आज दशहरा है…बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन…
लेकिन आज मैं गब्बर को याद कर रहा हूं…एक खलनायक को…
लगता है इस महापुरुष के चरित्र चित्रण में हमसे कोई भूल हो गई है…इसका अहसास कल मुझे फेसबुक पर विचरण करते हुआ…फेसबुक पर फ्रेंड सर्किल में निधि बिटिया भी है…मनसा वाचा कर्मणा वाले राकेश कुमार जी की होनहार बिटिया…निधि ने फेसबुक पर जो लिंक दे रखा था, उसे पढ़कर ही मुझे लगा कि गब्बर के साथ इतिहास ने नाइंसाफ़ी की है…आपको यकीन नहीं आता तो इस लिंक पर क्लिक कर खुद ही पढ़ लीजिए…
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