इस पोस्ट को हिट कराना मेरे लिए चैलेंज…खुशदीप

जी हां, ठीक पढ़ा आपने…मुझे हर हाल में अपनी ये पोस्ट हिट करानी है…लेकिन मेरे पास लिखने के लिए आज कोई सॉलिड मुद्दा नहीं है…फिर…फिर क्या…जो फॉर्मूला कुछ और ब्लॉगर भाई अपना सकते हैं, वो मैं नहीं अपना सकता क्या…शाहरुख़ ख़ान…माई नेम इज़ ख़ान… को हिट कराने के लिए मार्केट-शास्त्र की हर ट्रिक आजमा सकते हैं, मैं नहीं आजमा सकता क्या…शाहरुख़ ख़ान ने तो 1988 में दिल्ली के हंसराज कालेज से इकोनॉमिक्स में बीए ऑनर्स किया था…इसलिए बाज़ार के बेसिक्स जानते हैं…लेकिन मैं क्या करूं, मैं तो प्लेन बीएससी हूं…बहरहाल My name is Khushdeep…And I am a juggler…

खैर छोड़िए मुझे मनमोहन देसाई के हिट फॉर्मूले लॉस्ट एंड फाउन्ड की तर्ज पर ही आज हिट पोस्ट बनानी है…इसके लिए मुझे सबसे आसान नज़र आता है कि ब्लॉगवुड के किसी स्टार ब्लॉगर का दामन पकड़ूं और भवसागर तर जाऊं…ये गाता हुआ…पायो जी मैंने ब्लॉग रत्न धन पायो….ठीक है यही काम करता हूं…अंधविश्वास की आग में खुद हाथ जलाने से अच्छा है कि किसी स्टार ब्लॉगर का ही दिल जलाया जाए…लेकिन कौन है वो स्टार ब्लॉगर, जिसका नाम टाइटल में लेने मात्र से ही नैया पार हो जाती है…कुछ लोग उस मिस्टर एक्स को बड़बोला भी कहते हैं…पढ़ाई में हमेशा आला रहा…तर्क में अच्छे से अच्छे शास्त्री का मुकाबला कर सकता है…खूबसूरती के मामले में हैंडसम सलमान ख़ान सरीखा…सलमान की तरह ही दिल का भला और दूसरों के हमेशा काम आने वाला…अपनों की परेशानी में सब कुछ झोंक देने वाला….

आप उसे बेशक बड़बोला कहें या न कहें लेकिन मैं उसे ब्लॉगवुड में बम का गोला मानता हूं…लेकिन मैं ऊपर जिस चैंलेज की बात कर चुका हूं…उसे यहां बताता हूं…दरअसल आज मैंने फैसला किया है कि उस स्टार ब्लॉगर का नाम मैं पोस्ट में कहीं नहीं लिखूंगा…और फिर भी आपको समझ आ जाएगा कि आखिर ये महाशय हैं कौन….

ये जनाब वो पारस पत्थर हैं, जिनके नाम की ही इतनी तासीर है कि जिस पोस्ट के भी टाइटल में ये टंग जाए वो पोस्ट उस दिन की टॉप फाइव में आना निश्चित है…लेकिन मैं क्या करूं मुझे इसी स्टार ब्लॉगर के नाम के सहारे अपनी पोस्ट सब को पढ़वानी है…लेकिन मैंने तो कसम खाई है कि उसका नाम नहीं लूंगा…

बड़ी मुश्किल है चलिए थोड़े हिंट देता हूं…ये जनाब शाहरुख़ ख़ान की शान में कसीदे पढ़ते हुए खामख्वाह…खामख्वाह वालों से भिड़ जाते हैं…इस चक्कर में कई दूसरे भाइयों को भी पोस्ट का चारा डाल देते हैं…कभी खुद को सबसे पहला ब्लॉगर (अपने आकलन के अनुसार) घोषित कर मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाल देते हैं…कभी अपने सुंदर मुखारबिन्दु से ऐसे मधुर वचन कह जाते हैं कि दूसरा तिलमिलाता हुआ पैर पटकता रह जाता है…इसके अलावा वो बेचारा करे भी क्या…इस स्टार ब्लॉगर का ताल्लुक नफ़ासत और नज़ाकत के शहर से है, लेकिन हैं पूरे रोडी (रिफाइन्ड, वेल एडुकेटेड, कल्चर्ड रोडी)….अगर इनसे कोई कह दे कि आप से पहले भी कुछ नाचीज ब्लॉगर हो चुके हैं…तो इस बंधु के चेहरे पर ज़रा सी भी शिकन नहीं आती…इनका तपाक से जवाब होता है…कोई बात नहीं पहले नहीं तो क्या, अब सही, आज तो हम जहां जाकर खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है…

