नॉन वेज की शौकीन है यह गाय, कुरूम्बी ऐसा करती है तो घूरती है शाकाहारी किंगिनी

 

Photo Credit: Faisal

केरल के कोट्टायम के राजेश पल्लाथ की दो पालतू गायों का खाने का अलग अलग
बर्ताव



नई दिल्ली (10 सितंबर)।

केरल में कुरुम्बी
नाम की गाय सुर्खियों में है. कोट्टायम ज़िले के उरूलीकुन्नम के रहने वाले राजेश
पल्लाथ की ये पालतू गाय की खाने की आदत अजब है. कुरुम्बी को नॉन वेज (मांसाहारी)
खाना बहुत पसंद है. ऐसा नहीं कि ये शाकाहारी चीज़ें बिल्कुल नहीं खाती. ये
शाकाहारी खाना भी खाती है लेकिन मांसाहारी खाने को ज़्यादा चाव से खाती है.


Photo Credit: Faisal


कुरुम्बी मीट हो या मछली, अगर पका हुआ खाना उसके सामने रखा जाए
तो सेकेंड्स में प्लेट चट कर जाती है. कच्चे अंडे भी इसे पसंद हैं.

कुरुम्बी Holstein Friesians नस्ल की है. राजेश
पल्लाथ के बच्चों- अदराजा और आलोक से बहुत हिली-मिली हुई है. वही इस गाय को अक्सर
चारा और खाना देते हैं.

हैरानी की बात है कि राजेश पल्लाथ के पास किंगिनी नाम की एक और गाय भी है.
कुरुम्बी की तुलना में किंगिनी शुद्ध शाकाहारी है. जब कुरुम्बी नॉन वेज खाती है तो
किंगिनी उसे घूरती है.

राजेश ने कुरुम्बी को एक साल पहले खरीदा था. अब कुरुम्बी 6 महीने की
प्रेग्नेंट है.

सीनियर वेटेरिनरी सर्जन डॉ बीनू गोपीनाथ के मुताबिक कुरुम्बी के इस तरह के
खाने के बर्ताव की वजह उसे किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आने की संभावना
नहीं है. डॉ गोपीनाथ के मुताबिक पशुओं के चारे में नमकरहित मछली और मीट का पाउडर
कहीं कहीं इस्तेमाल किया जाता है.

दो साल पहले गोवा से सामने आया था ऐसा अजब मामला

दो साल पहले गोवा से भी ऐसा ही अजब मामला सामने आया था. अक्टूबर 2019 में गोवा
के कैलंगुट गांव में निराश्रित मवेशियों के सिर्फ चिकन स्क्रैप्स और फ्राइड फिश
खाने की खबर से सब चौंके थे. तब गोवा के कूड़ा प्रबंधन मंत्री माइकल लोबो ने कहा
था कि कैलंगुट गांव में शाकाहारी खाना बंद कर देने वाले 76 निराश्रित मवेशियों का मेडिकल चेकअप कराया
गया. 

लोबो के मुताबिक इन्हें गोमंतक गोसेवा महासंघ की ओर से मायेम गांव में चलाई
जा रही गौशाला में ले जाया गया. इन मवेशियों ने घास, चना या स्पेशल कैटल फीड खाना
बंद कर दिया था. उनके बर्ताव में ये बदलाव अचानक नहीं बल्कि लंबे अंतराल के बाद
आया. कैलंगुटे उन गांवों में शामिल है जहां टूरिस्ट्स की आमद रहती है. 

लोबो का तब
कहना था कि ये मवेशी पहले टूरिस्ट्स के छोड़े हुए नॉन वेज लेफ्टओवर्स की तरफ देखते
भी नहीं थे. धीरे धीरे उन्होंने इन्हें चखना शुरू किया, फिर ये हालत हो गई कि
इन्होंने शाकाहारी खाने की तरफ देखना भी बंद कर दिया.


Symbolic file photo

ऐसा ही कैंडोलिम के मवेशियों
के साथ भी हुआ. नॉन वेज खाने से इनका सिस्टम भी कुछ हद तक इंसानों की तरह हो गया
जो अपनी अपनी खाने की प्रवृत्ति के मुताबिक मांसाहारी या शाकाहारी, या दोनों तरह
का खाना खा सकते हैं.

बहरहाल, केरल की कुरुम्बी गाय की वजह से ये मामला फिर सुर्खियों में है.


(#Khush_Helpline को उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. मीडिया में एंट्री के इच्छुक युवा अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो यहां फॉर्म भर दीजिए)   

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x