बॉस से बचाओ !…खुशदीप

लड़कियों को नौकरी उनकी योग्यता, शिक्षा, काम के प्रति लगन को देखकर
मिलती है या इसका कोई और पैमाना होता है…समाजवादी पार्टी के सांसद महोदय नरेश
अग्रवाल ने जिस तरह का बयान दिया है, वो शूट द मैसेंजर की थ्योरी को ही सही ठहराता
है…जनाब का कहना है कि उनकी पार्टी ने सेक्सुअल हरैसमेंट एक्ट (प्रीवेशन,
प्रोहेबेशन, रिड्रैसल) बिल को संसद में पेश करते वक्त ही आशंका जता दी है कि इस
क़ानून का दुरुपयोग होगा…नरेश यहीं नहीं रुकते…आगे जोड़ते हैं कि उन्हें सूचना
मिल रही हैं कि तमाम अधिकारियों ने ऐसे आरोपों के डर से महिलाओं को असिस्टेंट ही रखना
बंद कर दिया है…यानि जनाब को लड़कियों के लिए वर्कप्लेसेज़ को महफूज़ बनाने से
ज़्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं किसी पुरुष पर कोई गलत आरोप ना लगा दे…ऐसे
ही सभी जलते सवालों पर जानो दुनिया न्यूज़ चैनल पर 27 नवंबर को आज का मुददा
कार्यक्रम में बहस हुई…मैंने भी अपने विचार रखे…इस लिंक पर आप भी देखिए….

Khushdeep Sehgal
Follow Me
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
प्रवीण पाण्डेय

दुर्भाग्यपूर्ण है।

Arvind Mishra
12 years ago

वर्किंग प्लेसेज पर महिलाओं के लिए बनाये कानून ऐसे हैं कि उनका दुरूपयोग भी अन्यान्य निहित कारणों से किया जा सकता है! और यह भय किसी को भी होना लाजिमी है

अजित गुप्ता का कोना

अब शायद बॉस बनने से भी डर लगे, ऐसे लोगों को।

Satish Saxena
12 years ago

चिंता अपनी अपनी 🙂

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x