लो जी आ गया फिर मैं…ब्लॉगिंग से दस दिन की फोर्स्ड लीव से…इन दस दिन में सिर्फ बाल नोचने के अलावा कर क्या सकता था…सेक्टर का टेलीफोन एक्सचेंज जल कर राख हो गया…बारह दिन से न लैंडलाइन फोन और न ही ब्रॉडबैंड काम कर रहा था…ऐसे में मैं क्या कर सकता था…बस तारक मेहता का उलटा चश्मा के पोपट लाल पत्रकार की तरह…दुनिया हिला दूंगा… की धमकी बीएसएनएल वालों को देता रहा…वो भी रोज़ धमकी सुन लेते और कलमाडी की तरह चिकना घड़ा स्टाइल में शाम तक फोन ठीक होने की गोली देते…बारह दिन तक यही क्रम बदस्तूर चला…
राम राम करते लैंडलाइन फोन शुरू हुआ…लेकिन अब मॉ़डम जी ने बदला उतारा…भई रात-रात भर मॉ़डम जी को ड्यूटी पर लगाए रखोगे, ज़रा सा आराम न करने दोगे…तो दिमाग तो उनका फिरना ही था…लाख पैर पटके लेकिन मॉ़डम जी को कोई तरस नहीं आया…उन्होंने जैसे कसम खा ली थी कि सिवाए एक लाल बत्ती के और कोई बत्ती जला कर ही नहीं दूंगा…मरता क्या न करता…मॉडम जी को भी बीएसएनएल क्लिनिक ले गया…उन्होने खींसे नपोरते हुए कहा कि ये तो कॉमा में चले गए हैं…कब दम तोड़ दें , कोई ठिकाना नहीं…बेहतर होगा कि नया मॉडम ही ले लें…लीजिए जनाब दो हज़ार रुपये का का फटका और लगा…तब बीएसएनएल वालों ने नए नकोर मॉ़डम जी उपलब्ध कराए…कोई विघ्न न आए, धूप-बत्ती जलाकर मॉ़डम और लैंडलाइन की आरती उतारी…बड़ी मुश्किल से नेटवर्क कनेक्ट हुआ…और मैं आपसे मुखातिब होने लायक हो सका…
दस दिन में ब्लॉग में बहुत कुछ हुआ होगा…अभी सिंहावलोकन करने में मुझे वक्त लगेगा…लेकिन विजयादशमी के दिन मुझे गुरुदेव समीर लाल जी, टी एस दराल सर, बीएस पाबला जी, सतीश सक्सेना जी, शिवम मिश्रा, दीपक मशाल, शाहनवाज़ सिद्दीकी और ललित शर्मा भाई के एक के बाद एक फोन आने शुरू हुए और वेडिंग एनीवर्सरी की बधाई मिलने लगीं तो मुझे पता चला कि पाबला जी ने बधाई की पोस्ट लगाई है…आज जाकर वो पोस्ट देखी और सबका प्यार देखकर मन पुलकित और आंखें नम हो गईं…
रुपचंद्र शास्त्री जी, सूर्यकांत गुप्ता, दिनेश राय द्विवेदी सर, ललित शर्मा, जय कुमार झा, अजय कुमार झा, समीर लाल समीर जी, परमजीत सिंह बाली, राज भाटिय़ा, बीएस पाबला, अरविंद मिश्रा, डॉ टी एस दराल, गिरीश बिल्लौरे, प्रवीण त्रिवेदी, अदा जी, दीपक मशाल, संजय भास्कर, रतन सिंह शेखावत जी, राम त्यागी, एस एम मौसम, वंदना, हेमंत कुमार, फिरदौस खान, तारकेश्वर गिरी, सुलभ सतरंगी, अंशुमाला, सूर्य गोयल, अनिता कुमार जी, अर्चना जी, अशोक बजाज जी की बधाई से शादी की सालगिरह की खुशी दुगनी हो गई…मेरे ब्लॉग पर भी सतीश सक्सेना भाई, ज़ाकिर अली रजनीश, राजेंद्र स्वर्णकार, संजय कुमार चौरसिया, अशोक बजाज जी ने आकर बधाई दी…आप सबका प्यार और आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है…
