CTNT (टिप्पणी निषेध तानाशाही) के ख़िलाफ़ अनशन…खुशदीप

CTNT यानि कम्प्रेहेन्सिव टिप्पणी निषेध तानाशाही नहीं चलेगी…नहीं चलेगी…देखने में आ रहा है कि जनता की भारी मांग के बावजूद सतीश सक्सेना भाई जी अपनी पोस्ट पर टिप्पणियों से निषेध नहीं हटा रहे हैं…एक तो उन्होंने पोस्ट भी अब ईद के चांद की तरह लिखना शुरू कर दिया है…यही सितम कम नहीं था कि उन्होंने पिछली कुछ पोस्ट से टिप्पणियों पर भी CTBT (कम्परेहेन्सिव टेस्ट बैन ट्रीटी) की तरह CTNT शुरू कर दी है…सतीश भाई ब्लॉगिंग में होने की वजह से अब निजी अस्तित्व से ऊपर होकर सार्वजनिक व्यक्तित्व हैं…इसलिए उनकी पोस्ट पर टिप्पणियां करना हमारा फंडामेंटल राइट है…इसलिए वो हमें इस हक़ से ज्यादा देर तक वंचित नहीं रख सकते…

अन्ना हजारे जी की तरह सतीश भाई को पहले ही अल्टीमेटम दे रहा हूं कि उन्होंने चार-पांच दिन में CTNT को नहीं हटाया तो मैं नित्य क्रमिक अनशन शुरू कर दूंगा…अब आप पूछेंगे कि अकेला आदमी कैसे क्रमिक अनशन कर सकता है…समझाता हूं बाबा…देखिए दिन में मैं तीन बार मील लेता हूं…ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर…ब्रेकफास्ट और लंच के बीच छह घंटे का वक्त होता है…इसी तरह लंच से डिनर के बीच छह घंटे का वक्त होता है…डिनर और ब्रेकफास्ट के बीच बारह घंटे का वक्त होता है…इस तरह हो गया न दिन और रात मिलाकर पांच घंटे पचास मिनट, पांच घंटे पचास मिनट और ग्यारह घंटे पचास मिनट का क्रमिक अनशन….

बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मिया सुभान अल्लाह…सतीश भाई की संगत का असर है कि शाहनवाज़ भी प्रेमरस बरसाते-बरसाते CTNT के मुरीद हो गए हैं…जनता की भारी डिमांड है कि दोनों सीटीएनटी को बाय-बाय बोलकर पूर्व व्यवस्था पर लौटें…मैं चार-पांच दिन के लिए वैष्णोदेवी जा रहा हूं…आशा है कि मेरे आने तक सतीश भाई और शाहनवाज दोनों मेरे आग्रह को मान चुके होंगे…वरना मुझे कोई बड़ा मैदान किराए पर लेकर सच में ही अनशन शुरू करना पड़ेगा…और मुझे विश्वास है कि अनवर जमाल भाई भी मेरी इस मुहिम में साथ देंगे…मतभेद अपनी जगह हैं लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए…और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार तो सभी को होना चाहिए…

सतीश भाई और शाहनवाज़ ये गाना सुनिए….इसमें नींद और चैन की जगह बस टिप्पणी देने का हक़ कर लीजिए…

(ये व्यंग्य नहीं गंभीर पोस्ट है)


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