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छवि राजावत |
पहले बात छवि राजावत की…30 साल की छवि जयपुर से 60 किलोमीटर दूर ग्राम सोड़ा की सरपंच हैं…पहली नज़र में कोई भी छवि को टॉप मॉडल या एक्ट्रेस समझने की भूल कर बैठेगा…छवि ने मार्च के आखिरी हफ्ते में संयुक्त राष्ट्र में 11वीं इन्फो-पॉवर्टी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया…इस कॉन्फ्रेंस में गरीबी से लड़ने और विकास के लिए नागरिक प्रशासन की भूमिका पर विचार हुआ…
कॉन्फ्रेंस में जींस-टी शर्ट पहने छवि राजावत का परिचय एक भारतीय गांव की सरपंच के तौर पर दिया गया तो किसी को भरोसा नहीं हुआ…छवि भारत की शायद एकमात्र एमबीए सरपंच हैं…छवि ने कम्यूनिकेशन कंपनी में सीनियर मैनेजमेंट पद छोड़कर अपने बचपन के गांव की सेवा का फैसला किया…छवि का कहना है कि जब देश के गांवों में संसाधनों की कमी है हमें ई – सर्विस जैसी नई तकनीक का सहयोग लेना होगा…पिछले एक साल में छवि ने अपने गांववालों के साथ मिलकर ज़मीनी हालात में बदलाव किया है..मिलेनियम डिवेलपमेंट गोल को पाने के लिए छवि ने कॉरपोरेट दुनिया समेत सभी एजेंसियों से मदद मांगी.. उन्होंने युनाइटेड नेशंस के ऑफिस को विशेष धन्यवाद दिया… भारत में इस ऑफिस के सीनियर एडवाइजर बाबू लाल जैन छवि राजावत के गांव सोड़ा आए और गांव में पहला बैंक खोलने में पूरा योगदान दिया…इसीसे बहुत बड़ा फर्क पड़ा…
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छवि राजावत |
छवि राजावत अपने काम को अपनी जड़ों से जुड़ना बताती हैं…उनके शब्दों में, वह महज उस गांव का कर्ज अदा कर रही हैं जहां वो पली-बढ़ीं…लगभग दस हजार की आबादी वाले गांव का सरपंच बनने से पहले छवि होटल बिजनेस में भी हाथ आजमा चुकी थीं…छवि मैजिक नाम के अपने घोड़े पर सवार होकर अक्सर अपने इलाके में हालात का ज़ायजा लेने के लिए निकल जाती हैं…गांव वालों से मिलकर उनकी परेशानियों की जानकारी लेती हैं…छवि के मुातबिक गांव के प्रशासन को समझने और नए खून को गांव के विकास में हिस्सेदार बनाने में एमबीए की पढ़ाई का काफी फायदा हुआ…फिलहाल छवि का ध्यान गांव में पीने का पानी मुहैया कराने और हर बेरोजगार को रोजगार दिलाने पर है….
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पूनम पांडेय |
अब बात पूनम पांडेय की…
इसी देश में एक चेहरा पूनम पांडेय का भी सामने आया…जिसने अपने एक बयान से देश भर के मीडिया में सनसनी फैला दी…वर्ल्ड कप के साथ ही हर किसी का ध्यान पूनम पांडेय के बयान की ओर भी गया…वर्ल्ड कप में भारत की विजय के बाद हर कोई पूछ रहा है पूनम पांडेय कहां हैं…लेकिन पूनम ने जैसा सोचा था, वैसे ही तीर बिल्कुल सही निशाने पर बैठा….पूनम को वर्ल्ड कप से पहले जहां मॉडलिंग वर्ल्ड में ही थोड़े बहुत लोग जानते थे, अब पूरी दुनिया जान गई है…
