बोल्डनेस छोड़िए हो जाइए कूल…खुशदीप​

​​बोल्डनेस  को लेकर ब्लाग-जगत का माहौल उबाल  पर है…दैहिक  रिश्तों के विमर्श  से अलग  कुछ  कूल-कूल  बातें करना  ज़रूरी है…ऐसे में लाफ्टर की  डोज़  से बढ़िया और क्या रास्ता है…​
​​
​दुनिया के सबसे पहले मर्द और औरत  की शादी सबसे आदर्श  थी…​



उस  आदमी  को  उस औरत  से कभी ये नहीं सुनना पड़ता था कि उसकी शादी और  कितने-कितने अच्छे और योग्य मर्दों से  हो सकती थी…​

उस औरत  को ये नहीं सुनना पड़ता था कि उस आदमी  की मां कितना बढ़िया खाना बनाती थी…
​ ​…………………………​​

एक  गलती जो आपकी ज़िंदगी बदल  सकती है…​
​​
​रिकार्ड  ब्रेकिंग….​

दस  लाख  आइडिया कनेक्शन  सिर्फ  तीन  दिन में बिक गए, सिर्फ  आइडिया के एड में एक  प्रिंटिंग  मिस्टेक  की वजह से…​
​​
‘आइडिया कैन चेंज यूअर वाइफ़’..
…………………………………….

नारदमुनि की शादीशुदा महिलाओं को सलाह…​

अगर आपका पति आपको अचानक रोमांटिक संदेश भेजने लगे तो खुश होने से पहले ये  भी सोचिए कि पति को उसके मोबाइल पर ये संदेश कौन भेज रहा है…​
​​
​मेरा काम पूरा हुआ…​
​​
नारायण…नारायण…​
​————————————​
राहुल की शादी 

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी आम आदमी के दर्द को नहीं समझ पाए, इसलिए चुनाव में कांग्रेस की बुरी गत हुई…​
​​
​अब आम आदमी के दर्द को सही तरह समझना है तो राहुल को पहले शादी करनी पड़ेगी न….​
​​
​————————————————————-​
पत्ती (चाय) और पति में क्या समानता है…​
​​
दोनों की किस्मत में उबलना लिखा है, वो भी महिला के हाथों…​
​——————————————–​
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shyam gupta
13 years ago

अरे सेव कोई भी दे यदि हब्बा की तरह तो का ही लेना चाहिये…..

सुशील कुमार जोशी

सेब क्यों खा रहे हैं यहाँ लोग बार बार
मुझे तो बस यही पता लगाना है।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

भैया… मुझे एप्पल खाना है…

Anju (Anu) Chaudhary
13 years ago

इस hot hot मौहाल में …आपकी cool cool रिपोर्ट पढ़ कर मज़ा आ गया

Shah Nawaz
13 years ago

'आइडिया कैन चेंज यूअर वाइफ़'..

🙂 🙂 🙂

हा हा हा… मस्त और ज़बरदस्त सर जी!

अशोक सलूजा

देर आए… दरुस्त आए ….!
खुशदीप जी ,ये अनुरोध आप को अपनी पोस्ट पर
सबसे पहले करना चाहिए था |आप तो बहुत तुजर्बेकार है |खैर …
खुश रहें !
शुभकामनाएँ!

कमल कुमार सिंह (नारद )

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कमल कुमार सिंह (नारद )

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कमल कुमार सिंह (नारद )

कौन पवित्र है कौन नहीं इसका पैमाना क्या हो ???

राम या कृष्ण ने कभी नहीं कहा की वो अवतार हैं या भगवान् है या सब उसको माने न माने तो मरे , हाँ मोहम्मद ने जरुर कहा की वो अल्लाह के बन्दे हैं …. (अल्लाह ही जाने )

Khushdeep Sehgal
13 years ago

टिप्पणीदाताओं से अनुरोध है कि पोस्ट के थीम पर ही अपनी टिप्पणियां केंद्रित रखें…मेरे ब्लाग को मज़हबी बहस के लिए न इस्तेमाल किया जाए, अन्यथा मुझे टिप्पणियां डिलीट करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा…​
​​
​जय हिंद…

कमल कुमार सिंह (नारद )

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कमल कुमार सिंह (नारद )

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कमल कुमार सिंह (नारद )

पाला हमने नहीं बदला है बल्कि आपने ही धर्म और धार्मिक इतिहास भुला दिया है।

—————————————————————————–

हम आज भी अपने पाले में ही हैं , हमारा पाला कहता है , समाज देश से बढ़कर इश्वर भी नहीं , समाज खुश नहीं तो इश्वर खुश नहीं , आपका पाला क्या कहता है आपको अच्छी तरह से पता है .. दलील मत दीजियेगा (कुतर्क) .

