पवन हंस: मुस्लिमों को ही जॉब का ये है पूरा सच


सोशल मीडिया पर पवन हंस के खिलाफ बैन की मांग का ठोस आधार नहीं, द वॉयर की रिपोर्ट में दो हिन्दू स्टूडेंट्स के हवाले से बताया गया विवाद का पूरा सच, पवन हंस ने अब तक 38 प्रशिक्षु चुने हैं, जिनमें से सिर्फ 13 ही मुस्लिम


नई दिल्ली (18 अप्रैल)।

पवन हंस लिमिटेड में प्रशिक्षु (Apprentice) विवाद को लेकर कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स की ओर से जिस तरह की बातें की जा रही हैं और पवन हंस को बैन करने की मांग की जा रही है, वो ठोस ज़मीन पर नहीं बल्कि आधे अधूरे दस्तावेज़ पर आधारित है. बता दें कि पवन हंस की ओर से 30 मार्च 2022 को एक सूची जारी की गई जिसमें 30 मार्च 2022 से 29 मार्च 2023 तक अप्रैंटिसशिप के लिए चुने 9 उम्मीदवारों के नाम थे, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं. इस लिस्ट में शामिल सभी लोग मुस्लिम हैं. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स की ओर से सवाल उठाए जाने लगे कि इस लिस्ट में एक भी गैर मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं है. 

पवन हंस लिमिटेड सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के तहत आने वाली मिनी रत्न और देश में सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी है.

पवन हंस लिमिटेड प्रशिक्षु विवाद में जांच से सामने आया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया ने एयरोनॉटिक्स कोर्स में बीएससी कोर्स पवन हंस लिमिटेड के साथ शुरू किया. इसके लिए दो बैच-  एविओनिक्स और मेकेनिकल में 30-30 छात्रों को दाखिला दिया गया. ये स्वपोषित कोर्स है जिसमें वार्षिक फीस एक लाख तीस हजार रुपए ली जाती है. इस फीस का 30 फीसदी जामिया को और बाकी हिस्सा पवन हंस को जाता है. द वॉयर का दावा है कि इस संबंध में आधिकारिक दस्तावेज तक उसकी पहुंच है.

                              

सेलेक्शन का मापदंड किसी उम्मीदवार के छह सेमेस्टर्स के कुल मार्क्स और डीजीसीए यानि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के क्लियर किए गए मॉड्यूल्स की संख्या पर निर्भर करता है. द वॉयर की रिपोर्ट के मुताबिक एक उम्मीदवार ने जानकारी दी कि इस साल इंटरव्यू के लिए कुल 30 स्टूडेंट्स को सेलेक्ट किया गया. इन 30 में से चार ने निजी कारणों की वजह से ड्रॉप आउट कर दिया, इनमें दो मुस्लिम और दो हिन्दू थे. बाक़ी बचे 26 उम्मीदवारों में इंटरव्यू के बाद दस को अप्रेंटिसशिप के लिए चुना गया. इनमें से भी एक मुस्लिम उम्मीदवार ने इंटरव्यू क्लियर करने के बावजूद निजी कारण से अपना नाम वापस ले लिया.

जिन चार छात्रों ने इंटरव्यू से पहले ही अपने नाम वापस ले लिए थे, उनमें से एक हिन्दू स्टूडेंट शुभ सोलंकी से से द वॉयर ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मैं और एक और हिन्दू उम्मीदवार मेरा दोस्त दीपित गोयल दोनों ही अपने बैच के टॉपर्स थे. हमने अपने निजी कारणों से हटने का फैसला किया. मैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं. चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित है. क्योंकि ये माइनॉरिटीज़ संस्थान है, इसलिए यहां मुस्लिम स्टूडेंट्स की संख्या अधिक है. जामिया में मैंने हिन्दू छात्र होने की वजह से कभी कोई भेदभाव महसूस नहीं किया और सभी मुस्लिम स्टूडेंट्स भी मेरे दोस्त हैं.

द वायर ने एक और छात्र अंश अग्रवाल से संपर्क किया तो उसने कहा कि मेरी समस्या चयन के मापदंड को लेकर है. मैं जानना चाहता हूं कि विभिन चयन मापदंडों को कितना वेटेज दिया जाता है, क्या अलग अलग ब्रांचों के छात्रों को अलग अलग तरीके से चुना जाता है.

अंश ने ये भी कहा कि आम तौर पर मॉडयूल्स को मार्क्स से ज्यादा तरजीह दी जाती है लेकिन कोविड की वजह से हमने ज़ोर दिया था कि सीजीपीए को भी वेटेज दी जाए. महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण है लेकिन मैं नहीं जानता कि दोनों ब्राचेज़- एवियोनिक्स और मेकेनिकल को इसके लिए क्लब किया गया या नहीं. इसलिए चयन प्रक्रिया साफ़ नहीं है. इसकी वजह से मुस्लिम और हिन्दू दोनों तरह के छात्रों को, जिन्होंने या मॉडयूल्स या सीजीपीए में अच्छा किया, उन्हें नुकसान भुगतना पड़ा. अंश ने ये भी कहा कि मेरे पास इस समस्या को साम्प्रदायिक कहने का कोई आधार नहीं है, न ही मैं इसे सनसनी का कारण बनाना चाहता हूं, मैं बस ये जानना चाहता हूं कि जो सेलेक्ट नहीं हुए, वो कहां ग़लत हुए.

द वॉयर के मुताबिक एक सूत्र ने अज्ञात रहने की शर्त पर बताया कि पवन हंस ने अब तक कुल 38 उम्मीदवार चुने है जिनमें से सिर्फ़ 13 मुस्लिम हैं. एक उम्मीदवार ने कहा कि सेलेक्शन कैसे अनुचित हो सकता है जब पूरा पैनल गैर मुस्लिमों का बना हो और मापदंड का आधार सिर्फ मेरिट हो. इस उम्मीदवार ने ये भी कहा कि इस विवाद से यूनिवर्सिटी के अन्य उम्मीदवारों, हिन्दू और मुस्लिम, दोनों के रोजग़ार अवसरों का नुकसान होगा.

जांच से ये भी सामने आया कि पवन हंस की ऐसी ही पार्टनरशिप मुंबई यूनिवर्सिटी के साथ भी है. इस बार वहां से 15 उम्मीदवार चुने गए जिनमें से केवल तीन मुस्लिम हैं.

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x