अब आपको ज़्यादा नहीं घुमाता…प्रफुल्ल सामल उड़ीसा की बीजेडी सरकार के नगीने हैं…उड़ीसा इन दिनों बाढ़ की मार से कराह रहा है…लेकिन सामल साहब का कहना है कि उड़ीसा की मौजूदा बाढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का सुअवसर है…ये क्या…आप तो ये पंक्तियां पढ़ कर ही त्यौरियां चढाने लगे…अरे जनाब सामल द स्टेट्समैन के विचार पहले पूरी तरह जान तो लीजिए…आप भी न कायल हो जाएं तो फिर कहिएगा…
हां तो साहेबान…सामल जी ने ये क्रांतिकारी बयान पिछली 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर दिया…उनका कहना था कि लोग देखना चाहते हैं कि बाढ़ से प्रभावित ज़िले कैसे लगते हैं…फ्लड जोन टूरिस्ट जोन भी है…लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों को एन्जॉय करेंगे…सामल ट्रैवल और हास्पिटेलिटी सेक्टर के नुमाइंदों की मौजूदगी में ये बयान दे रहे थे…
.सामल साहब का कोई कसूर नहीं…उन्होंने तो कटक में हर शाम को नराज बैरेज पर लगने वाला मेले जैसा नज़ारा देखा होगा..जहां उफनती महानदी को देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग बाल-बच्चों के साथ आते हैं…कमाई का मौका देख चाट पकौड़ी, आइसक्रीम. चिप्स, कोल्ड ड्रिंक बेचने वाले कई हॉकर भी वहां पहुंच जाते हैं…अब ये सब देखकर मंत्री जी ने अपने महकमे को बढ़ावा देने वाला बयान दे दिया तो भला कौन सा गुनाह कर दिया…ये विरोधी पार्टियों में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को न जाने क्यों पेट में दर्द हो गया…बीजेपी के प्रदेश मुखिया जुआल ओराम कहते हैं…बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग खाने और पीने के पानी के बिना तड़प रहे हैं और मंत्री पर्यटन को बढ़ावा देने का राग अलाप रहे हैं…क्या बाढ़ पीड़ितों का दर्द कोई तमाशा है…
उड़ीसा के कांग्रेस प्रमुख निरंजन पाठक ने भी सामल को मानवीय आपदा को भुनाने की कोशिश के लिए जमकर आड़े हाथ लिया है…कहा है…मंत्री कुदरत के क़हर को टूरिज्म पैकेज के रूप में बेचना चाह रहे हैं…पूर्व कृषि मंत्री और बीजेडी के वाइस प्रेज़ीडेंट डॉ दामोदर राउत ने भी सामल के बयान को गलत वक्त पर दिया गया गलत बयान माना है..उड़ीसा में हालिया बाढ़ में 41 लोगों की जान जा चुकी है, दस ज़िलों (केंद्रपारा, जाजपुर, बालासोर,क्योंझर, मयूरभंज, कटक, जगतसिंहपुर, अंगुल, पुरी, खुर्दा) में पच्चीस लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं….2-23 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है…उड़ीसा सरकार ने केंद्र से करीब सवा तीन हज़ार करोड़ का राहत पैकेज मांगा है…केंद्र सरकार की एक टीम मौके का मुआयना कर गई है…जल्दी ही उसकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार राहत का ऐलान करेगी…
अरे आपने सामल साहब का बयान अमानवीय तो करार दे दिया…लेकिन सोचो किसी भी प्राकृतिक आपदा के बाद बिलखते लोग…और उन्हें देखने के लिए विशेष टूरिज्म पैकेज के तहत दुनिया भर से आते सैलानी…होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री की कितनी बल्ले बल्ले हो जाएगी…अरे गरीब को तो आज नहीं तो कल तो मरना ही है…लेकिन उसके दर्द से किसी के लिए डॉलर की बरसात होती है तो हर्ज़ ही क्या है…देखा नहीं डैनी बॉयल ने स्लमडॉग मिलियनेयर्स में कैसे भारत की गरीबी दिखाकर अपनी तिजोरियां भरी थीं…अब जो बिकता है उसे क्यों न बेचा जाए..गरीबी, भूख, बाढ़ को भी सेलेबुल कमोडिटी बनाने वाले सामल द ग्रेट को मेरी नज़र में तो अर्थशास्त्र का अगला नोबल पुरस्कार दिया जाना चाहिए…
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All politicians are same. shame shame
सामल साहब जानते हैं कि हमारे यहाँ तमाशबीनों की कमी नहीं ।
बाढ राहत के नाम पर आने वाले रूपयों से मौज भी हो जाती है ऐसे नेताओं और इसका दायित्व संभालने वाले अफसरों की।
बाढ में कितने घर बरबाद हुए… कितने रोजी रोटी को मोहताज हुए…इनको क्या…
शर्म आती है ऐसे नेताओं पर….
नेता जी का अच्छा भाग्य और जनता का दुर्भाग्य |
जहाँ भी जैसा भी अवसर मिल जाए…
ufff, samajh nahi aata, politics mei jane ke baad logo ki soch mei itna badlaav kyun aa jata hai,
ग्रेट थिंकर ही सोच सकता है कि भारत की आपदाएं भी कैसे सकारात्मक नतीजे दे सकती है ?
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किसी के फटे में झाँकने का सुख…
क्रूर मानसिकता की परिचायक।
ऐसी भी है दुनिया…