चिट्ठा जगत में 15 मई रात 12 बजे के सक्रियता क्रम में पहला नंबर उड़न तश्तरी (समीर लाल जी), दूसरा नंबर ताऊ डॉट इन (ताऊ रामपुरिया जी), तीसरा नंबर मानसिक हलचल (ज्ञानदत्त पाण्डेय जी), चौथा नंबर फुरसतिया (अनूप शुक्ल जी) का दिख रहा है…अब तीसरे नंबर वाले ज्ञानदत्त जी ने चार-पांच दिन पहले पोस्ट लिखकर खुद की राय के मुताबिक नंबर एक समीर लाल जी और नंबर चार अनूप शुक्ल जी के प्लस-माइनस पाइंट्स बता डाले…ज्ञानदत्त जी की ऐसा करने के पीछे कोई भी मंशा रही हो लेकिन ब्लॉगवुड में सुनामी आ गई…
हालांकि ज्ञानदत्त जी ने ये कहीं नहीं कहा था कि ब्लॉगवुड में नंबर वन कौन है…लेकिन ये साफ था कि उन्होंने लेखन के हिसाब से अनूप जी का पलड़ा भारी बताया…ब्लॉगवुड में बाकी सभी ने अपने हिसाब से पोस्ट का मतलब निकाला और समीर जी और अनूप जी के बीच आर-पार की लड़ाई दिखा दी…इस प्रकरण के दौरान अनूप जी और समीर जी ने भी पोस्ट लिखकर अपने दिल की बात कही…नंबर दो ताऊ रामपुरिया जी ने इस विवाद पर जो कुछ भी हुआ उससे आहत होकर इसे ब्लॉगिंग का सूर्य ग्रहण बताते हुए विरोध में कुछ भी नहीं लिखा…इतना सब हुआ लेकिन तूफ़ान फिर भी शांत नहीं हुआ…
इस प्रकरण पर मैंने भी समीर जी और अनूप जी के बारे में दो पोस्ट लिखीं…और वही लिखा जो मैं ब्लॉगवुड के इन दो शिखर पुरुषों के बारे में सोचता हूं…एक बेनामी भाई कुमार ज़लज़ला ने ये भी आकर कह दिया कि मैंने अनूप जी के कहने पर आकर अनूप शुक्ल, द कैटेलिस्ट ऑफ ब्लॉगवुड वाली पोस्ट लिखी…ये भी कहा मैं बीच में न खड़ा हूं, आर या पार कहीं एक जगह जाकर खड़ा हो जाऊं…बेनामी भाई जो भी साबित करना चाहते थे, मुझे नहीं पता…लेकिन मुझे धर्मसंकट में डाल दिया…एक तरफ़ गुरुदेव, एक तरफ़ महागुरुदेव…क्या करूं…ऐसे में खोटा सिक्का ही काम आया…जी हां मेरा मक्खन…मक्खन ने मुझे राय दी कि गब्बर का दिमाग ऐसे मामलों में बड़ा चलता है…वो जो कह देगा, उसे ही मान लेना और इस विवाद को हमेशा हमेशा के लिए विसर्जित कर देना…
मक्खन के ज़रिए मैंने अपनी दुविधा गब्बर तक पहुंचाई…गब्बर शक्ल से लगे कितना भी देहाती, लेकिन है बड़ा साइंटिफिक आदमी…उसने कालिया को जासूसी करने के लिए भेजा कि पता लगा कर आए किस ब्लॉगर का ज़्यादा डंका बोलता है…अब कालिया जासूसी करके वापस आया तो गब्बर अफ़ीम का तगड़ा अंटा चढ़ा चुका था…अब सुनिए गब्बर और कालिया का ऐतिहासिक वार्तालाप…
गब्बर – हूं…कितने आदमी थे ?
कालिया – सरदार दो…
गब्बर – मुझे गिनती नहीं आती… 2 कितने होते हैं ?
कालिया – सरदार 2, 1 के बाद आता है…
गब्बर – और 2 के पहले ?
कालिया- 2 के पहले 1 आता है…
गब्बर – तो बीचे में कौन आता है ?
कालिया – बीच में कोई नहीं आता…
गब्बर – तो फिर दोनों एक साथ क्यों नहीं आते ?
कालिया – 1 के बाद 2 ही आ सकता है, क्योंकि 2, 1 से बड़ा है…
गब्बर- 2, 1 से कितना बड़ा है ?
कालिया – 2, 1 से 1 बड़ा है…
गब्बर – अगर 2, 1 से 1 बड़ा है तो 1, 1 से कितना बड़ा है ?
कालिया – सरदार मैंने आपका नमक खाया है… मुझे गोली मार दो …!!!
अब मेरी सभी विद्वान ब्लॉगरगण से गुहार है कि कालिया के हाल से सबक लें और समीर लाल बनाम अनूप शुक्ल विवाद को हमेशा-हमेशा के लिए यहीं अलविदा कह दें…
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