गब्बर जी, माफ़ करना गलती म्हारे से हो गई…खुशदीप

आज दशहरा है…बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन…

लेकिन आज मैं गब्बर को याद कर रहा हूं…एक खलनायक को…

लगता है इस महापुरुष के चरित्र चित्रण में हमसे कोई भूल हो गई है…इसका अहसास कल मुझे फेसबुक पर विचरण करते हुआ…फेसबुक पर फ्रेंड सर्किल में निधि बिटिया भी है…मनसा वाचा कर्मणा वाले राकेश कुमार जी की होनहार बिटिया…निधि ने फेसबुक पर जो लिंक दे रखा था, उसे पढ़कर ही मुझे लगा कि गब्बर के साथ इतिहास ने नाइंसाफ़ी की है…आपको यकीन नहीं आता तो इस लिंक पर क्लिक कर खुद ही पढ़ लीजिए…

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Rakesh Kumar
13 years ago

वाह!

विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ,खुशदीप भाई

Geeta
13 years ago

boht badhiya charitr chitran

ब्लॉ.ललित शर्मा

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

दिनेशराय द्विवेदी

सारे खलनायक आखिर नायक तो होते ही हैं।

प्रवीण पाण्डेय

व्यक्तित्व की महानता कहाँ छिपी थी?

डॉ टी एस दराल

इसे पढ़कर तो गब्बर से प्यार सा होने लगा है । 🙂

अजित गुप्ता का कोना

वाह रे रचनाकार?

विवेक रस्तोगी

यह चरित्र चित्रण हमने भी पढ़ा है, फ़न्नी बनाया है।
विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएँ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

NICE.

Happy Dushara.
VIJAYA-DASHMI KEE SHUBHKAMNAYEN.

MOBILE SE TIPPANI DE RAHA HU.
ISLIYE ROMAN ME COMMENT DE RAHA HU.
Net nahi chal raha hai.

Atul Shrivastava
13 years ago

बढिया चरित्र चित्रण…..
फेसबुक पर ही मैंने भी इसे पढा था….

इसे पढकर महसूस होता है कि गब्‍बर का आंकलन करने में सच में गलती हो गई…..! वास्‍तव में गब्‍बर काफी महान और दार्शनिक इंसान था….!!

विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं…..

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