पूनम के सेक्रेटरी विपिन के मुताबिक पूनम को एक इंटरनेशनल मैगज़ीन से कवर पेज पर न्यूड पोज़ देने के लिए पांच लाख डॉलर की पेशकश की गई है…टीवी रियल्टी शोज़ के लिए भी पूनम की डिमांड बहुत बढ़ गई है…फाइनल से एक दिन पहले पूनम ने बीसीसीआई को एक चिट्ठी भेजकर कहा था कि टीम इंडिया के लिए न्यूड होने की बात कहने से टीम पर थिरेपी इफेक्ट पड़ेगा और उन्हें वर्ल्ड कप जीतने में मदद करेगा… पूनम ने इसके लिए पश्चिमी देशों में किए जाने वाले इस तरह के प्रयोगों का हवाला भी दिया…पूनम के मुताबिक वादा पूरा करने के लिए बीसीसीआई ही कोई उपयुक्त स्थान सुझा सकती है…पूनम ने अपनी तरफ़ से ही सलाह दी कि इसके लिए फ्रांस में पेरिस जैसी जगह को चुना जा सकता है जहां भारत के क़ानून लागू नहीं होते…पूनम के इस दुस्साहस को लेकर देश में कई जगह आपराधिक शिकायत दर्ज की जा चुकी है…बलरामपुर की अदालत से तो पूनम के खिलाफ मुकदमे के आदेश भी जारी हो चुके हैं…
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छवि का उत्साह बना रहे , यही कामना
विचार शून्य जी से सहमत… अधिक लिखने की आवश्यकता नहीं है. जाने कितने ऐसे लोग हैं जो गुमनाम रहते हुये अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हे शायद यू-एन-ओ जाने का मौका कभी नहीं मिलेगा. प्रधानी बहुत फायदे का सौदा बन गयी है. फिर भी छवि जी कुछ कर पायें तो बढ़िया है. पूनम के बारे में क्या कहा जाये. एक खबरिया चैनल तारीफों के पुल बांध रहा था, आज उसके पास कुछ नहीं. पूनम के साथ खबरिया चैनल भी बड़ा दोषी..
दो अलग अलग रुप नारी के
ye ek hi sikke ke do pahlu hain….
pranam.
छवि बेसकीमती कोहिनूर है
तो पूनम देश का रिसता नासूर
छवि जैसी बालाएं देश में जागरण लाएंगी
पूनम जैसी केवल व्याभिचार को बढ़ाएंगी.
सुन्दर आलेख और जानकारी के लिए बहुत बहुत
बधाई खुशदीप भाई.नवसंवत्सर पर आपको और सभी ब्लोगर जन को हार्दिक शुबकामनाएं.
अब अपने देश में भी सब कुछ संभव है … करोरों के घोटालों से लेकर ऐसे कारनामों तक …
पहला उदाहरण कर्म और सच्ची लगन है एक प्रेरणा स्रोत व्यक्तित्व.
दूसरा सस्ती लोकप्रियता जिसका जिक्र भी नहीं होना चाहिए.
अच्छा लिखा है. बधाई
मेरा ब्लॉग भी देखें
अब पढ़ें, महिलाओं ने पुरुषों के बारे में क्या कहा?
छवि जैसे सरपंच की इस देश को अभी बहुत जरूरत है और पूनम जैसी की किसी को नही।
पूनम की तो पूनम जाने किन्तु छवि जैसी शख्सियत सही मायनों में अपनी योग्यता व शिक्षा का उपयोग अपने गांव व क्षेत्र ही नहीं बल्कि देश की बेहतरी के लिये भी उदाहरण बनकर कर रही है । शुभकामनाएँ..
छवि राजावत जैसे लोग गाँव की राजनीति का शिकार ना बने बस ऐसी ही शुभकामनाएं हैं। आज भारत के पाँच लाख गाँवों में बस पाँच लोख नौजवान ही चाहिए। क्या 121 करोड का यह देश इतने नौजवान दे सकता है?
दो तीन दिन पहले ही पढ़ा था छवि राजावत के बारे में, अखबार में..
हमें कुछ ऐसी ही छवि राजावत की जरूरत है…देश की कायापलट होते देर नहीं लगेगी..
पूनम पाण्डेय जिक्र के लायक भी नहीं
रोमांच हो आया छवि के बारे में पढ़ के. काश कुछ और छवियाँ भी देश के गाँवों को मिल सकें..
छवि के बारे में अखबारों में पढा था, सुखद आश्चर्य हुआ कि एक नारी न सिर्फ देश के भीतर बल्कि देश के बाहर भी नारी सम्मान की मिसाल पेश कर रही है।
दूसरी ओर पूनम पांडे है। आपकी इसी पोस्ट में दराल जी ने व्यंग्य(?)मारा है कि पूनम तो दगा दे गई, मैं यह कहता हूं कि उसने तो बोलकर की वो सब कर दिया जो नारी सम्मान को धक्का है।
छवि को शुभकामनाएं और पूनम को धिक्कार।
छवि का व्यक्तित्व प्रेरणास्पद है. आभार जानकारी का.
