कपिल शर्मा के साथ ये तो होना ही था…खुशदीप

कपिल
शर्मा यानि पिछले 5-6 साल से भारत के बेताज कॉमेडी बादशाह…इन दिनों कपिल को लेकर
बहुत सी बातें हवा में तैर रही हैं…कहीं कपिल की बहन के हवाले से बताया जा रहा
है कि वो डिप्रेशन के शिकार हैं…सेट पर तीन बार बेहोश हो चुके हैं…ये अटकलें
भी हैं कि कपिल फिल्मों के लिए अपने शो में आने वाले सुपरस्टार्स तक को इतना
इंतजार कराते हैं कि वो तौबा करने लगे हैं…हवा में ये भी उड़ रहा है कि शाहरुख
खान और अनुष्का शर्मा ने अब कभी कपिल के शो में ना आने की कसम खा ली है…इन दोनों
की फिल्म आने वाली है…
जब हैरी मेट सेजल’…इसी फिल्म के प्रमोशन के
दौरान कपिल के शो पर ऐसा-वैसा कुछ हुआ बताया जा रहा है…

फोटो- कपिल शर्मा के ट्विटर हैंडल से साभार
हाल में ऐसा दो बार हुआ कि
कपिल को अपने शो का शूट तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से टालना पड़ा…एक बार
जब हैरी मेट सेजलकी लीड जोड़ी शाहरुख और
अनुष्का के साथ…तो दूसरी बार
मुबारकांकी स्टार कास्ट (अनिल कपूर, अर्जुन कपूर, इलियाना डिक्रूज)
के साथ…हालांकि अब कपिल मुबारकां वाला शूट पूरा कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि
जल्दी ही कपिल
जब हैरी मेट सेजलके निर्देशक इम्तियाज अली और शाहरुख-अनुष्का के साथ भी शो
शूट करेंगे… 



कपिल के लिए राहत की बात ये भी है कि सोनी चैनल पर ही जोर शोर के साथ
शुरू किया गया कॉमेडी शो
द ड्रामा कंपनी फ्लॉप  साबित हुआ है…इस शो में
मिथुन चक्रवती के होस्ट होने के अलावा कृष्णा अभिषेक, सुगंधा, सुदेश लहरी, संकेत
जैसे कॉमेडियन्स होने के बावजूद बात नहीं बनी…सोनी चैनल कॉमेडी को लेकर नए प्रयोग
कर रहा है…इसकी वजह यही बताई जाती रही है कि सोनी कपिल के साथ कॉन्ट्रेक्ट को
बढ़ाने के मूड में नहीं है. लेकिन अब नई परिस्थितियों में ये कॉन्ट्रेक्ट बढ़ाया
भी जा सकता है…

कॉमेडियन्स में जिस तरह की
कामयाबी और पैसा कपिल को मिला, वैसा देश में पहले किसी कॉमेडियन को नहीं मिला…पहले कॉमेडियन्स अपनी प्रतिभा सिर्फ बॉलिवुड के बड़े पर्दे पर दिखाते थे. लेकिन अब
टीवी ने कॉमेडी में कमाई के मामले में बड़े पर्दे को कहीं पीछे छोड़ दिया है…



बॉलिवुड के कॉमेडियन्स की बात की जाए तो महमूद से बड़ा नाम कोई नहीं दिखाई
देता…वैसे महमूद के पहले भी गोप, याकूब, मुकरी, ओम प्रकाश, जॉनी वॉकर, भगवान
दादा जैसे अदाकारों ने अपनी कॉमेडी से लोगों को गुदगुदाया…यही बात महमूद के
समकक्षों में आई एस जौहर, जगदीप, देवेन वर्मा, राजेंद्र नाथ के लिए भी कही जा सकती
है…महमूद के बाद कॉमेडी के हुनर में चमकने वाले एक्टर्स में असरानी, केश्टो
मुखर्जी, उत्पल दत्त, पेंटल, कादर खान, शक्ति कपूर, जॉनी लीवर के नाम गिनाए जा
सकते हैं…हाल के वर्षों में राजपाल यादव, सतीश कौशिक, अनुपम खेर, बमन ईरानी, अरशद
वारसी ने दर्शकों का अपनी कॉमेडी टाइमिंग से भरपूर मनोरंजन किया…बॉलिवुड
में विशुद्ध कॉमेडियन्स की चमक फीकी पड़ने का एक कारण ये भी रहा कि सुपरस्टार्स ने
खुद ही बड़े पर्दे पर कॉमेडी करने का जिम्मा उठा लिया…