कमल कुमार सिंह (नारद )

सुरा ९ आयत ५ में लिखा है,……." फिर जब पवित्र महीने बीत जायें तो मुशरिकों (मूर्ती पूजक) को जहाँ कहीं पाओ कत्ल करो और उन्हें पकड़ो व घेरो और हर घाट की जगह उनकी ताक में बैठो। यदि वे तोबा करले ,नमाज कायम करे,और जकात दे तो उनका रास्ता छोड़ दो। निसंदेह अल्लाह बड़ा छमाशील और दया करने वाला है। "
————————————————————-
हमारे धर्म ग्रंथो में इश्वर ने कभी नहीं कहा की जो म्जुहे न माने उसको क़त्ल कर दो , , उसने सदैव यही कहा , तू मझे मान या न मान , मै तुझे मानता हूँ …;

कमल कुमार सिंह (नारद )

मनुवादी या हिन्दू वादी , में हमेशा कहा गया है धर्म वह है जो समाज के हित हो , माँ पिता, गुरु को इश्वर से भी ऊँचा द्र्चा दिया गया , इस्लाम ही बस कहता है , मै हूँ मै हूँ , सिर्फ मै हूँ ,

हिन्दू धर्म, सनातन धर्म कहता है , खुश रहो रहने दो , इश्वर कहता है तू मुझे मान या न मान , मै तुझे मानूंगा , कुरआन कहता है , डरो, मुझसे डरो डरो , इस्लाम से डरो , स्सिलामियत से डरो , , सिर्फ डरो डरो डरो …
सूरा हो या अल्बकारा , समाझ निर्धारण कम और डर- भय जादा दिखाया गया है , ………… मेरी समझ में कुरआन बस एक पुस्तक है जो किसी के दिमाग की उपज ( ४ बार पढने के बाद यही निष्कर्ष निकला )

आप कहें तो मै विस्तृत व्याख्या भी कर दूंगा किसी लेख में , आम तौर मुझे इस्लाम विरोधी कहा जाता है , लेकिन एसा नहीं है , हाँ मै उलटी पुलती बातो को जरुर नकारता हूँ चाहे इस्लाम की हो या हिन्दू की … और अपने धर्म की कुरुइती भी हिन्दू ही बता सकता है , बाकि तो अपने कुरीतियों को भी खुदा की नेमत बता एन कें प्रकारेंन सही बताने की जुगत में रहते हैं ..

कमल कुमार सिंह (नारद )

इस्लाम इस्लाम चिल्लाने का अर्थ यह है कि लोगों तक यह संदेश पहुंचे कि ईश्वर का आज्ञापालन करो।
इसमें किसी को भी कोई आपत्ति न होनी चाहिए।————————————————————————————————

बिलकुल सही कहा ??? तो आपसे किसी ने कहा होगा , हिन्दू को काफ़िर इसलिए कहा जाता है क्योकि वो इश्वर की आज्ञा का पालन नहीं करते ….. एसा है क्या ??
जब मनु जी ही आदम है , तो मोहम्मद को भी मनु मनु करना चाहिए आदम आदम नहीं ( क्योकि मोहम्मद वो बाद में आये ) क्या कोई अपने माँ बाप का नाम भी बदल सकता है क्या ?? हाँ माँ बाप को बच्चे का नाम रखते सुना है इसका उल्टा नहीं ,.

