कल अपनी पोस्ट में अमेरिका जाकर लौटने वाले भारतीयों के हाव-भाव में बदलाव के बारे में बताया था…आज किसी भारतीय की नहीं बल्कि खालिस अमेरिका की बात करता हूं…खालिस अमेरिका के खालिस बच्चे की…ओबामा पहले ही अमेरिका के बच्चों को चेता चुके हैं कि मैथ्स और साइंस की पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान दो, वरना भारत के बच्चे बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं…चलिए अब असली बात पर आता हूं…
अमेरिका की एक बड़ी सॉफ्टवेयर फर्म का बॉस परेशान था…दरअसल उसका सबसे भरोसे का जूनियर काम पर नहीं आया था…उस जूनियर ने कोई वजह भी नहीं बताई थी छुट्टी की…मोबाइल नेटवर्क और डाउन…ऊपर से एक क्लाइंट की ऐसी प्रॉब्लम जिसे वही जूनियर सुलझा सकता था…आखिर बॉस से रहा नहीं गया और उसने जूनियर के घर फोन मिला दिया…दूसरी तरफ से बच्चे की महीन सी आवाज़ आई…हैलो…
बॉस…क्या तुम्हारे डैडी घर पर हैं…
बच्चा बुदबुदाते हुए…हां हैं…
बॉस…क्या मैं उनसे बात कर सकता हूं…
बच्चा…नहीं…
ये सुनकर बॉस को हैरानी हुई…वो किसी बड़े से ही बात करना चाहता था…पूछा…क्या वहां तुम्हारी मॉम हैं…
बच्चा…हां, हैं…
बॉस…क्या उनसे मेरी बात हो सकती है…
बच्चा…नहीं…
बॉस…क्या घर पर और कोई बड़ा है, दरअसल मुझे एक बहुत ज़रूरी मैसेज देना है…
बच्चा…हां है न, पुलिस अंकल…
बॉस और परेशान…मेरे जूनियर के घर पुलिस क्या कर रही है…बोला…क्या मैं पुलिस अफसर से बात कर सकता हूं…
बच्चा…नहीं, वो व्यस्त हैं….
बॉस…व्यस्त हैं, क्या कर रहे हैं…
बच्चा…वो डैड, मॉम और फॉयरमैन से बात कर रहे हैं…
अब बॉस की चिंता और बढ़ गई…बॉस को फोन पर तेज गड़गड़ाहट की आवाज़ भी सुनाई दी…पूछा…ये तेज़ गड़गड़ाहट किसकी है…
बच्चा…एक हेलीकॉप्टर है…
बॉस…तुम मुझे बताओगे, आख़िर वहां ये सब क्या हो रहा है…
बच्चा…सर्च टीम के हेलीकॉप्टर ने अभी यहां लैंड किया है…
चिंतित और हताश बॉस अब तक बिल्कुल चकरा चुका था…बोला…आखिर वो क्या तलाश रहे हैं…
बच्चा अब भी बुदबुदाते हुए और दबी हंसी के साथ जवाब देता है…
…
…
…
मुझे, और किसे…