ओेए लक्की, लक्की ओए…खुशदीप

अपना लक पहन कर चलो…ये पढ़ कर आपको ज़रुर याद आ गया होगा कि मैं लक्स कोज़ी की एड का ज़िक्र कर रहा है…लेकिन कुछ पहनने से लक बदलता है या नहीं, ये मैं नहीं जानता लेकिन आज आपको लक यानि किस्मत की महिमा बताता हूं…

लक मैटर्स…

एक कंपनी में एक्जीक्यूटिव पोस्ट के लिए आवेदन मांगे गए….

देखते ही देखते तीन सौ आवेदन आ गए…लेकिन कंपनी के पास वक्त बहुत कम था…और किसी को नौकरी पर रखना भी बहुत जल्दी था…

बॉस ने सेक्रेट्री से डेस्क पर रखे तीन सौ आवेदनों में से नीचे रखे 50 को कॉल करने के लिए कहा…और बाकी सारे आवेदनों को रद्दी की टोकरी में फेंकने के लिए…

ये सुनकर सेक्रेट्री का मुंह खुला का खुला रह गया…फिर भी उसने हिम्मत करके पूछा…क्या 250 आवेदन फेंक दिए जाएं, बिना देखे….अगर इनमें वाकई श्रेष्ठ उम्मीदवारों के भी आवेदन रद्दी में चले गए तो…


बॉस ने ये सुनने के बाद मुस्कुराते हुए कहा…

यस, तुम्हारा तर्क बिल्कुल ठीक है, लेकिन मैं अपने ऑफिस में ऐसे लोग नहीं चाहता जिनका लक खराब हो…

बेकी होरोविट्ज (रीडर्स डाइजेस्ट)

स्लॉग गीत

ओए लकी, लकी ओए

स्लॉग ओवर

मक्खन…

नी मक्खनिए….जब मैंने तुझे पहली बार देखा था तो तेरी फिगर बिल्कुल कोक की बॉटल की तरह होती थी..

मक्खनी…

ठंड रख, मैं अब भी कोक की बॉटल ही हूं…फर्क सिर्फ इतना है पहले 300 ML की थी, अब दो लीटर वाली हो गई हूं…



Khushdeep Sehgal
Follow Me
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x