कमल कुमार सिंह (नारद )

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

@ ख़ुशदीप जी ! सारे इंटरप्रेटेशन से अलग हटकर भी क्या आप यह बात नहीं जानते कि मुसलमान हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह का नबी मानते हैं और उनका आदर करते हैं और आदम अलै. व हव्वा अलै. को अपना माता पिता मानते हैं ?
हम नबियों के चुटकुले नहीं बनाते यह बात आप जानते हैं न ?
यह बात जानने के बाद भी आपने चुटकुला यहां पब्लिश किया और नंगे फ़ोटो के साथ पब्लिश किया।
आपने ब्लॉग पोस्ट पब्लिश की है और उस पर विचार देने का ऑप्शन टिप्पणी है तो आपको ईमेल क्यों की जाती भाई साहब ?
एक और ‘मामले‘ में हम आपको ईमेल करके देख चुके हैं। ईमेल का इम्प्रेशन आपने यह लिया कि जैसे आप दाता हैं और हम ज़रूरतमंद। बेकार ही रहा आपको ईमेल करना।

टिप्पणी करने के बाद तो आपने यह चुटकुला हटाया नहीं, ईमेल का असर क्या लेते ?
…बहरहाल इस प्रकरण के बाद आपके साथ दूसरे हिंदी ब्लॉगर्स भी जान लेंगे कि पवित्र धार्मिक हस्तियों को आदर देने की इस्लामी परंपरा क्या है ?

अगर हमारा कमेंट आपने नहीं हटाया है बल्कि वह ख़ुद ही स्पैम हो गया है तो कृप्या उसे पब्लिश कीजिए।

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

@ सुनीता शानू जी ! ख़ुशदीप सहगल जी ने बिना माफ़ी मांगे चुपके से तस्वीर बदल दी है और यह समझ लिया है कि इस तरह वह हिंदी ब्लॉगर्स को गुमराह करने में कामयाब हो जाएंगे।
ज़रा ध्यान दीजिए कि हमने जिस तस्वीर पर ऐतराज़ जताया है वह नंगी तस्वीर थी जबकि इसमें दोनों ने कपड़े पहन रखे हैं।
डा. अयाज़ अहमद साहब के कमेंट के बाद हमारा कमेंट मौजूद है। तब तक भी वह नंगी तस्वीर यहां मौजूद थी जैसे कि यह बेहूदा चुटकुला यहां मौजूद है।

देवी देवताओं के और ऋषि मुनियों के चित्र, कार्टून और हास्य व्यंग्य चुटकुले रचने की परंपरा हिंदू समाज में है मुसलमानों में नहीं है।

आदम अलैहिस्सलाम और हव्वा अलैहिस्सलाम दोनों ही मुक़ददस पवित्र धार्मिक हस्तियां हैं।
इनके बारे में चुटकुले बनाने का क्या सेंस है ?

… और अगर इस पर हम आपत्ति जता रहे हैं तो यह आपको व्यर्थ का बवाल क्यों नज़र आ रहा है ?

ख़ुशदीप सहगल जी को तस्वीर बदलने के बजाय अपनी ग़लती का इक़रार करके यह पूरा चुटकुला ही हटा लेना चाहिए था।
ऐसा तो उन्होंने किया नहीं लेकिन जब हमारी वाणी पर डा. अयाज़ अहमद साहब की पोस्ट इस बेहूदा हरकत के ऐतराज़ में पब्लिश हुई तो भाई साहब ने आज हमारी वाणी ही ऑफ़ करवा दी।
यह कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है ?
हमारी यारी सच से है। सच कहने में हम किसी की यारी दोस्ती का लिहाज़ नहीं करते। हिंदी ब्लॉग जगत यह बात अच्छी तरह जानता है।

Khushdeep Sehgal
13 years ago

हर चीज़ को अपने हिसाब से देखना और फिर उसका वैसे ही इंटरप्रेटेशन करना, खुद को संतुष्टि दे सकता है लेकिन माहौल को कटु बनाने से क्या प्रायोजन सिद्ध किया जा सकता है, मेरी समझ से बाहर है…​
​​
​मैंने टिप्पणियों को सेंसर करना होता तो कभी का माडरेशन लगा चुका होता…टिप्पणियां अगर स्पैम में जाती है या गायब हो जाती हैं तो मेरा कसूर नहीं है…​
​​
​अगर फोटो पर आपत्ति थी तो मुझे टिप्पणी या मेल के ज़रिए बता दिया जाता, मैं पहले ही हटा देता…​
​​
​लेकिन बदले में पोस्ट लगाकर जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया, वो खुद आपत्तिकर्ता की पोस्ट पर जाकर पढ़ी जा सकती है…​

वहां जो कुछ भी लिखा गया, उस पर कुछ कहने को न तो मेरे संस्कार इजाज़त देते हैं और न ही विवेक…​
​​
​जय हिंद…

Maheshwari kaneri
13 years ago

ठंडा ठंडा कूल कूल…….

