मेरी डबल सेंचुरी और भगवान लापता…खुशदीप

ब्लॉगिंग में जितने प्यार की मैं उम्मीद के साथ आया था, उससे दुगना क्या, कहीं ज़्यादा गुना मुझे मिला…देखते ही देखते ये मेरी 200वीं पोस्ट आपके सामने हैं….पिछले साल 125 लिखी थीं…इस... Read more »

इसे पढ़ कर आपका ख़ून भी खौलने लगेगा…खुशदीप

मातृभूमि की सेवा करने वाले सैनिक क्या अलग मिट्टी के बने होते हैं…क्या वो आपके-हमारी तरह इंसान नहीं होते…सरहद पर दुश्मन से मोर्चा लेते हुए शहीद होने वाले रणबांकुरों की रगों में... Read more »

लो चुटकियों में कश्मीर मुद्दे का हल…खुशदीप

भारत भलमनसाहत दिखाते हुए जब भी पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, पाकिस्तान किसी न किसी बहाने कश्मीर को बीच में ले आता है…63 साल से यही कहानी चली आ... Read more »

दम ले ले घड़ी भर, ये आराम पाएगा कहां…खुशदीप

समुद्र किनारे मछुआरों के सुंदर से गांव में एक नौका खड़ी है… एक सैलानी वहां पहुंचता है और मछुआरों की मछली की क्वालिटी की बड़ी तारीफ़ करता है… सैलानी पूछता है…इन मछलियों... Read more »

अजब गजब रिश्ते…खुशदीप

एक अमेरिकी और एक भारतीय बार में बैठे ड्रिंक पर ड्रिंक चढ़ा रहे थे… भारतीय अपना ग़म गलत करने के लिए अमेरिकी से बोला…जानते हो, मेरे घर वाले भारत में मेरी शादी... Read more »

ज़िंदगी है क्या, बोलो ज़िंदगी है क्या…खुशदीप

ज़िंदगी है क्या…       आप भी बताइए, आपकी नज़र में ज़िंदगी है क्या… स्लॉग गीत ज़िंदगी है क्या, बोलो ज़िंदगी है क्या… फिल्म….सत्यकाम (1969) सिर्फ गीत सुनना है तो इस लिंक पर... Read more »

अगर जल्दी में हैं तो इसे न पढ़ें…खुशदीप

बर्थ-सर्टिफिकेट सबूत है हमारे जन्म का… डेथ-सर्टिफिकेट सबूत है हमारी मौत का… फोटो सबूत हैं हमारे ज़िंदा रहने का… अब आप एक ठंडी सांस लीजिए…और पूरे सकून के साथ इसे धीरे-धीरे पढ़िए…... Read more »

मक्खन की मदद कीजिए, मिस मल्लू की इंग्लिश सुनिए…खुशदीप

मक्खन बेचारा पूरी ज़िंदगी एक सवाल का जवाब सोचते-सोचते मर गया लेकिन उसकी मुश्किल दूर नहीं हुई…इससे पहले कि आप स्लॉग ओवर में मक्खन की मदद करें, पहले बात क्लास टीचर मिस... Read more »

फ़र्क सिर्फ़ इतना सा था…खुशदीप

ये नज़्म है, ग़ज़ल है…क्या है मैं नहीं जानता…किसने लिखी है, उसे भी मैं नहीं जानता…ई-मेल पर भेजने वाले ने शायर का नाम नहीं लिखा..आपको पता हो तो बताइएगा…लेकिन जिसने भी लिखी... Read more »

एक सवाल का जवाब दीजिए…खुशदीप

वाकई माहौल बड़ा गरम है…कुछ भी कहना ख़तरे से खाली नहीं है…कौन बुरा मान जाए…कौन लाठी बल्लम निकाल ले…कुछ पता नहीं …जो नारी ममता की बरसात करती है…प्रेम और वात्सल्य का पर्याय... Read more »