ओ तुझको चलना होगा…खुशदीप

एक लड़की अपने पिता के साथ कार ड्राइव कर रही थी…
रास्ते में आंधी-तूफ़ान आ गया…लड़की ने पिता से पूछा…क्या करना चाहिए
पिता का जवाब था…ड्राइव करती रहो…
इस बीच और कारें हाइवे के साइड में होकर खड़ी होने लगीं…
तूफ़ान और तेज़ होता जा रहा था…बेटी ने फिर पूछा…अब क्या करूं…
पिता ने फिर कहा…गाड़ी ड्राइव करती रहो
कुछ आगे बढ़ने पर लड़की ने देखा, बड़े ट्रक-ट्रेलर भी साइड में खड़े होते जा रहे हैं…
बेटी ने पिता से कहा…मुझे अब साइड में रुक ही जाना चाहिए…हर कोई यही कर रहा है…मुझे आगे कुछ भी साफ़ नहीं दिख रहा…
पिता ने फिर बेटी से कहा…धैर्य रखो और आगे बढ़ती रहो…
तूफ़ान की रफ्तार अब चरम पर थी लेकिन लड़की कार ड्राइव करती रही…
थोड़ी देर बाद लड़की को हाइवे पर आगे साफ़ नज़र आने लगा…
कुछ किलोमीटर चलने के बाद तूफ़ान पूरी तरह शांत हो चुका था…सूरज भी निकल आया था…
सब कुछ सामान्य…
पिता ने कहा…अब तुम गाड़ी साइड में रोक कर बाहर निकल सकती हो…
लड़की…लेकिन अब क्यों…
पिता…जब तुम बाहर निकलोगी तो पीछे मुड़ कर उन लोगों को देखना जिन्होंने चलना छोड़ दिया…वो अब भी तूफ़ान में फंसे हुए हैं…तुमने चलना नहीं छोड़ा…और आखिर में तूफ़ान से पार पा लिया…


स्लॉग चिंतन

जब हालात विपरीत हो, और सब हौसला छो़ड़ रहे हों तो देखादेखी खुद भी हार नहीं मान लेनी चाहिए…अगर आप कोशिश करते रहेंगे तो आप एक वक्त में तूफ़ान से ही पार पा लेंगे और सूरज आपके जीवन में फिर चमकने लगेगा…


लेखक- अज्ञात
(ई-मेल से अनुवाद)

स्लॉग गीत
मैं जब भी खुद को डाउन समझता हूं…ये गाना सुन लेता हूं…मुझमें फिर उठने का जोश आ जाता है…