प्रेग्नेंसी में मोबाइल से दूर ही रहना अच्छा…खुशदीप

भारत में मोबाइल धारकों की संख्या 30 सितंबर 2010 को 68 करोड़ 77 लाख थी…ये आंकड़ा तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है…2001 में हमारे देश में पचास लाख से भी कम मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे…अगले पांच साल में देश के हर दस लोगों में से 7 के पास मोबाइल होगा…अब मोबाइल होगा तो बात भी होगी…ज़रूरी बात हो या गपशप मोबाइल साथ देगा ही…और अगर प्रेग्नेंसी में ‘would be mothers’ को आराम की सलाह दी गई हो तो टाइम पास करने के लिए मोबाइल पर बतियाना और भी बढ़ जाता है…ऐसा करने वाली महिलाएं सावधान…प्रेग्नेंसी में मोबाइल का जितना कम इस्तेमाल होगा, दुनिया में आने वाले बच्चे पर उतना ही बड़ा एहसान रहेगा…

ये मैं नहीं कह रहा, अमेरिका में हुए एक शोध के नतीजे बता रहे हैं…

कैलिफोर्निया और साउथ कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटीज़ की ओर से कराए गए शोध के मुताबिक अगर कोई महिला प्रेगनेंसी के वक्त मोबाइल पर ज़्यादा बात करती है…और जो बच्चा जन्म लेता है वो खुद भी सात साल की उम्र के आते-आते मोबाइल का इस्तेमाल शुरू कर देता है, तो उस बच्चे में स्वभावगत खामियां (behavioural problems) आने का खतरा कहीं ज़्यादा बढ़ जाता है…पहले 13,000 और फिर 29,000 किशोरों पर कराए गए सर्वे के आधार पर शोध के नतीजे निकाले गए हैं…

‘Journal of Epidemiology and Community Health’ में छपे शोध के मुताबिक जिन बच्चो का गर्भ के दौरान मोबाइल से एक्सपोज़्रर रहता है, साथ ही जन्म लेने वाला बच्चा अगर जल्दी ही मोबाइल का इस्तेमाल शुरू कर देता है…तो ऐसे बच्चों में से 50 फीसदी में एबनार्मेल्टी या स्वभाव से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है…और जो बच्चे सिर्फ गर्भ में ही मां के ज़रिए मोबाइल के दुष्प्रभाव में आते हैं लेकिन खुद छोटी उम्र में मोबाइल का इस्तेमाल शुरू नहीं करते, ऐसे बच्चों में 30 फीसदी बिहेवियरल फाल्ट का ज्यादा खतरा रहता है…और जो बच्चे गर्भ मे तो मोबाइल के संपर्क में नहीं आते लेकिन खुद छोटी उम्र में ही मोबाइल पर बतियाना शुरू कर देते हैं, उनमें 20 फीसदी एब्नार्मेल्टी का ज़्यादा खतरा रहता है…

द टेलीग्राफ अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार दोनों स्टडीज़ को मिला कर देखा गया तो पता चला कि सर्वे के कुल बच्चों में से 10 फीसदी ऐसे थे जिनकी मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान रोज़ कम से कम चार बार मोबाइल पर बात करी थीं…शोध से जुडी़ टीम का मानना है कि इन नतीजों पर मुहर के लिए क्लीनिकल टेस्ट होना जरूरी है लेकिन ये तथ्य काटा नहीं जा सकता कि छोटी उम्र में मोबाइल के एक्सपोज़र से बच्चों में खामियां आने का खतरा बढ़ जाता है…पब्लिक हेल्थ से जुड़े अधिकारी इस बारे में लोगों को आगाह तो कर ही सकते हैं…

हालांकि कई जानकार इस शोध के नतीजों को अतिश्योक्ति करार दे रहे हैं…कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड स्पीजलहाल्टर का कहना है कि ये कैसे कहा जा सकता है कि बच्चों में डिसआर्डर के लिए सिर्फ मोबाइल का एक्सपोजर ही जिम्मेदार है…ये वैसे ही जैसे फुटबाल वर्ल्ड कप के दौरान पॉल बाबा (आक्टोपस) की भविष्यवाणी करने संबंधी मानसिक शक्ति को साइंस मान्यता दे दे…और अगर ऐसा होता है तो मोलस्क्स को लेकर अब तक जो भी स्टडी थी, उसमें क्रांतिकारी परिवर्तन आ जाएगा…

यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स की प्रोफेसर पेट्रेशिया मैक्केनी भी शोध के नतीजों से ज़्यादा प्रभावित नहीं है…उनका कहना है कि गर्भवती महिलाओं के मोबाइल पर बात करने से उनके गर्भ में शिशु के एक्सपोज़र में आने का कोई साइंटिफिक आधार नहीं है…मोबाइल से जो रेडियोफ्रीक्वेंसी रेडिएशन निकलता भी है वो सिर्फ कान के उसी हिस्से के पास रहता है जो मोबाइल के नज़दीक रहता है…

बहरहाल नज़रिया अपना-अपना है…लेकिन प्रेग्नेंसी के महीनों में थोड़ी सावधानी बरत ली जाए तो हर्ज़ ही क्या है….

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शरद कोकास

मोबाइल से बात भले न करे गाने सुने जा सकते है ..

