
समाज को बदलने वाली शिक्षा का अलख जगाता एक कर्मयोद्धा
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की शिक्षा व्यवस्था को नई पहचान दिलाता सीटी ग्रुप
-श्रुति अरोड़ा
नई दिल्ली (14 अगस्त 2025)|
हमारे देश को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली. गुलामी की दास्तान को पीछे छोड़ भारत आत्मनिर्भरता और विकास के रास्ते पर आगे चला. लेकिन संयोग देखिए, देश को आज़ादी मिलने के करीब पांच साल बाद 15 अगस्त को एक ऐसे शख़्स ने जन्म लिया जो आगे चल कर समाजोपयोगी शिक्षा का प्रतीक बन गया. इस शख्स को हम अब सब सरदार चरनजीत सिंह चन्नी के तौर पर जानते हैं. सीटी ग्रुप के चेयरमैन सरदार चरनजीत सिंह चन्नी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अगर कर्मयोद्धा शब्द का पर्यायवाची ढूंढा जाए तो सरदार साहब का नाम उस पैमाने पर बिल्कुल फिट बैठेगा. श्री चन्नी सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन और साथ ही सीटी यूनिवर्सिटी, लुधियाना के भी अध्यक्ष हैं. सीटी ग्रुप में सीटी का मतलब करियर ट्रांसफॉर्मेशन से है. श्री चन्नी के नेतृत्व में सीटी ग्रुप शिक्षा को भारत में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की ओर लगातार अग्रसर है. सीटी एडुकेशनल सोसाइटी की स्थापना 1997 में हुई. इसकी नींव श्री चन्नी ने जब रखी थी तो उनके ज़ेहन में साफ़ था कि शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा संस्थान बनाया जाए जो समाज के बहुआयामी विकास में योगदान दे सके.

सीटी ग्रुप ने 28 साल पहले एक स्कूल से शुरुआत की. ये ग्रुप अब जालंधर में दो विशाल कैंपस में 17 से अधिक स्नातक एवं स्नातकोत्तर संस्थानों की स्थापना कर चुका है.

2016 में सीटी यूनिवर्सिटी लुधियाना की स्थापना की गई. श्री चन्नी की नेतृत्व क्षमता की छाप यूनिवर्सिटी के संस्थागत विकास, एकेडेमिक क्वालिटी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने में साफ़ दिखाई देती है.

सरदार चरनजीत सिंह चन्नी की गहरी सोच का अंदाज़ उनके इस बयान से लगाया जा सकता है- “चुनौतियां जीवन का हिस्सा होती हैं, लेकिन मैं हमेशा विश्वास करता हूं कि ग्लास को आधा भरा देखना, आपको प्रगति के अवसरों को तलाशते रहने की प्रेरणा देता है.” ये अपने आप में ही उनकी पॉजिटिव एप्रोच और और शिक्षा में प्रगतिशीलता के लिए उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है. उनका विश्वास है कि शिक्षा केवल किताबी नहीं होनी चाहिए, बल्कि इनोवेशन, स्किल डेवेलपमेंट और चेंज इन लाइफ़ का ज़रिया होनी चाहिए.
श्री चन्नी युवाशक्ति के विचारों को बहुत महत्व देते हैं. इसी दिशा में दिसंबर 2023 में आयोजित CT University Connect Program में श्री चन्नी ने छात्रों के साथ एक ‘judgment-free zone’ बनाकर संवाद स्थापित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने Stress Management, Entrepreneurship, और Peer Pressure जैसे विषयों पर छात्रों को व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया.
श्री चन्नी को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मार्च 2023 में ‘Gems of North’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

उन्हें Brain Feed ग्रुप की ओर से Life Time Achievement अवॉर्ड से नवाजा गया. इनके अलावा उन्हें Outstanding Achiever Award (Hindustan Times), Best Entrepreneur Award (India Today Group) और Top Entrepreneur in Academics (Times of India Group) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है.
बिना थके, बिना रुके सरदार चरनजीत सिंह चन्नी आज 73 साल की उम्र में भी कर्मपथ पर पूरे जोश के साथ सक्रिय हैं.
देश को स्वतंत्रता दिवस की बधाई…
श्री चन्नी को उनके जन्मदिन पर दीर्घायु होने के लिए अनंत शुभकामनाएं…
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