किस्सा तानाशाही के मिज़ाज का…खुशदीप


तानाशाही का एक मिज़ाज
होता है। तानाशाह के सवाल पूछने पर या डांटने पर चुप रहने की ही रिवायत होती है। इसके
ख़िलाफ़ जाकर कोई जवाब देने की हिमाकत कर देता है तो उसे भारी क़ीमत तो चुकानी ही पड़ेगी।
इस पर आपको एक मज़ेदार किस्सा सुनाऊं उससे पहले मौजूदा वक्त के सबसे क्रूर
तानाशाह किम जोंग उन का ज़िक्र करना चाहूंगा।

जी हां, सही पकड़े हैं। उत्तर
कोरिया के मौजूदा शासक किम जोंग उन। इस तानाशाह ने अपने रक्षा मंत्री ह्यॉन योंग
चोल को इसी साल 30 अप्रैल को सरेआम तोप (एंटी एयर क्राफ् गन) से उड़ा दिया। चोल का
कसूर था तो इतना कि तानाशाह शासक की मौजूदगी में उन्हें झपकी आ गई थी। इसके बाद
चोल से कुछ पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने का भी कसूर कर डाला। क्या हश्र हुआ,
पूरी दुनिया ने देखा। 66 वर्षीय चोल वो व्यक्ति थे जो किम जोंग उन ही नहीं बल्कि
उनके पिता किम जोंग इल के भी बरसों तक विश्वासपात्र रहे थे।

किम जोंग उन ने 12 दिसंबर
2013 को अपने फूफा जैंग सोंग थाएक को भी उनके 5 सहयोगियों के साथ
गद्दारीके आरोप में नंगा करके 120  शिकारी कुत्तों के सामने डलवा दिया था। इन
कुत्तों को तीन दिन से भूखा रखा गया था।

अब सुनाता हूं वो किस्सा
जिसका पोस्ट के शुरू में वादा किया था। एक तानाशाह राजा ने 10 जंगली कुत्ते पाल रखे थे।
राजा को अपने किसी मंत्री की बात पसंद नहीं आती थी तो उस मंत्री को कुत्तों के
सामने डाल दिया जाता था। ऐसे ही एक बार एक मंत्री की राय तानाशाह को पसंद नहीं आई।
तानाशाह ने मंत्री को फौरन कुत्तों के आगे डालने का फ़रमान सुना डाला। मंत्री ने
तानाशाह से कहा,
मैंने 10 साल आपकी खिदमत
की और आपने ये सिला दिया। मंत्री ने साथ ही गुहार लगाई कि सज़ा देने से पहले उसे
कम से कम 10 दिन की मोहलत तो दी जाए।

तानाशाह मान गया। इसके
बाद मंत्री उस बाड़े के प्रभारी के पास गया जहां जंगली कुत्तों को रखा गया था। मंत्री
ने प्रभारी से कहा कि वे इन कुत्तों की दस दिन सेवा करना चाहता है। प्रभारी ये
सुनकर हैरान हुआ। लेकिन मंत्री के बहुत आग्रह करने पर मान गया। मंत्री ने कुत्तों
को खाना देने के साथ उनकी 10 दिन तक हर तरीके से देखभाल की। 10 दिन बीत गए तो मंत्री
को सज़ा देने का वक्त आ गया।

तानाशाह राजा ने मंत्री
को कुत्तों के आगे डालने का आदेश दिया। लेकिन खचाखच भरे सभागृह में जो हुआ उसे
देखकर राजा समेत सब हैरान रह गए। सभी 10 जंगली कुत्ते मंत्री पर हमला करने की जगह
उसके आगे पीछे दुम हिला रहे थे। कुछ प्यार से उसके पैर चाट रहे थे। परेशान राजा ने
जानना चाहा कि माज़रा क्या है। खूंखार कुत्ते ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे हैं
?
 इस पर मंत्री ने
कहा…
मैंने सिर्फ 10 दिन इन कुत्तों की सेवा की और इन्होंने उसे याद रखा। लेकिन
आपकी मैंने 10 साल जी-जान से खिदमत की लेकिन मेरी एक ग़लती के आगे वो सब कुछ भुला
दिया गया।

आख़िर तानाशाह को अपनी
ग़लती का अहसास हो ही गया…

तानाशाह ने आदेश दिया कि मंत्री
को भूखे भेड़ियों के सामने डाला जाए।

मॉरल ऑफ द स्टोरी- एक बार
शासक वर्ग जो सोच लेता है, चाहे वो ग़लत ही सही, उसे अमली जामा पहनाकर ही छोड़ता
है।
 
Khushdeep Sehgal
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Unknown
8 years ago

बहुत बढ़िया लेख हैं.. AchhiBaatein.com – Hindi blog for Famous Quotes and thoughts, Motivational & Inspirational Hindi Stories and Personality Development Tips

सु-मन (Suman Kapoor)

बढ़िया पोस्ट

निर्मला कपिला

हांजी उसका प्रत्यक्ष प्रमाण देख ही रहे हैं1

Gyan Darpan
9 years ago

एक बार शासक वर्ग जो सोच लेता है, चाहे वो ग़लत ही सही, उसे अमली जामा पहनाकर ही छोड़ता है।
@@ सहमत

Syed Izhar Arif
9 years ago

प्रशंसनीय। तानाशाह के विकल्प और भी खतरनाक हो सकते है.

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