अरे हां, सबसे ज़रूरी बात, आप सब की बधाई पत्नीश्री तक भी पहुंचा दी…वो मेरे से भी खुश थीं कि इस बार तो बड़े टाइम से वैडिंग एनीवर्सरी याद आ गई…अब उन्हें क्या बताऊं कि ये सब ब्लॉगिंग का प्रताप है…न पाबला जी पोस्ट लगाते, न मुझे बधाई के फोन आते…तो वही होता जो मेरे साथ अक्सर होता रहा है…काम के चक्कर में एनीवर्सरी ही भूल जाता…लेकिन इस बार तो दशहरा भी साथ ही था और संडे की छुट्टी भी थी…इसलिए प्रॉपर टाइम पर प्रॉपर तरीके से पत्नीश्री को विश कर दिया…हां ये बात दूसरी थी कि वेडिंग एनीवर्सरी वाले दिन भी दोपहर को मुझे मेरठ जाना पड़ा और अगले दिन ही वापस आ सका…
चलिए पोस्ट में दशहरे की बात उठी तो दशानन स्टाइल में ही स्लॉग ओवर भी सुन लीजिए…(मुझे एसएमएस से मिला है)
स्लॉग ओवर
रावण के दस सिर थे…यानि बीस आंखें…उसने एक पराई स्त्री पर नज़र डालने की गुस्ताखी की और अंजाम जान देकर भुगतना पड़ा…और वाह रे आज का मर्द, सिर्फ दो आंखों से ही हर जगह नज़र रखता है, फिर भी उसका कुछ नहीं बिगड़ता…
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sau mein se ek number ?
bahut be-insaafi hai ye…
ek baar fir prem se boliye..
bani rahe jodi raja-rani ki jodi re..
nazar lagaaye na ye duniya nigodi re…
to bani rahe jodi raja-rani ki jodi re…
@उस्ताद जी,
ज़नाब काम की बात भला कैसे लिख दे,
शादी करके लौटा है, क्या वह अनुभव भी सुनना चाहेंगे ?
सबकी बधाई पत्नीश्री तक पहुंचा दी….. यह काम आपने बहुत अच्छा किया । चलिये देरी से सही हमारी भी बधाई ।
आपको देरी से बधाई. वैसे मेरे लिये ये बर्थडे, एनिवर्सरी याद रखना बड़ी जहमत का काम है. मैं अपना भूल जाता हूं. शादी के बाद पहले वर्ष ही पत्नी जी का भूल गया. रात में सासू जी का फोन आया तो ध्यान आया और श्रीमती जी ज्वालामुखी बन चुकी थीं. तब से फोन में ही नोट कर लिया है..
फिर आ गए तो स्वागत सन्देश तो झेलना ही था ?
सुस्वागतम !
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है | 🙂
हिन्दी सेवा में आप रत रहें …ऐसी हमारी शुभकामनाएं हैं| 🙂
….और हाँ यदि वर्ड वेरिफिकेसन लगा रखा हो तो वह भी हटा लीजिएगा | 🙂
…….कभी हमारे ब्लॉग पर भी आइये ! 🙂
🙂
खुशदीप जी क्या सच मैं बीएसएनएल वालों से लड़ रहे थे या शादी की सालगिरह, वाला कोई मसला था? वैसे भी शादी की सालगिरह पे आप को १० दिन छुट्टी का अधिकार है.
बाकी सब बहाने चलेगे, लेकिन जब मैरा ब्लांग मिलन होगा तो कोई बहाना नही चलेगा जी, वहां जरुर आना हे, ओर सब काम आप लोगो ने ही समभालनां हे, पराया देश* पर जा कर पढ ले, ओर तेयार रहे, वेसे बिना लेंड लाईन के इंट्रनेट नही चलता क्या? मेरा मतलब मोबाईल कार्ड से? जरुर बताये
देर से ही सही …….. शादी की सालगिरह मुबारक . उस दिन आप को मेरठ नही बरेली होना चाहिये था
चले आओ..बड़े दिन से इन्तजार लगा है.
bekated happy anniversary jee………
आपकी पोस्ट के बिना बाकि पोस्टों को पढने में भी मजा नहीं आ रहा था।
हार्दिक शुभकामनायें
प्रणाम
बल्ले बल्ले जी हैपी वेडिंग अनिवर्सरी जी…देर हो गयी लेकिन सबेर नहीं हुई…
नीरज
🙂 🙂
badhai!
