दिल्ली में शिखा वार्ष्णेय का ख़ैर-मख़दम…खुशदीप

तारीख…31 अगस्त 2011
स्थान… वीमेंस प्रेस क्लब, कनाट प्लेस, दिल्ली

मौकाशिखा वार्ष्णेय के दिल्ली में होने पर छोटा सा गेट-टूगैदर

खास बात…विलायत की पंक्चुएलिटी का पालन करते हुए शिखा निर्धारित टाइम साढ़े ग्यारह बजे प्रेस क्लब पहुंच गई…उस वक्त वहां उन्हें कोई मेजबान नहीं मिला…जब तक वो अकेली रहीं यही सोचती रहीं कि तारीख तीस अगस्त हैं या एक अप्रैल…कहीं अप्रैल फूल तो नही बना दिया…दस मिनट की देरी के बाद मैं, सर्जना शर्मा, राकेश कुमार जी, शशि दीदी (श्रीमति राकेश कुमार) प्रेस क्लब पहुंचे तो हमें देखकर शिखा ने राहत की सांस ली…

खैर छोड़िए, ये सब, बस आप इस फोटो फीचर के ज़रिए जानिए कि गेट-टूगैदर में क्या क्या हुआ…

ये कौन आया, रौशन हो गई महफ़िल जिसके नाम से, हमारी दिल्ली में निकला सूरज शिखा के नाम से…सर्जना शर्मा के साथ शिखा वार्ष्णेय
लाटरी निकलने का मैसेज वंदना गुप्ता के मोबाइल पर आया, उदास सर्जना शर्मा हो गईं….
ये लिखा पढ़ी किस बात की भाई…मैं तो सही पासपोर्ट पर भारत आई हूं…गीताश्री और सर्जना शर्मा हंसते हंसते नज़र रखे हैं कि कहीं कोई गलत जानकारी तो नहीं दे रहीं शिखा…
नहीं दीदी…सच में गिलास में कोई गड़बड़ नहीं बस पीच टी है…घर जाकर पत्नीश्री से शिकायत मत कर दीजिएगा…यही विनती कर रहा हूं शशि दीदी से…गौर से सुन रहे हैं राकेश कुमार जी…
अच्छा तो ऐसे खींची जाती है फोटो…राजीव तनेजा के फोटोग्राफी के हुनर को देख कर यही कह रहे हैं राकेश कुमार जी….

चेक कर लूं, हेयर स्टाइल ठीक तो है न…शायद यही सोच रही हैं संजू भाभी (श्रीमति राजीव तनेजा)
अब ज़रा वाह ताज वाह चाय का शौक फरमा लिया जाए…

इतने सारे फोटो लेने के बाद थोड़ा आराम करते हुए भाई राजीव तनेजा
जाने दो मुझे जाना है….घर जाने को लेट होने पर पर्स उठा कर शायद यही कहना चाह रही हैं सर्जना शर्मा…साथ में गीताश्री और शिखा

चलो भाई सब कुछ हो गया…अब ग्रुप फोटो की रस्म भी पूरी कर ली जाए…(राजीव तनेजा और वंदना गुप्ता यहां भी फोटो खींचने में लगे होने की वजह से फ्रेम में नहीं हैं)
नोट…ये सारी फोटो राजीव तनेजा और वंदना गुप्ता के कैमरों का कमाल हैं….
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BS Pabla
13 years ago

दिलचस्प व्यक्तित्व
सुंदर चित्रकथा
रोचक वाक्यांश

अनूप शुक्ल

हम भी दर्शन कर लिये सबके। शुक्रिया। 🙂

-सर्जना शर्मा-

वाह खुशदीप जी आपने तस्वीरों में और वंदना जी कविता में लंच मिलन का अच्छा ब्यौरा दिया

बेनामी
बेनामी
13 years ago

बेहतर…

ताऊ रामपुरिया

सुंदर चित्रों के साथ बहुत बेहतरीन रिपोर्टिंग, आभार.

