालिटी बढ़े…जो खुद अच्छा जीवन जीना चाहते हैं, वो दूसरों का जीवन अच्छा करने में भी मदद करते हैं…एकांत में आपको सफलता मिले तो फिर उस सफलता के मायने क्या हैं…सफलता का आनंद सबके साथ बांटने में है…

एक सवाल आप सबसे, क्या किसान की ये भुट्टा-कथा ब्लॉगिंग को भी कुछ नया आयाम दे सकती है…आमीन…



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उस्ताद जी (असली पटियाला वाले)

इन नकली उस्ताद जी से पूछा जाये कि ये कौन बडा साहित्य लिखे बैठे हैं जो लोगों को नंबर बांटते फ़िर रहे हैं? अगर इतने ही बडे गुणी मास्टर हैं तो सामने आकर मूल्यांकन करें।

स्वयं इनके ब्लाग पर कैसा साहित्य लिखा है? यही इनके गुणी होने की पहचान है। अब यही छदम आवरण ओढे हुये लोग हिंदी की सेवा करेंगे?

और अफ़्सोस्जनक बात यह है कि अब इनकी स्पेशल चर्चा पोस्ट भी लगने लगी हैं।

Archana Chaoji
14 years ago

"एक सवाल आप सबसे, क्या किसान की ये भुट्टा-कथा ब्लॉगिंग को भी कुछ नया आयाम दे सकती है?…आमीन.."
ये भी कोई पूछ्ने की बात है?आपको तो पता ही होगा…
पर एक सवाल आपसे भी –
अगर सारे भूट्टे के खेत हो गये तो कौन खायेगा?… हा हा हा…

संजय भास्‍कर

सुन्दर सन्देश के लिए धन्यवाद

Anita kumar
14 years ago

meethe bhutton ke khet ginaaiye yahan

प्रवीण पाण्डेय

ब्लॉग जगत की दुविधा को बड़े सरल ढंग से समझा दिया है आपने। बधाई।

निर्मला कपिला

सार्थक बोध कथा। जीवन के हर क्षेत्र , हर पहलू मे इस कथा की उपयोगिता है फिर भला ब्लागिन्ग मे क्यों नही। बहुत अच्छी लगी पोस्ट, बधाई आशीर्वाद।

vandana gupta
14 years ago

कहानी और संदेश दोनो ही बढिया हैं मगर मुझे नही लगता ब्लोगिंग पर लागू हो सकते हैं क्योंकि यहाँ भी भाई भतीजावाद ज्यादा है …………।

निशांत मिश्र - Nishant Mishra

अच्छा है. यह कहानी यहाँ भी है
http://hindizen.com/2009/07/06/what-you-give-is-what-you-receive/

सञ्जय झा
14 years ago

motivational……

pranam

देवेन्द्र पाण्डेय

गज़ब का संदेश देती बेहतरीन पोस्ट के लिए आभार।
आप आध्यात्म, दर्शन, किंवदंतियों, लोक प्रचलित कथाओं के सहारे हर पोस्ट में एक नया विचार रखते हैं।

honesty project democracy

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती..शानदार ब्लोगिंग का एक शानदार उदाहरण…

राम त्यागी

अवधिया जी से सहमत ! पर कुछ तो दिमाग में जाएगा …नदी बहती रहे तो उजर जमीन भी शायद उपजाऊ हो जाए 🙂

राम त्यागी

Well said khushdeep jee !

Unknown
14 years ago

आपने सन्देश तो बहुत अच्छा दिया है! इस सन्देश को सभी लोग सहरायेंगे भी किन्तु अमल में शायद ही कोई लाएगा। पोस्ट की उम्र तो, संकलक में रहने के कारण, चौबीस घण्टे जरूर होगी किन्तु पोस्ट को पढ़ लेने के बाद पोस्ट में निहित इस सन्देश की की उम्र शायद चौबीस मिनट भी नहीं होगी। पोस्ट में टिप्पणी कर देने के बाद इस सन्देश को याद रखने की जहमत भला कौन उठाए?