रावण के दस सिर थे…यानि बीस आंखें…उसने एक पराई स्त्री पर नज़र डालने की गुस्ताखी की और अंजाम जान देकर भुगतना पड़ा…और वाह रे आज का मर्द, सिर्फ दो आंखों से ही हर जगह नज़र रखता है, फिर भी उसका कुछ नहीं बिगड़ता…
utna sab na kehkar …itna bhi likh dete aap to kaam ban jata.. hehehe gud one!
ओह! बिलेटेड हैप्पी एनिवर्सरी.
Kalyug main to ek ankh hi kafi hai, Mubarak Madam ji thik ho gaye.
ASSI SAMJHE BIRJEEE NOO TANKI CHADH LEYA ……
PUNRAGAMAN PAI MUBARKAN….
AND HAPPY MARRIAGE ANNIVERSERY….
PRANAM
मैं भी कुछ दिनों से बाहर थी .. देर से सही .. वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
स्वागत है वापसी का।
एक बार फिर हार्दिक बधाई।
क्या क्या न किये सितम ….
ब्लॉग्गिंग के लिए पता नही क्या क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं………
उस पर भी लोगों का तुर्रा ये की सारा दिन कहाँ आँखे फोड़ते रहते हो..
वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई हो…..
सर, देर से सही …. पर बधाई हम भी दे रहे हैं.
लीजिये आते ही उस्ताद जी ने क्या शानदार स्वागत किया है वैसे तो १० में से नंबर देते थे पर आज तो पूरे १०० कर दिया और दिया एक अब शागिर्द समझा गया होगा की उसे क्या करना है |
भाई आपके वगैर तो ब्लॉग जगत अधूरा लगता है ..जिन्दादिली और शालीनता से भरी होती है आपकी लेखनी ..
तुम्हारे ब्लाग पर आकर ठंडक मिलती है खुशदीप प्यारे !
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ऐल्लो जी, खुशदीप जी फिर आ गये !
स्वागत है खुशदीप जी पुनरागमन पर!
और हाँ, हमारी बधाई भी स्वीकारें…
…
हम तो समझे बैठे थे कि खुशदीप भाई लम्बी यात्रा पर निकले हैं, आजकल मलेशिया, सिंगापुर, बेंकाक जाने का घटी दरों पर विज्ञापन खूब आ रहे हैं। चलिए आपका अवतरण फिर हो गया, अच्छी बात है। विवाह की वर्षगांठ पर पुरुषों को क्या बधाई देना, वे तो हमेशा ही कहते हैं कि अजी बुरे फंसे। हा हा हा हाहा।
मेरी तरफ से भी सालगिरह की हार्दिक बधाई.
..ढेरों बधाई..मैने तो गुस्से में आकर कनेक्शन ही कटवा लिया..और डाटा कार्ड लगा दिया …यह तो और भी नखड़े दिखा रहा है।
..व्यंग्य अच्छा है।
खुशदीप भाई , आपको एक लेपटोप खरीद लेना चाहिए था और बिल बी एस एन एल को भेज देते । खैर वापसी पर स्वागत है । एक बार फिर से दशहरे , वर्षगांठ और कनेक्शन की बधाई ।
इन्टरनेट सेवा बहाल होने और वैवाहिक वर्षगांठ …दोनों की बधाई एक साथ ही स्वीकार कर लें …!
तो अब इन्टरनेट सेवा बहाल होने की बधाई भी स्वीकार कर ही लीजिए 🙂
lo bhai phir se dheron saari wish le lo ….Many many happy returns of the day again …bahut bahut shubhkaamnayein aapko !
exchange ko durast rakho bhai
मैरिज एनीवर्सरी पर इतने खुश हैं कि मिली बधाईयों पर?
देर से ही सही मेरा भी स्वीकार करें.
पुनरागमन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
उस्ताद जी की बातों पर गौर फ़रमाएं।
बिलेटिड हैप्पी एनीवर्सरी…
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हैरत है कि लोगों ने ब्लागिंग को रोजनामचा बना रखा है
आज आलू खरीदे, प्याज खरीदी, कपडे प्रेस कराये ….
जनाब कुछ काम की बात भी लिख डालते