छवि जी को टीवी पर पहले ही देख चुकी हूँ उनका पूरा खानदान ही राजनीति में है और काफी पैसे वाला है , पहले उनके दादा फिर पिता भी उस गांव के सरपंच रह चुके है मेरे ख्याल से उनके सरपंच बनने की वजह ये हो की गांव इस बार महिला आरंक्षण सिट के अंतर्गत आ गया हो सो घर की बेटी को बुला कर अपनी जगह खड़ा कर दिया गया अब चुकी वो पढीलिखी है तो निश्चित रूप से उनका व्यवहार अन्य महिला सरपंचो से अलग होगा उन्हें घर से यु एन में जाने के लिए कहा जा सकता है पर गांव के ज्यादातर बड़े फैसले आज भी उनके घर के पुरुष ही लेते होंगे बाकि विचार शून्य जी की बातो से भी सहमत हूँ |
सोच अपनी अपनी … नजरिया अपना अपना …
जय हिंद !!
bs midiya he jo chhapna hota he voh chaapte nhin or yun hi bebat ko baat bna dete hen . akhtar khan akela kota rajsthan
छवि जैसे सरपंच की इस देश को अभी बहुत जरूरत है….ऐसे लोग इस देश की तस्वीर बदल सकते हैं…..मेरे सामाजिक जाँच की लिस्ट में एक गांव और जुड़ गया जहाँ ईमानदारी से सामाजिक जाँच की रिपोर्ट तैयार करने की संभावना 100 फीसदी है….शानदार पोस्ट कहूँगा इसे मैं…
छवि जैसी लड़कियां हमारा गर्व हैं …शुभकामनायें इस बच्ची को !
पूनम पांडे की चर्चा भी शर्मिंदा करने के लिए काफी है !
खुशदीप जी पूनम जी का कारनामा तो सिर्फ और सिर्फ एक पुब्लिसिटी स्टंट है. उन्होंने जो प्राप्त करना था उन्हें मिल चूका है. ऐसे लोगों को तो रात गयी बात गयी वाले अंदाज में भुला ही दिया जाना चाहिए.
छवि जी का कारनामा विचारणीय है. छवि जी अपने वेश भूषा और घुड़सवारी की आदत से किसी आम परिवार की महिला नहीं लगती. संसाधनों की कमी वाले गावों में इ सर्विस की हवाई कल्पना भी किसी जमीं से जुड़े आदमी की नहीं हो सकती. वैसे भी सरपंची आजकल बहुत महंगा सौदा है. गाज़ियाबाद जिले के मेरे एक मित्र की माता जी ने पिछले दिनों सरपंच का चुनाव लड़ा. उन लोगों ने चुनाव में करीब दस लाख रुपये खर्च कर दिए पर जीत नहीं पाए. इसका मतलब सरपंची में भी बहुत पैसा है. दस लाख लगाने वाला चौगुने की कमाना तो करता ही होगा. छवि जी वास्तव में अपने गाँव का कर्ज अदा कर रही हैं या नहीं ये तो गाँव वाले ही बता सकते हैं. मैं तो फ़िलहाल इस बात से ही खुश हूँ की पंचायती राज सुन्दरता की और अग्रसर है.
Dr. Daral ka comment hi mera bhi comment hai 😉
jahan ek aur Chhavi ke hauslon se usmein Bhartiyta ki jhalak dikhai de rahi hai, vahi aaj kal ke yuvaaon mei Punam ki hi tarah Pachshim ki or jhukaav dekha jaana dukh ki baat hai.
छवि का उत्साह बना रहे , यही कामना है ।
पूनम तो धोखा दे गई ।
छवि जैसे व्यक्तित्वों पर हमें गर्व है।
kisi ko naam ki kisi ko kaam kisi paisa ki bhook hoti —-yeh sab usi ka parinaam hai…
jai baba banaras….
छवि तनाव भरा आपाधापी का जीवन छोड़ सहज जीवन जीने चली आई है। यदि वह जनता को संगठित कर कुछ बदलाव ला सकी तो एक महान व्यक्तित्व में परिणत हो सकती है।
दूसरी ओर केवल प्रसिद्धि की भूख है जो कसी को भी राखी सावंत बना सकती है।
बहुत ही बढ़िया
मैंने पहले भी छवि के बारे में सुना है
अच्छा है लोग MBA करके विदेश का सपने देखते है
किसी को तो देश की चिंता है
रही बात पूनम की तो ये मीडिया की उपज है
इंद्रधनुष के सातों रंग इसी देश मे तो हैं…….