आज दशहरा है…बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन…
लेकिन आज मैं गब्बर को याद कर रहा हूं…एक खलनायक को…
लगता है इस महापुरुष के चरित्र चित्रण में हमसे कोई भूल हो गई है…इसका अहसास कल मुझे फेसबुक पर विचरण करते हुआ…फेसबुक पर फ्रेंड सर्किल में निधि बिटिया भी है…मनसा वाचा कर्मणा वाले राकेश कुमार जी की होनहार बिटिया…निधि ने फेसबुक पर जो लिंक दे रखा था, उसे पढ़कर ही मुझे लगा कि गब्बर के साथ इतिहास ने नाइंसाफ़ी की है…आपको यकीन नहीं आता तो इस लिंक पर क्लिक कर खुद ही पढ़ लीजिए…
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वाह!
विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ,खुशदीप भाई
boht badhiya charitr chitran
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
सारे खलनायक आखिर नायक तो होते ही हैं।
व्यक्तित्व की महानता कहाँ छिपी थी?
इसे पढ़कर तो गब्बर से प्यार सा होने लगा है । 🙂
वाह रे रचनाकार?
यह चरित्र चित्रण हमने भी पढ़ा है, फ़न्नी बनाया है।
विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएँ।
NICE.
—
Happy Dushara.
VIJAYA-DASHMI KEE SHUBHKAMNAYEN.
—
MOBILE SE TIPPANI DE RAHA HU.
ISLIYE ROMAN ME COMMENT DE RAHA HU.
Net nahi chal raha hai.
बढिया चरित्र चित्रण…..
फेसबुक पर ही मैंने भी इसे पढा था….
इसे पढकर महसूस होता है कि गब्बर का आंकलन करने में सच में गलती हो गई…..! वास्तव में गब्बर काफी महान और दार्शनिक इंसान था….!!
विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं…..