ओ गंगा, तुम रुक गई क्यों…खुशदीप

भूपेन हज़ारिका

8  सितंबर 1926- 5 नवंबर 2011

Khushdeep Sehgal
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संगीता पुरी

श्रद्धांजलि!!

shikha varshney
13 years ago

बहुत कुछ ले गया साल २०११ …
उनके गीत हमेशा उन्हें जीवित रखेंगे.
विनर्म श्रद्धांजलि .

अजित गुप्ता का कोना

विनम्र श्रद्धांजलि।

vandana gupta
13 years ago

विनम्र श्रधांजलि ।

वाणी गीत
13 years ago

सुरों की गंगा रुक गयी क्यों …
नमन एवं श्रद्धांजलि!

Atul Shrivastava
13 years ago

श्रध्‍दासुमन………

दिनेशराय द्विवेदी

उन की कृतियाँ हमारी बहुत बड़ी थाती हैं जो युगों तक उन की स्मृति बनाए रखेगी। उन की कलाएँ आम जन के लिए थीं और वह जल्दी किसी अपने को विस्मृत नहीं करता।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद

अभी श्रीलाल शुक्ल जी की चिता की आग ठंडी हुई नहीं कि कला की दुनिया को यह आघात !!!!!!

डॉ टी एस दराल

विनम्र श्रधांजलि ।

प्रवीण पाण्डेय

दुखद, गंगा से सभ्यता के बारे में प्रश्न पूछने वाला चला गया।

Satish Saxena
13 years ago

उनकी यादें हमेशा बनी रहेंगी ….

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