बॉस से बचाओ !…खुशदीप

लड़कियों को नौकरी उनकी योग्यता, शिक्षा, काम के प्रति लगन को देखकर
मिलती है या इसका कोई और पैमाना होता है…समाजवादी पार्टी के सांसद महोदय नरेश
अग्रवाल ने जिस तरह का बयान दिया है, वो शूट द मैसेंजर की थ्योरी को ही सही ठहराता
है…जनाब का कहना है कि उनकी पार्टी ने सेक्सुअल हरैसमेंट एक्ट (प्रीवेशन,
प्रोहेबेशन, रिड्रैसल) बिल को संसद में पेश करते वक्त ही आशंका जता दी है कि इस
क़ानून का दुरुपयोग होगा…नरेश यहीं नहीं रुकते…आगे जोड़ते हैं कि उन्हें सूचना
मिल रही हैं कि तमाम अधिकारियों ने ऐसे आरोपों के डर से महिलाओं को असिस्टेंट ही रखना
बंद कर दिया है…यानि जनाब को लड़कियों के लिए वर्कप्लेसेज़ को महफूज़ बनाने से
ज़्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं किसी पुरुष पर कोई गलत आरोप ना लगा दे…ऐसे
ही सभी जलते सवालों पर जानो दुनिया न्यूज़ चैनल पर 27 नवंबर को आज का मुददा
कार्यक्रम में बहस हुई…मैंने भी अपने विचार रखे…इस लिंक पर आप भी देखिए….

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