क्रिस्टोफर कोलम्बस महाराज, अमेरिका डिस्कवर कर तुमने तो अपना नाम अमर करा लिया लेकिन एसएसटी के स्टूडेंट्स की जान को हमेशा के लिए जंजाल छोड़ गए…
कोलम्बस मियां, शुक्र मनाओ कि तुम शादीशुदा न थे…अगर शादीशुदा होते तो ये कारनामा कर दिखाते…फिर मानते तुम्हें असली तुर्रम खां…क्या सोचते हो…अमेरिका डिस्कवर करने के लिए तुम कूच करते, और बेगम कोलम्बस बिना कोई चूं-चां किए तुम्हें घर से बाहर पैर रखने की इजाज़त दे देती…यकीनन ऐसा नहीं होता…तुम्हें भी शर्तिया पहले बेगम के इन सवालों का जवाब देना पड़ता…
सवाल नंबर 1-
कहां जा रहे हो…
सवाल नंबर 2-
क्यों जा रहे हो…
सवाल नंबर 3-
किसके साथ जा रहे हो…
सवाल नंबर 4-
मैं भी चलूंगी…
सवाल नंबर 5-
वापस कब आओगे…
सवाल नंबर 6-
घर रह कर ही डिस्कवर कर लो…
सवाल नंबर 7-
मेरे लिए क्या लाओगे…
सवाल नंबर 8–
वापसी में सब्ज़ी लेते आना…
सवाल नंबर 9-
पहुंच कर इत्तला देना…
सवाल नंबर 10-
हर बार तुम ही क्यों डिस्कवर करते हो…कोई दूसरा नहीं कर सकता क्या…
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खुशदीप जी,
एक पत्रिका में महीना भर पहले एक चुटकुले को प्रथम पुरस्कार मिला है, उसमें ये सभी(या एकदम मिलते जुलते) प्रश्न लिखे हुये थे। भेजने वाले आप रहे होते तो पुरस्कार आप को मिला होता। वैसे तो आप पुरस्कार वगैरह की परवाह नहीं करते, पर फ़िर भी कहे बिना नहीं रहा गया।
और ज्यादा मजे की बात ये है कि शायद उसी पत्रिका के पिछले अंक में कोलंबस की जीवनगाथा लिखी हुई थी और उसमें बाकायदा उसकी पत्नी, सास व ससुर का नाम लिखा था और ये भी लिखा था कि अपनी ससुराल से कोलंबस ने काफ़ी लाभ उठाया। मैं तो इस बारे में पत्रिका वालों को लिखने वाला था, फ़िर कालेज के एक दोस्त की बात याद आई कि चुटकुले सुनने हों, हिन्दी फ़िल्में वगैरह देखनी हों तो दिमाग को घर रखकर जाना चाहिये। आज आपकी पोस्ट देखकर फ़िर से याद आ गया।
पोस्ट फ़र्स्ट क्लास है।
हा हा हा और कोलंबस उनका जवाब देते देते ससुरा पीएचडी कर डालता मगर अमरीका न पहुंच पाता कभी भी । जय हो
क्या बात है आज हर पोस्ट शादी के खिलाफ लिख रहे हो? लगता है यात्रा मे अधिक भार तुम्हें ही उठाना पडा होगा। जय माता दी।
बहुत पहले "जौहर के जवाब" नामक रेडियो कार्यक्रम में किसी ने एक प्रश्न पूछा थाः
पत्नी पति के लिए क्या होती है?
और आई.एस. जौहर साहब ने उसका जवाब दिया थाः
पत्नी पति के लिए "साँप के मुँह में छुछूंदर" होती है। 🙂
कोलम्बस शादीशुदा नहीं था, इसका सबूत है क्या? अरे पहले ऐसे ही जाते थे। आजकल ही बने हैं ये सारे चौंचले। आपकी यात्रा सुखद रही होगी, आशा करती हूँ क्योंकि आप तो दोनों ही साथ गए थे।
कोलम्बस अगर शादी शुदा होता तो और भी कई अमरिका डिस्कवर होते।
मानते हो कि नहीं?
कि भाभी को फ़ोन लगाऊँ 🙂
waah !
बेचारा कोलंबस और हँसते हुए खुशदीप सहगल को मैं देख पा रहा हूँ !
बेगम खुशदीप से निवेदन हैं की ये सवाल ना पूछें कुछ दिन …देखें ,दुनिया का कौन सा नया देश जुड़ने वाला है मानचित्र में!
यही सवाल तो हमारा मार्ग प्रशस्त करते हैं.
I really enjoyed this post…thanks a lot….hum patiyon ka dard ek bhugtbhogi pati hi samajh sakta hai…:_)…you have a gr8 sense of humour.
plz visit my blog when u have time
http://www.achchikhabar.blogspot.com
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.और भी…
ज़रूर किसी लड़की के चक्कर में जा रहे होगे ?
मैं भी साथ चलूँगी, तुम मर्दों का कोई भरोसा नहीं !
बस बच गया बेचारा।
राम राम! देवी मां के दर्शन के बाद ऐसी बातें ?
सब पत्नियाँ एक जैसी नहीं होतीं,खुशदीप भाई.
कुछ तो धक्का देकर घर से निकाल देतीं हैं.
फिर अमेरिका ही क्या आस्ट्रलिया भी खोज में आ जाता.
दराल सर,
अभी शहीद होने का इरादा नहीं किया है, जो अकेला जाने की हिमाकत करता…
आप भी जानते हैं कि किसी भी देवी को मनाना आसान होता है बनिस्बत घर की देवी के….
जय हिंद…
हा हा हा ! वैष्णो देवी क्या मेडम को साथ लेकर नहीं गए थे ?
अनिल भाई भी बहुत किस्मत वाले हैं 🙁
ये सारे प्रश्न हमसे भी पूछे जाते हैं, कोलंबस बहुत किस्मत वाला था ।
अनिल पुसदकर भाई जी,
क्यों जले हुओं पर नमक छि़ड़क रहे हो…
जय हिंद…
hahahahaaha, aaj bahut khush hun,bach gaya main bhi in yakshh prashno se.hahahahahahahaha
हा हा हा …
हा हा हा अच्छे प्रश्न किये हैं।
दिनेश जी तुलसी दास जी तो शादीशुदा ही थे और उन्हे उनकी पत्नी ने ही प्रेरित किया था।
शादीशुदा होता तो तुलसी रामचरित न लिख पाता।