बॉलिवुड में विशुद्ध
कॉमेडियन्स की पूछ बेशक कम हुई लेकिन छोटे पर्दे ने इसकी भरपाई कर दी…टीवी पर
द लाफ्टर चैलेंजशुरू होने के बाद
कॉमेडियन्स की नई फौज दर्शकों के सामने आई…इनमें अमृतसर से आए कपिल शर्मा, भारती,
राजीव ठाकुर, सुदेश लहरी, चंदन प्रभाकर खास तौर पर कामयाब रहे…इनके अलावा राजू
श्रीवास्तव, कृष्णा अभिषेक, एहसान कुरैशी, सुनील पॉल, नवीन प्रभाकर, प्रताप
फौजदार, सुमीत राघवन ने भी अपनी पहचान बनाने में सफलता पाई…टीवी की बदौलत भारत ने
पाकिस्तान के कॉमेडियन्स शकील, रऊफ लाला के टेलेंट को भी देखा…ये अलग बात है कि
पाकिस्तान के कॉमेडी किंग उमर शरीफ ने खुद को भारतीय टीवी पर ज्यादा एक्सपोज नहीं
किया…   

कपिल शर्मा को लेकर कितनी
भी बातें की जा रही हों लेकिन सच तो ये है कि हर कॉमेडियन की एक शेल्फ लाइफ होती
है…कुछ साल तक ही वो अपनी कॉमेडी से दर्शकों को बांधने में कामयाब रहता है…एक
समय के बाद वो जो कुछ भी करे रिपीट लगने लगता है…इस फील्ड में लंबे समय तक वही
चल सकता है जो नए नए प्रयोग करता रहे…जिसके पीछे मजबूत स्क्रिप्ट राइटर्स
हों…एक कॉमेडियन के समय के साथ फीके पड़ने की एक वजह ये भी होती है कि किसी और नए
प्रतिभाशाली कॉमेडियन का उदय होना…कपिल के लिए ये प्लस प्वाइंट रहा है कि उन्हें
इतने वर्षों से कोई सवा सेर कॉमेडियन नहीं मिला…

भारत में कॉमेडी के क्षेत्र
में अगर महमूद का टाइम सबसे लंबा खिंचा तो इसकी वजह और भी थी, महमूद सिर्फ कॉमेडियन
ही नहीं खुद बहुत उम्दा एक्टर भी थे…वो ट्रेजिडी सीक्वेंस करने पर आते तो
दर्शकों को जार जार रूला भी देते थे…एक वक्त ऐसा भी आया था जब महमूद से उस वक्त
के बड़े स्टार्स भी खौफ खाने लगे…उन्हें लगता था कि महमूद के साथ काम करना ख़तरे से खाली नहीं क्योंकि दर्शकों की सारी तालियां तो वही बटोर कर ले जाएंगे…

महमूद जैसी नैसर्गिक और ऑल
राउंड प्रतिभा विरले ही देखने को मिलती है…इस मामले में कपिल भी महमूद के सामने
कहीं नहीं टिकते…कपिल ने छोटे पर्दे से निकल कर बॉलिवुड के सिल्वर स्क्रीन पर भी
पैर जमाने की कोशिश की…कपिल की कॉमेडी की जब टीवी पर तूती बोल रही थी तभी
अब्बास-मस्तान ने कपिल को लेकर
किस किसको प्यार करूंफिल्म भी बना डाली…और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर
अच्छी खासी कमाई भी कर ली…ये बात दूसरी है कि कपिल को इस फिल्म के बाद बॉलिवुड
में कोई दूसरी फिल्म नहीं बनी…कपिल को दूसरी फिल्म के लिए खुद ही प्रोड्यूसर
बनना पड़ा…फिरंगी नाम से बन रही इस फिल्म में कपिल ने अच्छा खासा पैसा झोंक दिया
है…सुना जाता है कि एक सेट के लिए ही कपिल ने 7 करोड़ रुपए खर्च कर डाले….

कपिल को अब ये ध्यान भी रखना
होगा कि उनका अब पहले जैसा गोल्डन पीरियड नहीं रहा… कपिल की टीम से सुनील ग्रोवर,
अली असगर, सुगंधा के आउट होने के पीछे फ्लाइट में कपिल के बर्ताव को जिम्मेदार
माना जाता है…तभी से कपिल का खराब दौर शुरू होना बताया जा रहा है…ये भी कहा जा
रहा है कि इस दबाव से कपिल खुद को उबार नहीं पा रहे हैं…इसी वजह से उनका प्रोफेशनल
ग्राफ नीचे आता जा रहा है…अब जो भी तर्क दिए जाएं लेकिन मेरा मानना है कि कॉमेडियन
की शेल्फ लाइफ वाला सिद्धांत कपिल पर भी लागू होता है…कपिल अगर कोई नए प्रयोग
करने में कामयाब नहीं रहते हैं तो उनके पास जितना कॉमेडी का हुनर था, वो लोगों को
दिखा चुके हैं…ऐसे में लोगों को इंतजार है कि कॉमेडी के मंच पर किसी ऐसी नई
प्रतिभा के आने का जो आते ही उनके दिलों-दिमाग पर छा जाए और बन जाए भारत का नया
कॉमेडी किंग या क्वीन…
   