बेनामी
बेनामी
14 years ago

अविनाश जी कहना सही है!
मगर मोबाइल से डॉक्टर को पतिदेव ही बुलायेंग!

अविनाश वाचस्पति

दूर तो हो जायें
पर यह तो बतलायें
कि बिना मोबाइल के
डॉक्‍टर को कैसे बुलायें
और मोबाइल के खतरे
बतलाने के लिए
कौन सा मोबाइल मिलाएं
लैंडलाईन अब रहे नहीं है, खतरे में है उनकी जान

क्‍या कहा आपन
अविनाश मूर्ख है

M VERMA
14 years ago

अच्छी जानकारी

शिवम् मिश्रा


बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

बुरी आदत है, ये आदत बदल डालो,,
क्योंकि ये आदत तो वो आदत है जो इक दिन……

S.M.Masoom
14 years ago

मोबाइल तो सभी के लिए नुकसानदायक है.. अच्छी जानकारी दी है खुशदीप भाई..आभार

राज भाटिय़ा

खुशदीप जी हमारे देश मै तो बच्चा मोबाईल ले कर पेदा होता हे जी:-( आप की बात से सहमत हे, लेकिन अगर मोबाईल पास ना हो तो भी इस का असर होता हे , इस के सिंगनल की तरंगे तो हर तरफ़ हे, हां मोबाईल होने से थोडा ज्यादा खतरा होता हे. धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत )

आपकी यह रचना कल के ( 11-12-2010 ) चर्चा मंच पर है .. कृपया अपनी अमूल्य राय से अवगत कराएँ …

http://charchamanch.uchcharan.com
.

डॉ टी एस दराल

मुश्किल है ये आदत छूटना ।

रचना
14 years ago

some other useful links on this topic

http://www.greenarmour.com.au/

http://www.liveindia.com/news/radiation.html

http://www.scribd.com/doc/3773284/Health-Effects-from-Cell-Phone-Tower-Radiation

and i understand your post is based on a survey not your original but we need to understand the larger part of the issue rather then prohibiting "woman"

smoking by anyone near the pregnant woman harms the unborn

रचना
14 years ago

खुशदीप
एक अच्छी पोस्ट
पर
आप कि जानकारी के लिये बताना चाहुगी कि मोबाइल फोन का इस्तमाल अगर गर्भवती महिला ना भी करे तब भी उसके वही दुष्परिणाम होगे जो आप ने यहाँ बताये हैं । कारण घर मे कोई भी मोबाइल इस्तमाल करेगा तो उसके radiation का असर अजन्मे भुंण पर अवश्य होगा . ज्यादा जानकारी आप को यहाँ मिल सकती हैं ।
http://www.babycenter.in/pregnancy/isitsafeto/mobilephone/
ये सब मिठिया भ्रम ही कि गर्भवती महिला को अगर शिशु को स्वस्थ रखन हैं तो ये ये ना करे , जैसे सिगरेट पीना , मोबाइल का इस्तमाल इत्यादि । क्युकी प्रदुषण सबके करने से फेलता हैं और उसका असर बच्चे पर पड़ता हैं गर्भवती महिला ना भी करे तो भी । जिन घरो मे भी गर्भवती महिला हैं वहाँ किसी भी ऐसी देवाईस का उपयोग न हो जिसमे से radiation निकलता हो ऐसा लिखिये please ताकि आने वाले पीढ़ी स्वस्थ हो

प्रवीण पाण्डेय

बड़ी उपयोगी जानकारी, अभी कईयों को जानकारी देते हैं।

संजय भास्‍कर

बिल्कुल नई जानकारी । धन्यवाद

Khushdeep Sehgal
14 years ago

अरे भई, मैं ये कहां कह रहा हूं, बातें करना ही बंद कर दो…

डबल आराम के लिए बेड पर एक बेड और डाल दीजिए…साथ में दो तीन लैंड-लाइन पकड़ा दीजिए…जी भर कर करने दीजिए बात…

मोबाइल के खतरे से कम से कम आने वाला नन्हा मेहमान तो बचा रहेगा…उस बेचारे को बिना बात क्यों सज़ा दी जाए…

बाकी आजकल हर कोई परम विद्वान हैं…

जय हिंद…

शिवम् मिश्रा

संगीता जी से सहमत हूँ कि बात वही आ कर रुक जाती है कि कोई माने तब ना !!!
जय हिंद !!

संगीता स्वरुप ( गीत )

अच्छी जानकारी , उपयोगी भी ..पर कोई माने तब न

अजित गुप्ता का कोना

यही तो समय है जब फुर्सत ही फुर्सत है और इस पर भी आप मोबाइल पर बात ना करें कि नसीहत दे रहे हैं? गर्भवती पत्‍नी पीहर आयी है और वह पतिदेव से रोजाना दो-तीन घण्‍टे बात ना करे, यह भला सम्‍भव है? अजी छोडिए इन सुझावों को। खुशदीप जी आपकी बात कोई नहीं मानने वाला। सब गेट आइडिया वाले हो गए हैं।

Sushil Bakliwal
14 years ago

बिल्कुल उचित सलाह और नई जानकारी । धन्यवाद सरजी…

Satish Saxena
14 years ago

बढ़िया आवश्यक तथ्य बताने के लिए आभार खुशदीप भाई !

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