डा० अमर कुमार


भुट्टे पर.. किसानश्री केवल उसी को क्यों मिल करता था,
क्या उसका कोई पौव्वा था, या कोई सेटिंग थी ?
यदि एक दूसरे के भुट्टों के दाने गिनने का मोह छोड़ दिया जाय,
तो बेहतरीन ब्लॉगिंग नीति कथा

ब्लॉ.ललित शर्मा

जो आप बांटेंगे, वही सूद समेत एक दिन आपके पास लौट कर आएगा..

शरद कोकास

इसका मतलब ब्लॉगिंग मे भी सब भुट्टे की खेती कर रहे है ?

शिवम् मिश्रा

बेहद उम्दा पोस्ट !

प्रवीण त्रिवेदी

आइये भुट्टा प्रकरण से प्रेरित होकर हिन्दी ब्लॉग्गिंग को एक नयी उंचाई पर ले जाएँ!!!
🙂

Khushdeep Sehgal
14 years ago

@सतीश भाई,
मक्खन तो यहीं था, ढक्कन की कमी थी…आप आ गए न…

जय हिंद…

Satish Saxena
14 years ago

९/१० , एक नंबर इसलिय कटा कि मख्खन और ढक्कन कहाँ गए ! भारतीय नागरिक का शुक्रिया …

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

वेरी गुड. १००/१००.

anshumala
14 years ago

बाटने वाले तो ज्ञान बाट ही रहे है पर यहाँ तो कोई लेने को ही तैयार नहीं है , और कोई कोई तो उसे ज्ञान मानने को ही तैयार नहीं है तो कोई विष को भी अमृत की तरह बाट रहा है और कोई अमृत जैसी बातो को विष कह कर उसकी आलोचना कर रहा है | कुछ सार्थक लेने देने की बात तब हो जब लोगों को इस चिन्तन से फुर्सत मिले की उसकी पोस्ट पर टिप्पणिया मेरे पोस्ट से ज्यादा कैसे है और मै कैसे इतनी टिप्पणिया पा सकता हु | एक बार आप ने ही कहा था की तू मुझे पन्त कहे मै तुझे निराला इस तरह से रचनाओ का स्तर कैसे बढेगा , पर लोगों को तो यही प्रिय है तो स्थिति कैसे बदलेगी |

रानीविशाल

बहुत सही बात कह दी आपने इस किसान के माध्यम से …..
हिंदी ब्लोगिंग में जो भी आया है निसंदेह हिंदी प्रेम के कारण ही है लेकिन हर कोई पारंगत हो मुमकिन नहीं ….ऐसे में श्रेष्ठ जन को आलोचना कि बजाए, मार्गदर्शन देना चाहिए. किसी को हतोत्साहित करके न उसका ज्ञान बड़ता है न अपना मान… तो क्यों न परस्पर ज्ञान और स्नेह के संचार से न सिर्फ अपने ज्ञान कोष बल्कि हिंदी और हिंदी ब्लोगिंग को भी समृद्ध किया जाए .
सुन्दर सन्देश के लिए धन्यवाद

S.M.Masoom
14 years ago

जो आप बांटेंगे, वही सूद समेत एक दिन आपके पास लौट कर आएगा. अच्छा सन्देश

संगीता पुरी

बहुत बढिया संदेश !!

Patali-The-Village
14 years ago

ज्ञानदायक संदेश|

उस्ताद जी

5.5/10

उत्तम पोस्ट
कथा-सार सुन्दर है और स्मरणीय भी.

Udan Tashtari
14 years ago

ज्ञानदायक संदेश!!

मुन्नी बदनाम

wow… bhuttaa's are so sweet khushdeep darling. I like your bhutta post very much. love you darling take care

अनूप शुक्ल

गज्जब संदेश!

alka mishra
14 years ago

शायद ये बांटने का काम तो मैं अपनी ब्लागिंग के पहले दिन से ही कर रही हूँ
कोई कसर रह गई हो तो बताइयेगा

बेनामी
बेनामी
14 years ago

जो बांटोगे वही मिलेगा

बेहतरीन संदेश है

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