        
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pritima vats
7 years ago

itna kuch hone ke bad bhi kapil ko kaphi pasand kiya jata hai.mahilaon ka mazak udaya jata hai phir bhi mahilaon garv se baithkar uska show dekhti hain.
hamare blog par bhi aayen.swagat hai-
https://lokrang-india.blogspot.in/

ताऊ रामपुरिया

सही कहा आपने. नये प्रयोगों के अभाव में एकरसता आने लगती है और जब आप खुद ही प्रोड्यूसर भी हों तो आपका व्यवहार भी काफ़ी मायने रखता है. कपिल ने अपने व्यवहार से अपने साथी कलाकार खोये हैं और यह पक्का है कि उनके साथी कलाकार कुछ ना कुछ एकरसता तोडने में कामयाब थे. इसी वजह से यह शो चलता रह. खैर…अपनी अपनी सेल्फ़ लाईफ़ वाला फ़ार्मुला भी चलना ही था.
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

राजीव तनेजा

कपिल के कॉमेडी करने के तरीके में.."दूसरे/साथी कलाकार की इज़्ज़त उतारो और सबको हँसाओ" का फॉर्म्युला काम करता चला आ रहा था ।
अगर ध्यान दें तो पाएंगे कि कपिल शर्मा के दोनों शोज़ में सिर्फ कपिल ही स्मार्ट दिखाई देता है।सुनील ग्रोवर जैसे उम्दा कलाकार के व्यक्तित्व को बिगाड़ने के लिए उसे गंजा/बेतरतीब/उलझे/बिखरे बालों वाला बना दिया गया तो सुगंधा मिश्रा जैसी सुंदर और मधुर आवाज वाली कलाकार को ऐसा गैटअप दिया गया कि उसका हुनर छोड़ उसके बेढब फैशन और चोटी की ही तरफ सबका ध्यान जाए। अली असगर जैसे बढ़िया कलाकार को भी औरत बना उससे ऊटपटांग हरकतें करवाई जाती हैं। जिनके अलावा भी बाकी किसी भी कलाकार को उभरने का कोई भी मौका नहीं दिया जाता है।
कपिल को अपने शो में साथी कलाकारो और सवाल पूछने वाले दर्शकों का मज़ाक उड़ाने में मज़ा आता है। हर चीज़ की एक सीमा होती है।साथी कलाकार ना चाहते हुए मन मार कर साथ में काम कर रहे थे। एक नया एक दिन इस सब का अंत तो होना ही था।
सही कॉमेडी वो होतो है जिसमें किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना हास्य उत्पन्न किया जाए।

शरद कोकास

अब दर्शकों की रूचि भी बदलने लगी है , वे कॉमेडी के पुराने तरीके से अब संतुष्ट नहीं हैं . अब उन्हें फूहड़ कॉमेडी नहीं पसंद है न ही उनके प्रिय कलाकार फूहड़ कॉमेडी करें यह पसंद है . बाबा रामदेव वाला एक एपिसोड देखा था उसमे फूहड़ता देखकर निराशा हुई . महमूद के दौर में भी एक जैसी कॉमेडी पसंद नहीं की जाती थी , जिसने अपने आपको रिपीट किया वह पिट गया जैसे कि भगवान् दादा .. महमूद कुंवारा बाप के कारण टिके रहे .. इसलिए अंत तो इनका भी होना है .. आगे पता नहीं देश में हास्य की स्थितियाँ रहें ना रहें .. जिस देश में रोज किसान आत्महत्या कर रहे हों वहाँ कोई कैसे ज्यादा दिनों तक हँस सकता है

Satish Saxena
7 years ago

पता नहीं लोग इसे कैसे झेलते हैं

Picture Pandey
7 years ago

स्वस्थ मनोरंजन हमेशा अच्छा लगता है. क्रिएटिविटी की कमी है आजकल की कॉमेडी में. कुछ भी कहिये साउथ की फिल्मों के बारे में, लेकिन उत्तर भारत की फिल्मों से बढ़िया कॉमेडी होती है.

दिनेशराय द्विवेदी

अच्छा आलेख पर कपिल फूहड़ हास्य के बादशाह हो सकते हैं, स्मित हास्य तो उन के शब्दकोश में कहीं नहीं था।

नीरज गोस्वामी

कपिल का शो फूहड़ता की पराकाष्ठा होने लगा है…महिलाओं की मजाक बनाता ये शो हास्य कम खीज अधिक पैदा करता है….

palash
7 years ago

perfect analysis

HARSHVARDHAN
7 years ago

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।

इन्दु पुरी

लगातार पुनरावृत्ति किसी भी क्षेत्र में हो उकताहट ,नीरसता को जन्म देती है

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }

आए है तो जाएँगे राजा रंक फ़क़ीर

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (29-07-2017) को "तरीक़े तलाश रहा हूँ" (चर्चा अंक 2681) पर भी होगी।

सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।

चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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