अगर आप दो मिनट रोज़ घुटनों पर बैठ कर ऊपर वाले को याद करते हैं तो ज़िंदगी भर आपको खड़ा रखने में ये घुटने कभी दग़ा नहीं देंगे….
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सेफ़-अनसेफ़
अब ये साबित हो गया है इस दुनिया में सबसे अन-सेफ़ देश पाकिस्तान और सबसे सेफ़ देश भारत है…
पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन तक सेफ़ नहीं है…
भारत में अजमल कसाब भी सेफ़ है…
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COMPLETE OR FINISHED
कोई भी इंग्लिश डिक्शनरी आपको Complete और Finished का फ़र्क इस आसानी से नहीं बता पाती कि आप समझ सकें…
कुछ लोगों का कहना है कि Complete और Finished में कोई फ़र्क नहीं होता…लेकिन मैं कहता हूं फ़र्क होता है, बहुत होता है…कैसे भला…
जब आप Right One से शादी करते हैं तो आप Complete होते हैं…
जब आप Wrong One से शादी करते हैं तो आप Finished हो जाते हैं…
और जब कभी Right One आपको Wrong One के साथ पकड़ लेती है तो आप Completely Finished हो जाते हैं..
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स्लॉग ओवर
मक्खनी ने मक्खन के लिए शर्त रखी कि जब भी वो किस करेगा तो उसे मनी-बॉक्स में एक नोट डालना पड़ेगा…
छह महीने बाद मनी-बॉक्स खोला तो मक्खन बड़ा हैरान…
मक्खनी से पूछ ही बैठा…ओ जी, मैंने तो दस-दस के ही नोट डाले थे ये सौ, पांच सौ, हज़ार के नोट कैसे निकल रहे हैं…
……
……
…….
मक्खनी…हर कोई तुम्हारी तरह कंजूस नहीं होता….
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हमारा मक्खन, मक्खनी ओर डक्कन सेफ़ रहे, बाकी किसी की परवाह नही जी…. एक ५०० रुपये पर आप की उंगलियो के निशान भी पायेगे हे…:)
वाह रे मक्खन-मक्खनी की इकोनोमी!….
अब इत्ती सी बात का बुरा मान कर फिर टंकी पर चढ़ जाना है ना। हा हा।
एकदम वा….त पोस्ट। कुछ काम की बातें नहीं लिख सकते आप। जब देखो तब दिल्लगी। दिस इस वैरी बैड हैबिट खुशदीप जी।
आप ने एक पोस्ट complete की थी और लोग समझ रहे थे कि आप finished हो गए हैं 🙂
हा हा आज मक्खन को देख कर बहुत खुशी हुयी और
पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन तक सेफ़ नहीं है…
भारत में अजमल कसाब भी सेफ़ है… बिलकुल सही बात है शुभकामनायें।
कम्पलीट होने की चाह में फिनिश, जय हो।
ऐसी ही पोस्ट पढ़ने को मन बैचेन था, आज जाकर कहीं हँसी आयी। सेफ, अनसेफ, फिनिश और कम्पलीट का अन्तर बहुत गहरा है। अब आपके मक्खन और मक्खनी का क्या बताएं, मुझे तो लगता है कि ये दोनों जब से कोटा जाकर आएं हैं कुछ बिगड़ गए हैं। राजस्थान के पानी का असर आ गया है शायद?
तुम क्या कहना चाहते हो कि, आई ऍम टोटली फ़िनिश्ड ?
अँदर की बातें यूँ सार्वज़निक न किया कर, भाई मेरे !
हम्म…अब जाकर पूरी फॉर्म में आए हैं आप. मजेदार चुटकले.
मक्खन परिवार का फिर अपने घर पहुँचने पर बहुत-बहुत स्वागत है…
सतीश भाई हिम्मत तो आपकी भी नहीं हो रही थी, इनको अपने घर ले जाने की… आप तो डर के मारे मेरे धरना प्रदर्शन पर जंतर-मंतर पर भी नहीं आये की कहीं मैं आपके ही पल्ले ना दाल दूँ इनको… 🙂
क्या बात एक एक को छांट छांट के लाए है
हा हा हा हा हा हा हा
वाह क्या बात है…आखिर चौका पोस्ट बाउंड्री के पार चला ही गया…शानदार ,इसी तरह लिखते रहिये और चौका मारते रहिये…हमारी शुभकामनायें….
हमारे पास तो सेफ है ही नहीं, खरीद भी लें तो रखेंगे क्या ?
माखन फैमिली का स्वागत है ! इनकी क़द्र शाहनवाज़ भाई नहीं कर पाए ….कोटा से भी बापस भेज दिए गए आखिरकार खुशदीप भाई के पास ही आकर इनके चेहरे पर रौनक लौटी है !
इनका हार्दिक शुभकामनायें !!
वाह भई मख्खनी..
'होली खेले रघुबीरा,अवध में होली खेले रघुबीरा'
अवध में आप होली खेलने कब आ रहें है,खुशदीप भाई.मेरी पोस्ट पर आपका इंतजार हों रहा है.
सचमुच हमारा देश बहुत सेफ है …
मक्खन मक्खनी का एक बार फिर स्वागत है। ये गायब हुए तो कुछ सूनापन लगने लगा था।
कृपया कसाब को कुछ ना कहें अतिथि देवो भव,कंजूस मख्खन ..
हा हा!! मख्खन मख्खनी को देखकर आनन्द आ गया…..