बिना शब्द की पोस्ट…खुशदीप

इसे  देखें, आप हिल जाएंगे
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
अनूप शुक्ल

त्रासद स्थिति है।

vandana gupta
13 years ago

उफ़ ………कितना वीभत्स सत्य है ………कब समझेंगे हम अन्न की कीमत ………बहुत पहले एक विज्ञापन आया करता था जिसमे अन्न की कीमत दर्शायी जाती थी जब कृष्ण द्रौपदी के बरतन से एक चावल का दाना खाते हैं और उस मे तृप्त हो जाते हैं ………कि अन्न के एक एक दाने की कितनी महत्ता है मगर ना जाने हम लोग कब ये समझेंगे?

प्रवीण पाण्डेय

अन्न के लिये तरसते गरीब, अन्न का तिरस्कार करते अमीर..

देवेन्द्र पाण्डेय

भयंकर है। हिले इसलिए नहीं कि मैने इससे बड़ी गरीबी देखी है। मैने देखा है लोगों को जानवर के मल से गेहूँ के दाने बीनते और इस प्रकार जुटाये अन्न से दो रोटी खाते हुए।

राज भाटिय़ा

बहुत पहले देखी थी सच मे हिल गये थे…

अजय कुमार झा

और कम से कम भारत जैसे देश में ऐसी हर मौत के लिए सीधे सीधे घोटालेबाज नेताओं और जमाखोर पूंजीपतियों को जिम्मेदार ठहरा के उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए

मुकेश कुमार सिन्हा

hadd hai..:(

संजय कुमार चौरसिया

वाकई

Shah Nawaz
13 years ago

खुशदीप भाई, मैंने बिलकुल यही हालत अपने देश में देखी है… दावत के बाद भूखे बच्चों को ज़मीन से उठाकर खाते हुए देखकर रोना आ गया था…

उफ्फ्फ अभी भी कितने लोग भर पेट खाना नहीं खा पाते हैं….

Unknown
13 years ago

…….

……..

दिनेशराय द्विवेदी

फिल्मकार ने एक हकीकत को अंजाम दिया है। लेकिन यह विभत्स हकीकत अधूरी है। इतने लोग धरती पर भूख से इसलिए नहीं मरते कि कुछ लोग जरूरत से अधिक खाते हैं। बल्कि इस लिए कि धरती पर मानवोपयोगी पदार्थों का वितरण उचित और न्यायिक रीति से नहीं होता। मुझे पता है कुछ साल पहले मेरे ही नगर में एक भाई ने अपनी दो बहनों की जान इसी भूख के कारण ले ली थी। उस के खिलाफ मुकदमा चला लेकिन उस ने पहले ही दिन स्वीकार कर लिया कि उस ने अपनी बहनों की हत्या का अपराध किया है। हर हाथ को काम और मुहँ को रोटी का जमाना तभी आएगा जब हम चाहेंगे।

shikha varshney
13 years ago

उफ्फ्फ….वाकई ..

डॉ टी एस दराल

सचमुच , हिला कर रख दिया !
जूठा छोड़ने वालों पर ज़ुर्माना होना चाहिए .
कहीं कहीं कुत्ते भी इंसान से बेहतर जीवन जीते हैं .

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x