देश बदलेगा तो ऐसे लोगों से बदलेगा…खुशदीप

एक मेल के ज़रिए पढ़ने को मिला कि टाइटन इंडस्ट्री में कार्यरत सुवेंदु राय को मुंबई में ऑटो की सवारी करते हुए कैसा अनुभव हुआ..सुवेंदु अपनी पत्नी और बच्चे के साथ अंधेरी से बांद्रा जाने के लिए एक ऑटो पर बैठे….सुवेंदु की ऑटो पर बैठते ही ड्राइवर की बैकरेस्ट के साथ लगे एक रैक पर नज़र गई, जिसमें अखबार और मैगजीन करीने के साथ रखे हुए थे…
सुवेंदु ने सामने देखा तो ड्राइवर के दाएं हाथ वाली साइड के ऊपर मिनी टीवी लगा था, जिस पर दूरदर्शन के कार्यक्रम आ रहे थे…
सुवेंदु और उनकी पत्नी ने देखा कि उनकी सीट के सामने ही एक फर्स्टएड बॉक्स था जिसमें डेटॉल, कॉटन का नया रोल और कुछ अन्य दवाइयां पड़ी थीं…

सुवेंदु को तब तक समझ आ गया था कि वो किसी खास ऑटो में है…चारों तरफ नज़र घुमाई तो रेडियो, घड़ी, आग बुझाने का मिनी सिलेंडर, कलेंडर, सभी धर्मों के चित्र सब कुछ नज़र आ गए…ऑटो में 26/11 हमले के शहीदों हेमंत करकरे, अशोक काम्टे, विजय सालस्कर, मेजर उन्नीकृष्णन के चित्र भी लगे हुए थे…सुवेंदु को पहले यही लगा कि शायद ऑटो मालिक शो-ऑफ में यकीन रखता है तभी ये सब तामझाम कर रखा है…लेकिन जब सुवेंदु ने ऑटो मालिक से बात करना शुरू किया तो उन्हें खुद ही ग्लानि हुई कि ऑटो मालिक के बारे में ऐसा क्यों सोचा…

ऑटो मालिक ने बताया कि वो आठ-नौ साल से ऑटो चला रहा है…इससे पहले एक प्लास्टिक कंपनी में काम करता था जो अचानक बंद हो गई…घर में स्कूल जाने वाले दो बच्चे हैं…उनकी अच्छी परवरिश के लिए सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक ऑटो चलता है…हफ्ते के सातों दिन बिना कोई ब्रेक लिए…ब्रेक पर उसका कहना था…क्या फायदा साहब घर में बैठे बैठे टीवी देखते रहने से…काम पर आने से कुछ कमाई ही हाथ लगती है…भविष्य में ये पैसा काम आएगा…

सुवेंदु ने ऑटो मालिक से पूछा कि एक ही ढर्रे पर चलने वाली ज़िंदगी से बोरियत महसूस नहीं होती…ऑटो मालिक के मुताबिक हफ्ते में एक बार या जब कुछ ज़्यादा कमाई होती है तो अंधेरी में वृद्ध महिलाओं के केयर-होम में जाकर टूथ-ब्रश, टूथ पेस्ट साबुन, बालों का तेल जैसी रोज़ की ज़रूरत की चीज़ें दे आता है…

ऑटो मालिक ने मीटर पर लिखा हुआ संदेश भी दिखाया कि विकलागों के लिए ऑटो किराए में पच्चीस फीसदी छूट है…और दृष्टिहीनों के लिए मुफ्त यात्रा (पचास रुपये तक की)…

तब तक सुवेंदु की मंज़िल आ गई थी…सुवेंदु और उनकी पत्नी दोनों ही मन से उस ऑटो मालिक को सैल्यूट कर रहे थे…

मुंबई में शायद आपको भी कभी इस रियल हीरो के ऑटो में बैठने का मौका मिल जाए…नाम है संदीप बाच्चे…ऑटो का नंबर…MH-02-Z-8508…

कौन कहता है कि भारत में कुछ अच्छा नहीं है…
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Khushdeep Sehgal
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Arvind Mishra
14 years ago

सलाम संदीप बाच्चे…

संतोष त्रिवेदी

ऐसे लोग ही वास्तव में जीते हैं और हमें जीने का पाठ भी पढ़ाते हैं !
ऑटो वाले का नंबर नोट कर लिया है,जब कभी बम्बई जाना हुआ तो नज़र दौड़ाएंगे !

Rakesh Kumar
14 years ago

वाह!
संदीप बाच्चे जी को मेरा सादर नमन.

दिनेशराय द्विवेदी

अनुकरणीय!

Rahul Singh
14 years ago

भारत, सिर्फ अन्‍ना टीम और उसके लिए जुटी भीड़ में नहीं, यहां भी है.

प्रवीण पाण्डेय

सच कहा आपने, ऐसे लोग ही देश बदलेंगे।

DR. ANWER JAMAL
14 years ago

निस्संदेह ऐसे लोग प्रेरणा स्त्रोत बन जाते है!
आभार आपका इसे प्रस्‍तुत करने के लिए।

‘ब्लॉगर्स मीट वीकली 6‘

अजित गुप्ता का कोना

ऐसे ही ऑटोवाले हो जाएं तो यात्री तो धन्‍य हो जाएं। बढिया प्रयास है।

दर्शन कौर धनोय

नम्बर नोट कर लिया हैं —अँधेरी -बांद्रा में ढूंढने की कोशिश करुँगी–और जरुर मिलूंगी —

Satish Saxena
14 years ago


आप खुशकिस्मत हो कि आपको सत्संग मिला !
जलन हो रही है, जी टीवी के प्रोडयूसर खुशदीप सहगल से …
संदीप से मैं क्यों नहीं मिल सका….
शुभकामनायें !

डॉ टी एस दराल

दिल्ली में भी चलाया था किसी ने ऐसा ऑटो । लेकिन फिर कभी सुना नहीं उसके बारे के ।
बहरहाल अच्छा प्रयास है ।

Atul Shrivastava
14 years ago

बेहतरीन…………

सलाम है इस शख्‍स को……
आभार आपका इसे प्रस्‍तुत करने के लिए।
खुशदीप जी आपकी इजाजत हो तो इसे अपने फेसबुक ग्रुप में शेयर कर लूं……
आपकी इजाजत की प्रतीक्षा में…..

Geeta
14 years ago

humari income itni achi hone ke bawjood hum ak ak paisa kharch karne mei(jarurat mando pe) kai baar sochte hai, or yeh auto wala apni kamai ka hissa kis prakar de deta hai, nisandeh yeh hum sabhi ke liye ak mishaal hai

vandana gupta
14 years ago

वाह …………सलाम है ऐसे इंसान को जो सबके लिये मिसाल बन जाये।

Shah Nawaz
14 years ago

अरे वाह! ज़बरदस्त! ऐसा भी हो सकता है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था… हमें ऐसे लोगों पर नाज़ होना चाहिए…

shikha varshney
14 years ago

हम्म काफी कुछ अच्छा है.बस नजर चाहिए.

वाणी गीत
14 years ago

निस्संदेह ऐसे लोग प्रेरणा स्त्रोत बन जाते है!

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