Watch: Mankading समेत बदल गए क्रिकेट के ये रूल्स

 


 Mankading से नॉन स्ट्राइकिंग बैटर को आउट करने पर बोलर
से अनैतिकता का दबाव दूर, 
अब इस तरह आउट
करने को रन आउट जैसा ही ऑफिशियल दर्जा मिला, 
किसी के आउट
होने पर अगली बॉल का सामना मैदान में उतरने वाला नया प्लेयर ही करेगा, 
बॉल पर थूक लगाना बैन, सिर्फ पसीने से ही चमकाई जा सकेगी बॉल


नई दिल्ली (9 मार्च)।

इंटरनेशनल क्रिकेट के रूल्स में बदलाव किया गया है. मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के एलान के मुताबिक इन रूल्स को 1 अक्टूबर 2022 के बाद लागू किया जाएगा. यानि इसी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से पहले ये नियम बदल जाएंगे.

1 मांकडिंग (Mankading) अब रन आउट

सबसे अहम बदलाव जो होगा वो है मांकडिंग को ऑफिशियल रन आउट माने जाना. मांकडिंग से आउट करने का तरीका हमेशा विवादित रहा है और इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता रहा है. ये बोलर की ओर से उस वक्त किया जाता है जब नॉन स्ट्राइकिंग क्रीज़ पर खड़ा बैट्समैन बोलर के हाथ से बोल छूटने से पहले ही रन लेने की फिराक में क्रीज छोड़ देता है. ऐसे में बोलर स्टम्प गिरा देता है और वो बैट्समैन क्रीज से बाहर होता है तो उसे आउट करार दिया जाता है. बैट्समैन बेशक आउट हो जाता था लेकिन पहले लॉ 41 के तहत इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता था. इस नियम को अब लॉ 38 यानि रन आउट के तहत रखा जाएगा. मांकडिंग से आउट करने का सबसे पहला वाकया 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान हुआ था तब सिडनी में खेले गए टेस्ट मैच में वीनू मांकड ने ऑस्ट्रलिया के बिल ब्राउन को ऐसे ही आउट किया था. तभी से इसका नाम मांकडिंग हो गया. मांकडिंग का एक और वाकया भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के जहन में होगा जब 1992-93 में भारत के साउथ अफ्रीका टूर के दौरान कपिल देव ने पीटर क्रिस्टन को ऐसे ही आउट किया था. कपिल देव ने तब पहले पीटर क्रिस्टन को ऐसा न करने के लिए चेतावनी भी दी थी. आईपीएल 2019 में आर अश्विन ने जोस बटलर को इस तरीके से आउट किया था, तब उस पर काफी विवाद भी हुआ था.

2 फील्ड पर आने वाला नया बैट्समैन ही स्ट्राइक लेगा

बैट्समैन के आउट होने पर हर हाल में फील्ड पर आने वाला नया बैट्समैन ही स्ट्राइक लेगा. अभी तक देखा गया था कि अगर कैच या अन्य किसी तरीके से आउट होने पर नॉन स्ट्राइकिंग बैट्समैन स्ट्राइक बदल लेता था तो वही बोलिंग का सामना करता था.

3 गेंद को अब कोई थूक नहीं लगा सकेगा

क्रिकेट लॉ 41.3 के तहत नो सलाइवा रूल को लागू किया जा रहा है. अब गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. पहले इसे केवल कोविड-19 की वजह से लागू किया गया था, लेकिन अब MCC इसे कानून बना रही है। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए पसीने का इस्तेमाल कर रहे थे और यह भी उतना ही प्रभावी था। नया कानून बॉल पर सलाइवा लगाने की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि गेंद पर अपनी लार लगाने के लिए खिलाड़ी शुगर वाले प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में गेंद पर लार का उपयोग उसी तरह माना जाएगा जैसे गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके से किया जाता है।


4  डेड बॉल 20.4.2.12  रूल में बदलाव

डेड बॉल के नियम में भी बदलाव किया गया है। मैच के मैदान में किसी दर्शक, पशु पक्षी या अन्य किसी चीज़ के अचानक आ जाने की वजह किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो यह डेड बॉल करार दी जाएगी.

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