ग्यारह जुलाई का दिन खास है…अपने लिए तो सभी ब्लॉग लिखते हैं लेकिन एक ब्लॉग जो पूरे ब्लॉगजगत की खुशियों को साझा करने के लिए मंच देता है…वो ब्लॉग आज अपनी 500वीं पायदान पार करने जा रहा है…खुशी जन्मदिन की हो या वैवाहिक वर्षगांठ की, सबसे पहले सूचना पाबला जी से ही मिलती है…पिछले साल मेरी वैवाहिक वर्षगांठ या जन्मदिन पर जितनी बधाईयां मिली थीं, उससे पहले किसी साल में नहीं मिली थी…सिर्फ पाबला जी के ब्लॉग की मेहरबानी से…
मुझे पिछले साल ताज्जुब इस बात पर भी हुआ था कि मैंने कभी उन्हें नहीं बताया था कि मेरी वैवाहिक वर्षगांठ कब है लेकिन 17 अक्टूबर की पूर्वसंध्या पर ही उन्होंने मुझे फोन पर बधाई दी तो मैंने उनसे पूछा भी था कि आपको कैसे पता चला…लेकिन उन्होंने नहीं बताया….ठीक वैसे ही जैसे हम पत्रकार कभी अपने सोर्स का खुलासा नहीं करते…पाबलाजी वाकई वो ब्लॉगयोगी हैं जिन्होंने इस विधा को वर्चुएल्टी से निकालकर रिएल्टी में बदला है…
सब की खुशियों को याद रखने वाले पाबला जी बस अपने जन्मदिन या वैवाहिक वर्षगांठ पर पोस्ट नहीं लगाते…इस संबंध में पाबला जी को एक गीत समर्पित है जो पहली बार मैंने उन्हीं से सुना था…आप भी वो गीत पढ़िए, सुनिए, देखिए, गुनगुनाइए…
नदिया न पीए कभी अपना जल,
वृक्ष न खाए कभी अपने फल,
अपने तन का,मन का, धन का दूजों को जो दे दान है,
वो सच्चा इनसान अरे इस धरती का भगवान है,
नदिया न पीए कभी अपना जल…
अगर किसी का तन जले और दुनिया को मीठी सुहास दे
दीपक का उसका जीवन है जो दूजों को अपना प्रकाश दे,
धर्म है जिसका भगवद् गीता, सेवा ही वेद-कुरान है,
वो सच्चा इनसान अरे इस धरती का भगवान है,
नदिया न पीए कभी अपना जल…
चाहे कोई गुणगान करे, चाहे करे निंदा कोई,
फूलो से कोई सत्कार करे या काटे चुभा जाए कोई,
मान और अपमान ही दोनों जिसके लिए समान है
वो सच्चा इनसान अरे इस धरती का भगवान है…
नदिया न पीए कभी अपना जल…
(फिल्म-कण कण में भगवान-1963, गायक- महेंद्र कपूर, गीतकार- भरत व्यास, संगीतकार- पंडित शिवराम)
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यह गीत, मुझमें मानव जीवन की सार्थकता दर्शाने की ऊर्जा बनाए रखता है।
आप सभी शुभचिंतकों की निश्छल भावनाओं के समक्ष नतमस्तक हूँ।
स्नेह बनाए रखिएगा
पाबला जी के सभी प्रयास बेहद सराहनीय हैं…. ढेरों शुभकामनाएँ!
सोना तप कर ही कुंदन बनता है। पाबला जी हिन्दी ब्लागजगत के कुंदन हैं।
कुंदन बनने के पीछे उन्होंने कितना ताप झेला होगा, उस का अनुमान लगाया जाना संभव नहीं।
पाबला जी जैसे इंसान दुनिया में गिनती के होंगे।
http://jholtanma-biharibabukahin.blogspot.com/2010/09/blog-post_21.html
लीजीए देखिए तो कहीं , इसकी शुरूआत पिछले बरस ही तो नहीं हो गई खुशदीप भाई । पोस्ट तो आज भी झा जी कहिन पे दांत चियार के टॉपम टॉप पोस्ट में सटी हुई है ..happy Pabla Day
पाबला जी पर रिसर्च काम की है . लेकिन समय पर भी ध्यान दिला देना .
सच कहा, वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै।
पाबला जी तो हरदिल अजीज हैं। उनका उत्साह काबिले तारीफ है।
सचमुच कमाल के हैं पाबला जी..