सुनीता शानू

सबसे बड़ी बात इस्लाम में कभी किसी व्यक्ति विशेष की तस्वीर होती ही नही।

सुनीता शानू

अनवर भाई आपने सही लिखा है माँ बाप का हमे आदर करना ही चाहिये।

खुशदीप भाई ने महज़ एक पोस्ट की है।
वंदना ने भी महज अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। सभी को स्वतंत्र लेखन का अधिकार है सभी कर रहे हैं।

लेकिन बस इतनी सी बात कहना चाहूँगी जो मुझे समझ आ रही है यह तस्वीर आदम और हव्वा की नही है।
किसने देखा था उन्हे? यह मात्र एक तस्वीर है गौर से देखिये…हव्वा के आजकल के स्टाइल के सिल्की बाल और आदम के कटे हुए सैट बाल? कहाँ नज़र आ रहा है यह आदि युग के आदम हव्वा है जनाब।
व्यर्थ बवाल मचाने से क्या फायदा?
बाकि आप समझदार हैं
सादर

नीरज द्विवेदी

Sahmat Hun Kamal Ji aapse … Han pic jarur apattijanak hai .. par ese majhabi rang dena samajh se pare hai.

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

@ कमल जी ! स्वयंभू मनु का ही नाम आदम है और सनातन धर्म का नाम ही अरबी में इस्लाम है, जिसका अर्थ है ईश्वर की आज्ञा का पालन करना।
इस्लाम इस्लाम चिल्लाने का अर्थ यह है कि लोगों तक यह संदेश पहुंचे कि ईश्वर का आज्ञापालन करो।
इसमें किसी को भी कोई आपत्ति न होनी चाहिए।

इस्लाम की एक ख़ास बात यह है कि क़ुरआन में सबसे पहले जिस ऋषि का वृत्तांत बताया गया है वह स्वयंभू मनु हैं। क़ुरआन में हमारे पास मनु महाराज का ऐसा आदर्श चरित्र है जिस पर दुनिया का एक भी आदमी ऐतराज़ नहीं कर सकता। इसीलिए हम मनु महाराज की शिक्षाओं पर उठने वाले ऐतराज़ का निराकरण करने में सक्षम हैं।
हम मनु के धर्म पर हैं, हम मनुवादी हैं और वास्तव में मनुवादी हैं ही हम। मनु ने अपनी संतान को बराबरी की शिक्षा दी थी, यह बात केवल हम कह सकते हैं, आप नहीं।
पाला हमने नहीं बदला है बल्कि आपने ही धर्म और धार्मिक इतिहास भुला दिया है।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

भैया… मुझे भी एप्पल खाना है…

वाकई में ठंडा ठंडा कूल कूल………….
हंसिये, खुश रहिये…..आगे बढिए………….

हालांकि मुझे कुछ पता नहीं है…. अभी फ़ोन कर के पूछता हूँ आपको….

वैसे किसने बोल्डनेस दिखा दी?

एक बोल्ड तो मेरे जैसा होता है…

और एक नंगेपन को भी बोल्डनेस कहते हैं… जो भी हो… पोस्ट बहुत अच्छी है..

Ayaz ahmad
13 years ago

Hamen bhi is harkat par sakht aitraaz hai .
ek post bhi is vishay par hamne abhi abhi likhi hai.

http://drayazahmad.blogspot.in/2012/04/blog-post_05.html

कमल कुमार सिंह (नारद )

खुशदीप अच्छे मौलिक चुटकुले 🙂 , सिवाए तस्वीर के ..

