ब्रैंड अन्ना क्लिक करने के सात फंडे…खुशदीप

एचटी टीम ने ब्रैंड अन्ना के क्लिक करने पर बड़ी अच्छी स्टडी की है…मार्केटिंग से जुड़े किसी भी शख्स के लिए ये बड़ी उपयोगी साबित हो सकती है…
 
प्रोडक्ट…चार दशक से टंगे लोकपाल बिल के रूप में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम…

ब्रैंड अम्बेसडर…74 साल के गांधीवादी अन्ना हज़ारे जिनकी इस साल के शुरू तक सिर्फ महाराष्ट्र में ही पहचान थी…
बजट…नगण्य…

प्रभाव…पूरा देश, सारे न्यूज़ चैनल्स, अंतत संसद…
ब्रैंड अन्ना के देश पर छा जाने के फिनॉमिना को अब सारे ब्रैंड मैनेजर, मार्केटिंग गुरू और सीईओ स्टडी कर रहे हैं…इस केस में उपभोक्ता को प्रोडक्ट (भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग) से जोड़ने की कड़ी अहम रही…परफेक्ट टाइमिंग ने भी बड़ा काम किया…ब्रैंड प्रबंधन की कामयाबी मकसद की ईमानदारी और प्रोडक्ट की सच्ची आत्मा पर निर्भर करती है…ये पाठ मार्केटिंग से जुड़े हर शख्स के लिए बड़े काम आ सकते हैं…
पाठ नंबर 1

व्हाट एन आइडिया सर जी…


ऐसा विचार जो लोगों को झनझनाता हो, छा जाता हो और जो़ड़ता हो…

पिछले साल देश को पांच बड़े घोटालों ने हिलाया…जवाबदेही न होने की वजह से लोगों का गुस्सा सरकार और नेताओं के ख़िलाफ़ बढ़ा…एक मज़बूत लोकपाल के आइडिया में लोगों को अपने आक्रोश का आउटलेट मिला…लोकपाल जिसके पास इतनी ज़बरदस्त शक्तियां हो कि वो प्रधानमंत्री की भी जांच कर सके…

पाठ नंबर 2
एक आइकन गढ़ना…

हर ब्रैंड की अपनी टैगलाइन होती है, अपने प्रतीक होते हैं…जैसे ठंडा मतलब कोकाकोला…यही बात हर जनआंदोलन पर लागू होती है…जैसे अहिंसा मतलब महात्मा गांधी…और अब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के आइकन के तौर पर अन्ना उभरे हैं…

पाठ नंबर 3
उपभोक्ताओं में प्रोडक्ट के अहसास को फील करने की इच्छा जगाना…



हर ब्रैंड की विशिष्ट आत्मा होती है, अलग पहचान होती है…यही चीज़ किसी ब्रैंड को आम ब्रैंडों से हटकर खास बना देती है…रामलीला मैदान पर हज़ारों लोगों का पहुंचना इसी बात का प्रमाण है कि लोग खुद इस ब्रैंड की आत्मा को महसूस करना चाहते थे…

पाठ नंबर 4
टेस्ट लॉन्च…

किसी भी प्रोडक्ट को लाने से पहले मार्केट की नब्ज़ भांपी जाती है…सेम्पल मार्केट में टेस्ट लांच किया जाता है…इस प्रोडक्ट में ये टेस्ट अप्रैल में दिल्ली के जंतर-मंतर पर  किया गया…लोगों के स्वतस्फूर्त वहां पहुंचने से ही पता चल गया कि प्रोडक्ट में कितना पोटेंशियल है…
पाठ नंबर 5
परफेक्ट पैकेजिंग…


बढ़िया मार्केटिंग के लिए चार पी का मंत्र दिया जाता है…प्रोडक्ट, प्राइज़िंग, प्रमोशन, पैकेज़िंग…भ्रष्टाचार के ख़िलाफ मुहिम के केस में पैकेजिंग का पी सबसे अहम था…खुद साफ़ और ईमानदार छवि वाले अन्ना, साथ ही उनके बेदाग़ टोपी, धोती और कुर्ता…ये पैकेजिंग टी शर्ट और जींस पहनने वाले और बेफ़िक्र माने जाने वाले युवा को भी अपनी और खींच लाई…

पाठ नंबर 6
मीडिया प्लैन…

ब्रैंड स्ट्रैटजिस्ट ने ध्यान रखा कि सबसे ज़्यादा मीडिया का ध्यान कब अपनी ओर खींचा जा सकता है…अप्रैल के शुरू में वर्ल्ड कप खत्म हुआ…आईपीएल को शुरू होने में वक्त था…बीच का वक्त ब्रैंड को लांच करने के लिए परफेक्ट टी साबित हुआ…

पाठ नंबर 7
कम्पीटिटर्स को चौंकाना…

कामयाब ब्रैंड के लिए प्रतिद्वंद्वियों को हतप्रभ करने वाला फैक्टर भी बड़ा काम करता है…इस केस में अन्ना अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी यानि सरकार को छकाते रहे कि उनका अगला कदम क्या होगा…मसलन पंद्रह अगस्त की शाम को अन्ना अचानक राजघाट पहुंच कर ध्यान लगाने लगे…या सरकार की ओर से जेल से रिहाई के ऑर्डर आ जाने के बाद भी अन्ना ने तिहाड़ से बाहर आने से इनकार कर दिया…
ब्रैंड को रणनीति के ज़रिए इस्टेब्लिश करना मेहनत का काम है…लेकिन उससे भी ज़्यादा बड़ा काम है ब्रैंड को मार्केट लीडर की पोज़ीशन पर सस्टेन करना…आप ज़ोरदार कैम्पेनिंग के ज़रिए किसी प्रोडक्ट के लिए उपभोक्ता को पहली बार आकर्षित कर सकते हैं…लेकिन बार बार वही प्रोडक्ट उपभोक्ता खरीदे तो इसके लिए प्रोडक्ट की गुणवत्ता, ईमानदारी, सच्चाई अहम हो जाती है…ये ऐसे ही जैसे है टीवी पर आकर्षक एड देखकर आप किसी प्रोडक्ट को ले आते हैं…अगर वो आपकी उम्मीदों पर खरा उतरता है तो आप उसे ज़िंदगी का हिस्सा बना लेते हैं…बार बार उसे खरीदते हैं…अगर चमक दमक झूठी साबित होती है और वादे कोरे निकलते हैं तो आप दोबारा कभी उस प्रोडक्ट को हाथ भी नहीं लगाते…अब यही टीम अन्ना का इम्तिहान है…क्या ये बार-बार परफार्म करने का माद्दा रखती है…या इस कामयाबी के ज़रिए सिर्फ़ एक नया पावर सेंटर बनकर ही रह जाती है…दावा राजनीतिक दल भी लोगों के सबसे ब़ड़े हितैषी होने का ही करते हैं…और जब जनता इन्हें अपार जनसमर्थन देकर चुन लेती है तो फिर यही राजनीतिक दल उसे फार ग्रांटेड समझने लगते हैं…अब मैं टीम अन्ना के लिए यही दुआ करता हूं कि ये सही रास्ते पर चलती रहे…आपसी फूट से बचे…जनता की उम्मीदों पर खरी उतरे…जनता जनार्दन अगर किसी को मसीहा बना सकती है तो उम्मीदें टूटने पर उसे पटकने में भी देर नहीं लगाती…
गुड वर्क टीम अन्ना…कीप इट अप…

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