पाबला जी सच मे लाजवाब हैं।उन्हें बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।
यही उनकी सबसे बडी खासियत है।
पाबला जी को बहुत बधाई!
पाबला जी नाम आते ही एक हंस मुख व्यक्ति का चेहरा आँखों के सामने आ जाता है…उन जैसा जिंदा दिल इंसान दूसरा ढूंढना मुश्किल है…इश्वर उनकी इस हंसी को सदा बरकरार रखे…
पाबला जी सबके प्रिय हैं। उन जैसों की ब्लॉग जगत को सख़्त दरकार है।
पाबला जी ने तो अपना पूरा जीवन ही ब्लॉग जगत और हिन्दी सेवा के लिए समर्पित कर दिया है1 उनके जैसा दूसरा व्यक्ति मैंने तो नहीं देखा। कुछ दिन पहले मैंने 'जनसंदेश टाइम्स' में उनके बारे में लिखा था, उसे पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक कर सकते हैं
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TOP HINDI BLOGS !
पाबला जी का जन्मदिन मैंने भी खोजी पत्रकारिता के ज़रिए पता कराया था…इस ब्लॉगयोगी ने 21सितंबर को दुनिया में जन्म लिया…मैंने पिछले साल प्रस्ताव किया था कि 21 सितंबर को हर साल ब्लॉगजगत पाबला डे के तौर पर मनाए और गूगल को भी इसकी सूचना दे…इस साल हम सबको धूमधाम से पाबला डे मनाने की तैयारी करनी चाहिए….
जय हिंद…
पावला जी को हार्दिक नमन.
सुन्दर गीत प्रस्तुत किया है आपने.
प्रेरणास्पद बोल निस्वार्थता व परोपकार का भाव उदय कर रहे है.
अच्छे इंसान कभी छिप नहीं पाते खुशदीप भाई !
पाबला जी की खासियत बिना अहसास दिलाये सेवा करने की है, जिसके कारण इस ब्लॉग सरदार को सम्मान के साथ याद करता हूँ ! ऐसे लोगों के कारण समाज में जीवन्तता बनी रहती है !
शुभकामनायें आपको और आपकी पोस्ट के माध्यम से ब्लॉग सरदार के लिए एक फ़िल्मी लाइन समर्पित करता हूँ ….
तुमको हमारी उम्र लग जाए ….
जनाब पाबला जी,सब के हितेशु हैं… जब मेरा जन्मदिन आया था तो उनका फोन मिला ..बेहद ख़ुशी हुई ..एक नए ब्लोगर को इतना अपनापन …सच वो बधाई के पात्र हैं .
इस शेरे सिख की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है
पाबला जी को बहुत बधाई!
.और तो और… पाबला जी,
यारों के यार हैं.. मुझे उनके आत्मीय और बेकल्लुफ़ स्वभाव के कारण इश्क हो चला है ।
वह अपने को पोज करते कभी नहीं दिखे…. मेरा उनसे पहला परिचय किसी फोटो को हटाने या लगाने के विवाद के चलते हुआ था… और आज… आज हाल यह है कि उनकी आवाज़ सुनते ही एक एनर्जी भर जाती है… वह अपनी चन्द बातों से ही मेरा दिल बल्ले बल्ले कर देते हैं… ऒए जिन्दे रह साड्डे सरदार !
सच में पाबला जी लाजवाब हैं।
आपको शुभकामना…….
जय हिंद
जब तक यह ब्लॉग चलाने का इरादा बनाये रखा तब तक भी अच्छा था और अब इसका स्वरूप बदल दिया जाएगा तो यह और भी अच्छा है। पाबला जी अच्छे हैं क्योंकि उनकी सेवा अच्छी है। उनकी निष्पक्षता देखकर मुझे याद आ जाते हैं जनाब एस. एम. मासूम साहब !
हिंदी ब्लॉगर्स को ‘अमन का पैग़ाम‘ दे रहे हैं जनाब एस. एम. मासूम साहब
पाबला जी की तो बात ही कुछ और है
पाबला जी दा जबाब नई….
"कम्पयूटर अविश्वसनीय रूप से तेज, सटीक और भोंदू है.
पाबला अविश्वसनीय रूप से धीमा, अस्पष्ट और प्रतिभावान है.
लेकिन दोनों मिलकर, कल्पना-शक्ति से ज़्यादा ताकतवर हैं !! "