कमल कुमार सिंह (नारद )

एक तरफ तो कहते हो हम एक ही है , एक तरफ कहते हो हम सर्वश्रेष्ठ है , किसी भी चीज को दलील देके गेंद अपने पाले करने में आप माहिर हैं . ( मेरी ये टिप्पड़ी आपके टिप्पड़ी पे है , फोटो वाले मुद्दे पे मै सहमत हूँ )

कमल कुमार सिंह (नारद )

जमाल जी , जब मनु आदम एक ही हैं , तब पाला बदल कर उनको मानने का क्या औचित्य ??? तब इस्लाम का क्या औचित्य ??? हर बार आप ये कहने की कोशिश करते हैं , की दोनों धर्म एक ही हैं , फिर बार बार इस्लाम इस्लाम चिल्लाने की क्या जरुरत … ?? इस तरह की दलीले तो मई १०० रख दूँ , खैर ये टिप्पड़ी आपके दलील पे थी .

रही बात अदम हौव्वा को नंगी फोटो लगाने की तो इस बात पे मै आपसे सहमत हूँ …

ANULATA RAJ NAIR
13 years ago

🙂

वाकई ठंडा ठंडा कूल कूल………….
हंसिये, खुश रहिये…..आगे बढिए………….
सादर

अनु

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

आदम हव्वा का नंगा फोटो लगाने पर हमें ऐतराज़ है

खुशदीप जी को उनकी ग़लती बताई तो मानने के बजाय हमारी टिप्पणी ही मिटा डाली .
खुशदीप जी की गलती दिलबाग जी ने भी दोहरा डाली .

अथर्ववेद 11,8 बताता है कि मनु कौन हैं ?
इस सूक्त के रचनाकार ऋषि कोरूपथिः हैं –
यन्मन्युर्जायामावहत संकल्पस्य गृहादधिन।
क आसं जन्याः क वराः क उ ज्येष्ठवरोऽभवत्। 1 ।

यहां स्वयंभू मनु के विवाह को सृष्टि का सबसे पहला विवाह बताया गया है और उनकी पत्नी को जाया और आद्या कहा गया है। ‘आद्या‘ का अर्थ ही पहली होता है और ‘आद्य‘ का अर्थ होता है पहला। ‘आद्य‘ धातु से ही ‘आदिम्‘ शब्द बना जो कि अरबी और हिब्रू भाषा में जाकर ‘आदम‘ हो गया।
स्वयंभू मनु का ही एक नाम आदम है। अब यह बिल्कुल स्पष्ट है। अब इसमें किसी को कोई शक न होना चाहिए कि मनु और जाया को ही आदम और हव्वा कहा जाता है और सारी मानव जाति के माता पिता यही हैं।
अपने मां बाप आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम पर मनघड़न्त चुटकुले बनाना और उनका काल्पनिक व नंगा फ़ोटो लगाना क्या उन सबकी इंसानियत पर ही सवालिया निशान नहीं लगा रहा है जो कि यह सब देख रहे हैं और फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ?
See
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/manu-means-adam.html

Anupama Tripathi
13 years ago

very nice …..!!

डॉ. दिलबागसिंह विर्क

आपकी पोस्ट कल 5/4/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा – 840:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

Satish Saxena
13 years ago

कैसी कैसी मिस्टेक होती हैं खुशदीप भाई ….
शुभकामनायें !

shikha varshney
13 years ago

हा हा हा …सही.

डॉ टी एस दराल

हा हा हा ! गर्म गर्म फ़िज़ा में कूल कूल !
बढ़िया है ।

Pratik Maheshwari
13 years ago

हाहा.. मस्त है!

सञ्जय झा
13 years ago

badhiya….bahut badhiya…..

wahan bhi kuch aisa hi likh dete to mahoul…kuch sahi rahta….

pranam.

sonal
13 years ago

LOLz jabardast

प्रवीण पाण्डेय

आनन्द आ गया पढ़कर..

vijay kumar sappatti
13 years ago

सर जी
मज़ा आ गया , कल मैंने वहां लिखा भी था कि खुशदीप भाई की टिपण्णी गौर करने लायक है ,
अब आज आपकी पोस्ट , वाह जी वाह , आईडिया वाला सही है ..

विजय

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