प्यार-प्यार का फ़र्क…खुशदीप

एक आदमी की प्रार्थना से ईश्वर प्रसन्न हो गए…
बोले…वत्स अपनी कोई इच्छा हो तो बता
आदमी बोला…भगवन् मेरी इच्छा तो कोई नहीं लेकिन आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं
ईश्वर…पूछ बालक
आदमी…हे परमेश्वर, प्यार हम भी करते हैं, प्यार आप भी करते हैं, लेकिन इन दोनों में फ़र्क क्या होता है…
ईश्वर…मेरा प्यार आसमान में उड़ान भरता परिंदा है और तुम्हारा प्यार पिंजड़े में कैद परिंदा है…

स्लॉग ओवर

देश का एक महाभ्रष्ट नेता इस्राइल के दौरे पर गया…यरूशलम में उसे दिल का दौरा पड़ा और हमेशा के लिए दुनिया को विदा कह गया…नेता जी के साथ जो लोग गए हुए थे, उनसे यरूशलम के स्थानीय प्रशासन ने कहा कि अगर आप नेता को यरूशलम की पवित्र ज़मीन में दफ़न करना चाहेंगे तो सौ डॉलर का खर्च आएगा और अगर आप इसे अपने देश में ही ले जाना चाहें तो पांच लाख डॉलर का खर्च आएगा…ये सुनकर नेता के साथ गए लोग एक कोने में मंत्रणा करने के लिए गए और वापस आकर बोले कि वो नेता के शव को भारत ही ले जाना चाहेंगे और इसके लिए पांच लाख डॉलर खर्चने के लिए तैयार हैं…यरूशलम के स्थानीय प्रशासन के अधिकारी ये सुनकर हैरान हुए…बोले कि पांच लाख डॉलर से आप गरीबों की भलाई के कई काम कर सकते हैं…मरीजों के लिए दवाईयां खरीद सकते हैं…गरीब बच्चों को पढ़ा सकते हैं…आप क्यों इतने पैसे खर्चना चाहते हैं…ये सुनकर नेता के साथ गई टीम का एक आदमी बोला…सदियों पहले जीसस (यीशु मसीह) को भी यरूशलम की पवित्र ज़मीन में दफ़नाया गया था…लेकिन तीन दिन बाद ही वो दुनिया की भलाई के लिए फिर जीवित हो गए थे…हम अपने नेता के साथ ऐसा जोख़िम हर्गिज़ नहीं लेना चाहते…यीशु तो दुनिया का परोपकार चाहते थे लेकिन नेता दुनिया का ही भ्रष्टाचार से बंटाधार कर देगा…

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