तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती, नज़ारे हम क्या देखें…
1975 में आई फिल्म कभी-कभी का ये गाना शायद आपको भी याद हो…वक्त बदल जाता है, नज़ारे देखने का अंदाज़ भी बदल जाता है…जिस चेहरे से आदमी की नज़र नहीं हटती थी, आदमी बस उसी से बचने की जुगत ढूंढने लगता है…लेकिन बच सकता है भला…अरे मैं ये क्या लिखने बैठ गया…नहीं फिर मुझसे सवाल पूछने बैठ जाओगे, घर में सब ठीक-ठाक तो है….
आइए आपको मिलवाता हूं यान आर्थस बर्टरैंड से… फ्रांस के रहने वाले हैं और बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं…फोटोग्राफर, पत्रकार, रिपोर्टर, पर्यावरणविद् क्या क्या नहीं हैं जनाब…13 मार्च 1946 को पेरिस में जन्मे बर्टरैंड ने 1991 में एल्टीट्यूड एजेंसी बनाई…ये दुनिया की पहली प्रेस एजेंसी थी जिसे एरियल फोटोग्राफरी में महारत हासिल थी…इस एजेंसी के पास 100 देशों में 100 फोटोग्राफरों के आसमान से खींचे गए पांच लाख से भी ज़्यादा फोटोग्राफ हैं…1994 में बर्टरैंड को यूनेस्को ने पृथ्वी के नजारों को कैमरे में कैद करने के लिए प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी सौंपी…इसी प्रोजेक्ट के लिेए बर्टरैंड ने हेलीकॉप्टर, हॉट एयर बैलून से दुनिया के बेहतरीन लैंडस्केप्स के फोटोग्राफ लिए…इस प्रोजेक्ट पर आधारित किताब अर्थ फ्रॉम अबव की अब तक 30 लाख से ज़्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं…
अब देखिए बर्टरैंड के हुनर का कमाल…