Watch: Jai Bhim सुपरहिट, Controversy में भी रिकॉर्ड




वन्नियार समुदाय फिल्म जय भीम को लेकर नाराज़, फिल्म में समुदाय को विलेन की तरह दिखाने का आरोप, फिल्म के हीरो-निर्माता सूर्या के घर की सुरक्षा बढ़ी, सूर्या को लात मारने पर 1 लाख का इनाम एलान करने वाले PMK नेता पर केस, IMDb पर फिल्म को टॉप रेटिंग- The Shawshank Redemption और The Godfather को भी पछाड़ा



तमिल सुपर स्टार सूर्या की फिल्म जय भीम 2 नवंबर को ओटीटी पर रिलीज के बाद
से लगातार चर्चा में बनी हुई है. फिल्म को बेहद पसंद किए जाने की वजह से भी और
इसके साथ एक के बाद एक सामने आ रहे विवादों को लेकर भी. फिल्म के प्रोड्यूसर और
लीड रोल निभाने वाले एक्टर सूर्या को मिल रही धमकियों को देखते हुए चेन्नई में
टीनगर स्थित उनके घर पर पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है. विवादों पर आने से पहले
आपको बता दें कि ये फिल्म तमिलनाडु की 1993 की एक सच्ची घटना पर आधारित है. इरुला
आदिवासी जाति के राजाकन्नू को चोरी के झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है.
पुलिस हिरासत में राजाकन्नू की इतनी पिटाई की जाती है कि उसकी मौत हो जाती है.
पुलिस कुछ का कुछ बता कर सच पर पर्दा डालना चाहती है, राजाकन्नू की पत्नी सेनेगनी
की इंसाफ की गुहार कोई नहीं सुनता तो युवा वकील चंद्रू उसकी कानूनी लड़ाई लड़ने के
लिए सामने आते हैं. फिल्म में चंद्रू का किरदार सूर्या ने निभाया है. हक़ीक़त में
जिन वकील चंद्रू ने ये लड़ाई लड़ी थी वो बाद मद्रास हाईकोर्ट में जज बने थे.

अब आते हैं फिल्म से
जुड़े विवादों पर. 2 नवंबर को फिल्म की रिलीज़ के साथ ही इसके एक थप्पड़ वाले सीन
को हिन्दी विरोधी बताते हुए उत्तर भारत में सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने तीखी
प्रतिक्रिया व्यक्त की.



 वो विवाद तो थम गया लेकिन तमिलनाडु के वन्नियार समुदाय की
फिल्म को लेकर नाराजगी दूर होने का नाम नहीं ले रही है. इस समुदाय का आरोप है कि
फिल्म में वन्नियार जाति की गलत छवि पेश की गई है. राजनीतिक दल
पीएमके के चीफ डॉ अंबुमणि रामादौस ने इसी संबंध में
चिट्ठी लिखकर कई सवाल उठाए हैं. जैसे कि फिल्म के एक दृश्य में राजाकन्नू को
टॉर्चर करने वाले पुलिसकर्मी के घर पर कैलेंडर में अग्नि कुंडम दिखाया गया जो
वन्नियारों का प्रतीक है. रामादौस का ये भी कहना है कि 1993 की घटना के सभी
वास्तविक नामों का फिल्म में इस्तेमाल किया गया. लेकिन राजाकन्नु को प्रताडित करने
वाले सबइंस्पेक्टर अंथनीसामी का नाम बदल कर गुरुमूर्ति कर दिया गया. ये नाम दिवंगत
पीएमके नेता जे गुरु की लोगों को याद दिलाता है.रामदौस का ये भी कहना था कि
वान्नियार समुदाय का अपमान करने वाली कई फिल्में बनाई जा रही हैं. ये फ्रीडम ऑफ
एक्सप्रेशन नहीं बल्कि एक समुदाय विशेष के प्रति नफ़रत है.

फिल्म के प्रोड्यूसर-एक्टर सूर्या ने इन आरोपों पर सफाई में कहा है कि ये
फिल्म अथॉरिटीज पर सवाल करने के लिए बनाई गई. इसमें दिखाया गया कि स्थानीय लोगों
को अपनी हर दिन की जिंदगी में कैसी समस्याएं आती हैं.
सूर्या ने 11 नवंबर को ट्विटर के जरिए लिखे
पत्र में साफ किया कि फिल्म की टीम में से किसी की ओर से भी किसी व्यक्ति या किसी
समुदाय विशेष की भावनाएं आहत करने जैसी कोई मंशा नहीं थी.  

सूर्या के इस पत्र के बाद भी विवाद
नहीं थमा.
वन्नियार जाति की संस्था
संगम ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है. साथ ही एक हफ्ते में पांच
करोड़ रुपए देने की मांग की है.
तमिलनाडु के माइलादुथराई से PMK के एक स्थानीय नेता ए पलानीसामी ने यहां तक एलान कर डाला
कि जो फिल्म के हीरो-प्रोड्यूसर सूर्या को लात मारेगा उसे एक लाख रुपए का इनाम
दिया जाएगा. पुलिस ने पलानीसामी के खिलाफ गैरजमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया
है. पुलिस ने सूर्या के चेन्नई में टीनगर स्थित घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है.

विवादों से अलग फिल्म को
दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.
यह फिल्म अब द शौशैंक रिडेम्प्शनऔर द गॉडफादर को पछाड़कर सबसे अधिक रेटिंग वाली IMDb फिल्म बन गई है. जय भीमको 10 में से 9.6 रेटिंग मिली है. जबकि आईएमडीबी
पर पिछली दो सबसे ऊंची रेटिंग वाली फिल्मों में द शॉशैंक रिडेमप्शन को 9.3 और द
गॉडफादर को 9.2 रेटिंग मिली थी.

 


 

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x