देश से ऐसे मिटेगा भ्रष्टाचार…खुशदीप

नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में एक अच्छा कदम उठाया है…बिहार में एक आईएएस अधिकारी के पटना स्थित आलीशान बंगले को ज़ब्त करके राज्य सरकार ने गुरुवार से उसमें कमज़ोर तबक़े के बच्चों का स्कूल खोल दिया है… अब तक रुकन्पुरा मुशहरी का ये प्राथमिक स्कूल झुग्गी झोपडी मे चल रहा था…

आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत अभियुक्त बनाए गए अधिकारी शिव शंकर वर्मा के इस दो मंज़िला मकान को ज़िला प्रशासन ने गत रविवार सील कर दिया था…

राज्य के निगरानी (विजिलेंस) विभाग द्वारा चार साल पहले की गई छापेमारी में वर्मा के पास से नौ किलो सोना समेत लगभग डेढ़ करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति पाई गई थी…भ्रष्टाचार के ज़रिए अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में निलंबित वर्मा उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और जब उनके विभिन्न ठिकानों पर छापे पड़े थे, उस समय वह बिहार में लघु सिंचाई विभाग के सचिव थे…बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 के तहत राज्य सरकार को ये क़ानूनी अधिकार मिल गया है कि वह अपने किसी भी अधिकारी द्वारा भ्रष्ट तरीक़े से अर्जित की गई संपत्ति को ज़ब्त कर सकती है…

भले ही संबंधित मामला अंतिम निष्पादन के लिए अदालत में विचाराधीन हो. लेकिन ये भी प्रावधान है कि अगर अभियुक्त अंततः मुक़दमा जीत जाता है तो उसकी ज़ब्त की गई संपत्ति उसे सूद सहित लौटानी होगी…नीतीश सरकार का ये फ़ैसला है कि नए अधिनियम के अंतर्गत ज़ब्त मकान प्राथमिकता के आधार पर उसी क्षेत्र के भवनविहीन स्कूलों को सौंप दिये जाएगे…

इसी फ़ैसले पर अमल का पहला उदहारण बना है पटना के रुकुनपूरा मोहल्ले का यह मकान, जिसमें ‘मुसहरी प्राथमिक विद्यालय’ नाम से खोले गए स्कूल में दलित और अन्य कमज़ोर वर्ग के 94 बच्चों का दाख़िला हुआ है…मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे भ्रष्टाचार नियंत्रण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानते हुए कहते है, ”भ्रष्ट कमाई करने वाले सरकारी बाबुओं के मन में आज इस कार्रवाई से जहाँ खौफ़ पैदा हुआ होगा, वहीं अच्छे स्कूल भवन को तरसते ग़रीब बच्चों में ख़ुशी के साथ उम्मीद जगी होगी…”

इसी तरह के दर्जन भर मामलों पर यहाँ विशेष अदालतों में सुनवाई या तो पूरी हो चुकी है या अपील के स्तर पर फ़ैसला रुका हुआ है…इनमें वैसे सेवानिवृत या निलंबित आईएएस, आईपीएस अधिकारियों और अभियंताओं के नाम शामिल हैं, जिनके विरुद्ध निगरानी पुलिस के छापे में लाखों या करोड़ों की ‘ अवैध चल-अचल संपत्ति ‘ बरामद हुई हैं…

ज़ाहिर है कि ‘ ज़ब्त मकान में स्कूल खोलने ‘ का प्रचार नीतीश सरकार बहुत ज़ोर-शोर से इसलिए कर रही है, क्योंकि इस सरकार के छह वर्षों के शासनकाल में भ्रष्टाचार पहले से भी अधिक बढ़ जाने के आरोप लगते रहे हैं…

उधर यहाँ विपक्षी दलों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे को ‘ थोथा चना बाजे घना ‘ जैसा भ्रामक प्रचार कहा है…राष्ट्रीय जनता दल के सांसद राम कृपाल यादव कहते हैं, ” इस राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार के समुद्र में गोते लगा रही बड़ी-बड़ी मछलियों के बीच से दो-चार को सिर्फ़ दिखाने के लिए उछाला जा रहा है. आज एक ज़ब्त मकान में स्कूल खोलना मीडिया-प्रचार के लिए रचा गया सरकारी ड्रामा है. जबकि यह सरकार राज्य की स्कूली-शिक्षा को बीते छह सालों में गर्त की ओर ले जाने की दोषी है…”

विपक्ष के ऐसे आरोपों से बेपरवाह सत्तापक्ष की दलील है कि विशेष न्यायालय क़ानून के ज़रिये हो रही कार्रवाई अब रुकने वाली नहीं है और भ्रष्ट अफ़सरों में इस कारण भय पैदा हो रहा है…

इक बडा सवाल क्या भ्रष्ट नेताओं के बंगले भी स्कूल बनेगे?

(मणिकांत ठाकुर, बीबीसी संवाददाता)

Khushdeep Sehgal
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Dr (Miss) Sharad Singh
13 years ago

इक बडा सवाल क्या भ्रष्ट नेताओं के बंगले भी स्कूल बनेगे?

बनना तो चाहिए….

Atul Shrivastava
13 years ago

अच्‍छी पहल

पर अफसोस…

भ्रष्‍टाचार के आरोप में हमारे यहां भी एक आईएएस अफसर निलंबित हुए पर चार्जशीट ही पेश नहीं की गई.. क्‍योंकि दबाव में निलंबन तो कर दिया गया पर बचने का तरीका भी दे दिया गया…

अब उसके बंगले में स्‍कूल नहीं है… शायद कालेज खुल जाए भ्रष्‍टाचार करने और बच निकलने की ट्रेनिंग देने का….
जय हो….

बहरहाल, नितिश कुमार जी ने एक अच्‍छा संदेश दिया है और आखिर में आपका सवाल लाख टके का है, कि क्‍या नेताओं के बंगलों में भी स्‍कूल खुलेगा…..

Satish Saxena
13 years ago

बहुत बढ़िया सबक रहेगा यह !
ऐसे उदाहरण चोर अधिकारियों में भय पैदा करेंगे !

प्रवीण पाण्डेय

पहल तो अच्छी है, निष्कर्ष भी गहरे होंगे।

डॉ टी एस दराल

खुशदीप भाई , नेताओं के किसी भी काम पर अब भरोसा नहीं रहा । इसमें भी कोई चाल होगी ।

shikha varshney
13 years ago

कुछ ऐसे ही काम दिल्ली में भी हों तो बात बने.
चलो रास्ता तो मिला.

Rakesh Kumar
13 years ago

कहीं ऐसा न हो कि जायज घर भी नाजायज बना दिए जाएँ राजनीति और आपसी रंजिस के फेर में.
काश! सभी काम इमानदारी और सन्मति से ही किये जावें

दिनेशराय द्विवेदी

ये स्कूल नमूना बन कर न रह जाए?

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

कितनी मेहनत से भ्रष्टाचार किया होगा बेचारे ने ?
नेता खाकर भी आँख फेर लेते हैं ?

संगीता पुरी

इक बडा सवाल क्या भ्रष्ट नेताओं के बंगले भी स्कूल बनेगे?
सवाल सही है !!

वाणी गीत
13 years ago

आखिरी में किया गया सवाल ही ज्यादा मायने रखता है !

Arvind Mishra
13 years ago

जी हाँ बिलकुल ऐसे ही मिटेगा!!

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