मम्मी ओ मम्मी, तू कब सास बनेगी…
किसी टाइम पर किशोर कुमार का ये गाना बड़ा हिट हुआ था…1978 में फिल्म खट्टा मीठा में देवेन वर्मा पर फिल्माया गया था…आप कहेंगे मैं आज ये गाना क्यों याद कर रहा हूं…वो भी तब जब मेरी मम्मी ने मेरी ये इच्छा 17 साल पहले ही पूरी कर दी थी…आज इस गाने को तब्दील करके गाने का मन कर रहा है…
नीरा ओ नीरा, तू कब फोन मुझे करेगी…
नीरा कौन नीरा…अरे भाई क्या राडिया साथ लगाने के बाद ही समझते हो कौन नीरा…
अब भईया नीरा फोन करेगी तो पत्रकारिता में अपना भी भाव बढ़ेगा न…अब चाहे नीरा जी एक बार गलती से ही मुझे रॉन्ग नंबर ही मिला दो…उस महीने का बिल लैमिनेट करा कर हर वक्त छाती से लगाए घूमूंगा…देखो नीरा जी का नंबर…मुझ नाचीज़ को भी वो याद करती हैं…अपने इस पूरे करियर में कुछ भी तो ऐसा नहीं रहा जो मन में रूआब की फीलिंग ला सके…हम भी कलफ़ की तरह खुद को अकड़ा कर चल सकें…बस हर कोई हमें चिरकुट ही समझता रहा…अरे इससे काम क्या कहना ये तो खुद अपने काम के लिए सरकारी दफ्तरों में जाकर चपरासी को भी सर कहता है…
नीरा जी आप सर्वगुणसंपन्न हो…बेल्लारी के रेड्डी ब्रदर्स खानों से इतना लोहा नहीं निकालते जितना कि आप अपने दिमाग का लोहा मनवा चुकी हैं…पॉलिटिक्स हो या ब्यूरोक्रेसी, कॉरपोरेट हो या मीडिया…बीजेपी हो या कांग्रेस, हर किसी को शीशे में कैसे उतारा जाता है, ये गूढ़ रहस्य नीरा जी आप ही जानती हैं…ये किसी यूनिवर्सिटी में पीएचडी की थीसिस के लिए अच्छा विषय हो सकता है…मनमोहन सिंह जी जैसे रब दे बंदे का भी बाजा कैसे बजाया जा सकता है, ये आप राजा को मंत्री बनवा कर साबित कर ही चुकी हैं…बेवकूफ़ हैं सीबीआई, ईडी, सीएजी वाले…अरे उन्हें तो आपके बेशकीमती दिमाग़ पर शोध के लिए बाहर की यूनिवर्सिटियों को बुलाना चाहिए…
नीरा जी आपकी लीला अपरमपार है…इतना मक्खन कोई प्रभु को भी लगाता तो वो भी पिघल जाता…बस उठाइए सेल और लगाइए…9873819075 …
न अपने सेल की रिंग टोन ये बना दूं तो फिर कहिएगा…
पल भर के लिए ही नीरा जी हमें फोन कर लें, अरे झूठा ही सही…
स्लॉग ओवर
एक बेबे (बुज़ुर्ग महिला) मर गई…दिखाने के लिए औरतों ने बेबे का स्यापा (रोना-धोना) शुरू किया…
बेबे कित्थे टुर गईं (बेबे कहां चली गई)
जित्थे धूप ते न छांव (जहां न धूप और न ही छांव)
न रोटी ते न सब्ज़ी (न रोटी और न सब्ज़ी)
न पैसा ते न दमड़ी (न पैसा और न दमड़ी)
न बिजली ते न पानी (न बिजली और न पानी)
इतना सुनते ही वहां बैठा गुल्ली पिता मक्खन से बोला…डैडी जी, डैडी जी, वेखिए किधरे ए वाली बेबे साडे घार ते नहीं आ गई...( डैडी जी, डैडी जी, देखें, कहीं ये बेबे हमारे घर तो नहीं आ गई)
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नूतन वर्ष 2011 की शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट 1/1/11-1/11 की प्रथम वार्ता में शामिल है।
नव वर्ष की शुभ कामनायें… नीरा ने गलत तो कुछ भी नहीं किया, कम से कम आज के संदर्भ में…
खुशदीप जी क्याआआआआआ आपके पास निरा रादिया का फ़ोन नहीं आता? चलिए शायद नए साल मैं आप बड़े ब्लोगर बन जाएं नीरा के फ़ोन से…हा हा हा
.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नव वर्ष कीशुभकामनाये….
