‘डर्टी पिक्चर’ को ब्लॉग पर डालना कितना सही…खुशदीप

आज ब्लॉग पर एक पोस्ट देखी…हाल में रिलीज़ हुई फिल्म डर्टी पिक्चर को एक सज्जन ने पूरा का पूरा अपने ब्लॉग पर अपलोड कर रखा है…यानि कोई भी उस फिल्म को नेट पर देख सकता है…मैं ये देखकर हैरान हूं.. जिन सज्जन ने ये काम किया है, या तो उन्हें पता ही नहीं है कि ऐसा करके कितना बड़ा ज़ोखिम मोल ले रहे हैं…और अगर पता होने के बावजूद किया है तो फिर कुछ नहीं कहा जा सकता…

मैं फिल्म के कंटेंट या एडल्ट सर्टिफिकेट की वजह से यह बात नहीं कह रहा…

कोई भी फिल्म प्रो़ड्यूसर इसलिए फिल्म बनाता है कि लोग हॉल में जाकर उसे देखें…इसीलिए अवैध सीडी बनाने, चलाने और देखने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए प्रोड्यूसरों ने मिलकर एक संगठन भी बनाया हुआ है…पाइरेसी करने वालों के ख़िलाफ़ वक्त वक्त पर पुलिस कार्रवाई भी करती रहती है…लेकिन इसके बावजूद देश में ये रोग बढ़ता जा रहा है…

मुझे लगता है कि डर्टी पिक्चर के  प्रोडक्शन हाउस ने  हर्गिंज़ ब्लॉग या नेट पर इसे अपलोड करने की अनुमति नहीं दी होगी…यहां तक कि यू-ट्यूब पर भी नई फिल्मों के सिर्फ गाने या ट्रेलर ही रिलीज किए जाते हैं… नई फिल्म को अपलोड करना भारतीय दंड संहिता के तहत किस अपराध की श्रेणी में आता है, इस पर दिनेशराय द्विवेदी सर या अख़्तर ख़ान अकेला भाई ही ज़्यादा प्रकाश डाल सकते हैं…

मेरा इस पोस्ट का मकसद यही है कि उत्साह में या अनजाने में ऐसा कोई काम करने से बचा जाए, जो हमारे लिए बाद में क़ानूनी तौर पर परेशानी खड़ी कर दे…

(मैंने पोस्ट में कथित पोस्ट का लिंक जान कर नहीं दिया)

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बहादुरी की हद…खुशदीप
 

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