दुनिया का सबसे अच्छा संदेश…खुशदीप

आपको कोई संदेश देना है…जागरूकता लानी है…तो सबसे अच्छा तरीका क्या होता है…यही न, कि कोई प्यारा सा स्लोगन ढूंढा जाए…ग्लोबल वार्मिंग, धरती बचाओ, पेड़ लगाओ, गो ग्रीन जैसे कितने भी स्लोगन दे दिए जाएं लेकिन पर्यावरण की अनदेखी बंद नहीं हो रही…यही हाल रहा तो हमारे नदी, जंगल, वन्यजीवन, ग्लेशियर सब खत्म हो जाएंगे…लेकिन ये सारे स्लोगन एक तरफ और मैंने आज जो स्लोगन देखा, वो फिर भी इन सब पर भारी पड़ता है…युवा-युवतियों के बेहद पसंदीदा सार्वजनिक पार्क के बाहर बोर्ड पर लिखा था-

पेड़ों के साथ उतना ही प्यार करो, जितना प्यार पेड़ों के पीछे करते हो…





स्लॉग ओवर

मक्खन…कल मैंने पत्नी के घुटने ज़मीन पर टिकवा दिए…

ढक्कन…वाह तू तो बड़ा दिलेर निकला…आखिर लड़ाई खत्म कैसे हुई…

….

….

….

….

मक्खन…अरे होना क्या था…पत्नी ने ही कहा…अब पलंग के नीचे से बाहर निकल आओ, कुछ नहीं कहूंगी…

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sheen beauty forever
12 years ago

save enviroment save tree

sheen beauty forever
12 years ago

save enviroment save tree

शरद कोकास

केदार नाथ सिंह की एक कविता हम लोग इसी तर्ह स्लोगन के रूप मे इस्तेमाल करते है …" उसका हाथ / अपने हाथो में लेते हुए / मैने सोचा / पृथ्वी को भी इसी तरह/ गर्म और सुन्दर होना चाहिये "

prasant pundir
14 years ago

really best quote about nature

वाणी गीत
14 years ago

हमारे शहर में स्मृति गार्डेन आपकी पोस्ट की सच्चाई को पूरी गंभीरता से प्रकट करता है …
मजाक को छोड़ दें …तो पेड और हरियाली के प्रति जागरूक होना ही चाहिए …
अच्छी पोस्ट !

Unknown
14 years ago

पेड़ों के साथ उतना ही प्यार करो, जितना प्यार पेड़ों के पीछे करते हो…

प्रवीण पाण्डेय

हरा भरा संदेश।

VICHAAR SHOONYA
14 years ago

पेड़ों के पीछे का प्यार तो कुछ क्षणों का ही होता है.

अजित गुप्ता का कोना

पेडों के पीछे प्‍यार करने के‍ लिए पेड को बडा होने दें। उसे काटे नहीं, नहीं तो प्‍यार करने के लिए जगह कहाँ से ढूंढोंगे?

Udan Tashtari
14 years ago

पेड़ों के साथ उतना ही प्यार करो, जितना प्यार पेड़ों के पीछे करते हो..

-बहुत सन्नाट मैसेज!

Khushdeep Sehgal
14 years ago

ललित भाई,
इस बार दिल्ली आओगे तो लोधी गार्डन चल कर अपनी आंखों से ही नज़ारा देख लेना…

जय हिंद…

ब्लॉ.ललित शर्मा

पेड़ों के साथ उतना ही प्यार करो, जितना प्यार पेड़ों के पीछे करते हो…

वाह गजब कर दिया खुशदीप भाई, लेकिन अब पेड़ ही कितने बचे हैं जो पेड़ों के पीछे……….

दिनेशराय द्विवेदी

मक्खन फिर वहीं है, पलंग के नीचे…..

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

नारा वाकई में बढ़िया है..

राजेंद्र माहेश्वरी

tan, man, dhan
sabse uper wan.

डॉ टी एस दराल

पेड़ों की कीमत कम से कम प्यार करने वालों को तो समझनी चाहिए ।
स्लोग ओवर मस्त रहा ।

Satish Saxena
14 years ago

वाकई बहुत बढ़िया सन्देश है ! पेड़ मानवजाति के सबसे अच्छे मित्र हैं और हमें इनके बारे में सबसे कम मालुम है !
इन दोनों को सकुशल देख ख़ुशी हुई चाहे चारपाई के ही नीचे क्यों न हों !

L.R.Gandhi
14 years ago

प्रेम करो… एक पेड़ अपनाओ …. खुद बढ़ो और अपने बच्चों के लिए भी पेड़ उगाओ !
अनुकरणीय सलोगन ….साधुवाद

महेन्‍द्र वर्मा

अब तक का सबसे श्रेष्ठ स्लोगन।

शिवम् मिश्रा

उस्ताद जी … आप शायद भूल रहे है कि अपने खुशदीप भाई एक पत्रकार है और उनका काम है खबरों के साथ खेलना तो ऐसे में स्टॉक की कमी तो हो ही नहीं सकती !

स्लोगन बढ़िया रहा …खुशदीप भाई !

संगीता पुरी

पेड़ों के साथ उतना ही प्यार करो, जितना प्यार पेड़ों के पीछे करते हो…
बहुत बढिया स्‍लोगन है …

उस्ताद जी

4/10

ठीक है पोस्ट
ये पलंग के नीचे वाला किस्सा शायद कालजयी है. सैकड़ों बार सुनने के बावजूद भी इसकी ताजगी हमेशा कायम रहेगी.
एक सवाल : यहाँ लोगों को लिखने के लिए कुछ भी मसाला नहीं मिल रहा, ऐसे में आप के पास स्टाक कहाँ से आता है ?

honesty project democracy

वाह-वाह खुशदीप जी स्लॉग ओवर तो शानदार है….

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }

क्रप्या घर की बाते ना बताया करे ……………. मकखन की

राज भाटिय़ा

बेचारी…. नारी.मक्खन को जरुर सजा मिलनी चाहिये, जो झुकने की जगह इन नारियो पर जुल्म कर रहा हे.चुपचाप पहले ही निकल आता ना…

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