खुशदीप भाई नोटों की खुशी का क्या करना
ब्लॉगिंग की खुशी ही संभाले नहीं संभल रही
एक हिन्दी ब्लॉगर जो बिल्कुल पसंद नहीं है
प्याजो की जवानी
गुल्ली भी गुल्ली है 🙂
प्रणाम
फ़ोन छडो जी…. नीरा आप आयेगी आप के घर बेबे नू ले के:)
नव वर्ष में हो आपका नीरा के नीर में नहाना
यही है मेरी दुआ, यही है मेरी कामना
हा हा हा हा हा हा हा हा कमाल की पोस्ट…बेबे ने तो कमाल कर दिया…
नीरा जी अब तो मन जाओ (हम भी लाइन में है)….सुंदर प्रस्तुति……नूतन वर्ष २०११ की आप को हार्दिक शुभकामनाये.
khushdeep bhaiya phone agar aa jaye to bill kee ek copy idhar bhi sarka dena…sayd mera bhi kuchh samay badle…:)
happy new year…
बस फ़ोन की घंटी बजने वाली है:)
गुल्ली वी कमाल का बंदा है जी।
नववर्ष की बधाइयाँ
हाहा.. मस्त था.. गानों और विषयवस्तु का बहुत अच्छा मिश्रण.. मज़ा आया..
नया साल मुबारक हो..
आभार
नव वर्ष की शुभकामनाएं।
शाहनवाज के साथ मैं भी हूँ …. मगर शायद फोन आ ही जाए शुभकामनायें खुशदीप भाई !
सर जी यह लिखने के बाद भी नीरा आपको फोन ना करे तो बता देना…. मैं बोल दूंगा उसे आपको फोन करने के लिए… अब आपके लिए इतना तो किया ही जा सकता है… 🙂
जय हो, राडिया की भी, अमूल्य को बहुमूल्य बनाने का गुर कोई इनसे सीखे।
घंटी आई है आई है घंटी आई है
बडे दिनों के बाद हम बेठिकरों के पास
नीरा की घंटी आई है…
अब तो अपनी चवन्नी भी चलना बंद हो गयी यार
दोस्तों पहले कोटा में ही किया पुरे देश में अपनी चवन्नी चलती थी क्या अपुन की हाँ अपुन की चवन्नी चलती थी ,चवन्नी मतलब कानूनी रिकोर्ड में चलती थी लेकिन कभी दुकानों पर नहीं चली , चवन्नी यानी शिला की जवानी और मुन्नी बदनाम हो गयी की तरह बहुत बहुत खास बात थी और चवन्नी को बहुत इम्पोर्टेंट माना जाता था इसीलियें कहा जाता था के अपनी तो चवन्नी चल रही हे ।
लेकिन दोस्तों सरकार को अपनी चवन्नी चलना रास नहीं आया और इस बेदर्द सरकार ने सरकार के कानून याने इंडियन कोइनेज एक्ट से चवन्नी नाम का शब्द ही हटा दिया ३० जून २०११ से अपनी तो क्या सभी की चवन्नी चलना बंद हो जाएगी और जनाब अब सरकरी आंकड़ों में कोई भी हिसाब चवन्नी से नहीं होगा चवन्नी जिसे सवाया भी कहते हें जो एक रूपये के साथ जुड़ने के बाद उस रूपये का वजन बढ़ा देती थी , दोस्तों हकीकत तो यह हे के अपनी तो चवन्नी ही क्या अठन्नी भी नहीं चल रही हे फिर इस अठन्नी को सरकार कानून में क्यूँ ढो रही हे जनता और खुद को क्यूँ धोखा दे रही हे समझ की बात नहीं हे खेर इस २०१० में नही अपनी चवन्नी बंद होने का फरमान जारी हुआ हे जिसकी क्रियान्विति नये साल ३०११ में ३० जून से होना हे इसलियें नये साल में पुरे आधा साल यानि जून तक तो अपुन की चवन्नी चलेगी ही इसलियें दोस्तों नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
नये साल में मेरे दोस्तों मेरी भाईयों
मेरे बुजुर्गों सभी को इज्जत मिले
सभी को धन मिले ,दोलत मिले ,इज्जत मिले
खुदा आपको इतना ताकतवर बनाये
के लोगों के हर काम आपके जरिये हों
आपको शोहरत मिले
लम्बी उम्र मिले सह्तयाबी हो
सुकून मिले सभी ख्वाहिशें पूरी हो
जो चाहो वोह मिले
और आप हम सब मिलकर
किताबों में लिखे
मेरे भारत महान के कथन को
हकीकत में पूरा करें इसी दुआ और इसी उम्मीद के साथ
आप सभी को नया साल मुबारक हो ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
गुल्ली ने सब के सामने घर का हाल उजागर कर ठीक नहीं किया।
नीरा का नव वर्ष में आपको फोन जरुर आये इसी कामना के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ |
अरे झूठा ही सही..
सच्ची ……