अब तक आप समझ ही गए होंगे, ये सुपरमैन मिस्टर एक्स हैं कौन…चाह कर भी इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता…क्योंकि इन्होंने लेखन की लाजवाब शैली से ब्लॉगवुड में इतने चाहने वाले जो बना रखे हैं…अब आप भला किस किस से पंगा लोगे…. जहां तक इनके नाम से पोस्ट हिट कराने का सवाल है, तो उसके लिए कुछ धांसू शीर्षक मैं सुझाता हूं…

1. मिस्टर एक्स तत्काल मिस्टर वाई से माफ़ी मांगो…


2. मिस्टर एक्स लखनऊ का नाम बदनाम मत करो…


3. मिस्टर एक्स अपनी खूबसूरती का ढिंढोरा मत पीटो…


4. मिस्टर एक्स ज़ुबान पर लगाम रखो…


5. मिस्टर एक्स तुमने कभी नारी विरोधी टिप्पणी दी थी…आखिर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई थी…

6. मिस्टर एक्स तुम शाहरुख़ के ख़िलाफ़ उलटा सीधा कुछ कह ही कैसे सकते हो…


7. मिस्टर एक्स तुम शादी क्यों नहीं करते…


8. मिस्टर एक्स तुम अपनी ट्रेन क्यों मिस कर देते हो…


9. मिस्टर एक्स तुम खाते क्यों हो…पीते क्यों हो…रोते क्यों…हंसते क्यों हो…

10. फाइनली मिस्टर एक्स, तुम जीते ही क्यों हो….

फलां…फलां..फलां…

बस इन दस फॉर्मूलों में आपको मिस्टर एक्स का नाम हटाकर उस स्टार ब्लॉगर का असली नाम फिट करना है…बस देखो पोस्ट हिट ही हिट…आपके सामने मेरी तरह मजबूरी कोई है कि कसम खा रखी है, आज की पोस्ट में उस स्टार ब्लॉगर का नाम ही नहीं लेना…

मॉरल ऑफ द स्टोरी…

जब मैं बिना स्टार ब्लॉगर के नाम का ज़िक्र किए अपनी पोस्ट अपने नाम से ही हिट करा सकता हूं तो आप क्यों नहीं…क्यों दूसरे के कंधे पर चढ़ कर बंदूक चलाई जाए…कितनी बार लगा सकते हैं आप इस तरह हिट निशाना…एक बार, दो बार, तीन बार…फिर उसके बाद…उसके बाद क्या…

इक तारा बोले,
तुन तुन तुन तुन,
वो क्या कहे है तुमसे,
सुन सुन सुन सुन…

सिर्फ और सिर्फ अपने नाम पर भरोसा करना सीखिए…आपका नाम कभी आपको धोखा नहीं देगा…दूसरे की पूंछ पकड़ कर नदी पार करना चाहोगे तो डूबने का खतरा बना रहेगा…अपना नाम ही अपने लेखन से इतना बड़ा कर दो कि

खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले,


खुदा बंदे से ये पूछे बता तेरी रज़ा क्या है…

स्लॉग ओवर

इस दुनिया में महिलाएं तुलनात्मक दृष्टि से पुरुषों से ज़्यादा खुश कैसे रह लेती हैं…




जवाब…




सोचो…

सोचो…




थोड़ा और सोचो…




नहीं पता, अरे सीधी सी बात महिलाओं की कोई पत्नी जो नहीं होती…

(डिस्क्लेमर…स्लॉग ओवर निर्मल हास्य, याद रखिए होली आने वाली है)

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