हां येह जानकर अति दुख हुआ कि अब भारतीय लोग विदेश जाकर भारतीयता खो रहे हैं. शिखा जी समय पर पहुंची यह बात बहुत नागवार गुजरी. थोडा अपने देश का ख्याल रखते हुये दो पांच मिनट तो लेट आना ही चाहिये था जैसे आप पूरे आधा घंटा लेट आये.:)

रामराम.

Atul Shrivastava
13 years ago

हमने भी मुलाकात कर ली… तस्‍वीरों में ही

राजीव तनेजा

अच्छा लगा आप सबसे मिलकर…

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की लगाई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

अजय कुमार झा

वाह दोस्त मिलते रहें यूं ही गलियों में ,
जब गुज़रेंगे उन गलियों से , दोस्तों की खुशबू से गले मिलेंगे …

बहुत खूब , लेकिन आप सब फ़ोटो लगा के बच निकलने की फ़िराक में हैं , मुझे पता है , शिखा जी के सुनाए अनुभव ,खुद उनके मुख से …क्योंकि शब्दों से तो अक्सर ही सुनते हैं …बांटिए , हम फ़िर आते हैं अगिला चक्कर में जी । फ़ोटो के कैप्शन धांसू हैं ..

दिनेशराय द्विवेदी

हमें रश्क़ है कि दिल्ली हमेशा घटनापूर्ण होती है।

डॉ टी एस दराल

वाह वाह !
महफ़िल शानदार लग रही है । शिखा जी भी भारतीय हैं । भारतीय समय का पालन उन्हें भी करना चाहिए । 🙂

Arvind Mishra
13 years ago

महफिले रोशनी को उधर ही रोक रखेगें क्या ?

शिखा कौशिक

vah vah vah -WHAT CAN I SAY MORE ?

राज भाटिय़ा

बहुत अच्छा लगा यह मिलन, सुंदर फ़ोटो, खुशदीप जी वा अन्य ब्लागर मित्रो को मै यही कहुंगा कि जो भी ब्लागर विदेश से आते हे( युरोप अमेरिका ओर कानाडा) वो सब समय के पाबंध होते हे, समय की पंक्चुएलिटी का पालन करते हे, ओर समय से पहले ही पहुच जाते हे, बहुत अच्छा लगा यह सब धन्यवाद

shikha varshney
13 years ago

यूँ तो हैं यहाँ ब्लोगर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि खुशदीप का है अंदाजे बयाँ और.
क्या बात है….बढ़िया आयोजन की बढ़िया रिपोर्ट
और हाँ आपको देरी १० मिनट की नहीं पूरे आधे घंटे की हुई थी ही ही..

दीपक बाबा

बढिया लगा जी, यूँ मिलना मिलाना…

सुंदर चित्र..

Deepak Saini
13 years ago

बधाई
अच्छे लोगो के अच्छे फोटो
धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत )

चित्रों के साथ टिप्पणियाँ बढ़िया हैं …

Sushil Bakliwal
13 years ago

भारतीय समयानुसार शिखाजी के स्वागत का अच्छा चित्रण । बधाईयों के साथ आभार सहित…

प्रवीण पाण्डेय

रौशन-ए-महफिल बनी रहे, यह शिखा जलती रहे।

Khare A
13 years ago

what kind of get-together itis?
yaha bhi reservation apply kar diya!
many of us complaining not to be part of this.

but anyways, pics achhe hain/ enoying to see specially Shikha ji!

अजित गुप्ता का कोना

शिखाजी से मिलने का तो हमारा भी मन था लेकिन चलो अगली बार सही।

ब्लॉ.ललित शर्मा

mast chitr hain………

vandana gupta
13 years ago

वाह खुशदीप जी …………क्या खूब अन्दाज़-ए-बयाँ है…………मज़ा आ गया।

रचना
13 years ago

waah
good headings of the pics

विवेक रस्तोगी

बधाई मिलते रहना जरूरी है |

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