जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो यहां हैं…खुशदीप

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत…

लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है संसद…

लेकिन देश की शान इसी संसद में एफडीआई जैसे गंभीर मुद्दे पर बहस के दौरान ये हैं हमारे कुछ माननीयों के मुखारबिंदुओं से निकले सद्वचन…

जम्हूरा (बीजेपी के एक सांसद के लिए लालू यादव ने कहा)


मुहब्बत में तुम्हें आंसू बहाना नहीं आता, बनारस आकर  बनारस  का पान खाना नहीं आता...(लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज के लिए लालू प्रसाद यादव की तुकबंदी)


आपको गांठें खोलना नहीं आता, मसखरी के अलावा बोलना नहीं आता...(लालू यादव के लिए सुषमा स्वराज की जवाबी तुकबंदी)


आप इतना अच्छा बोलती हैं कि ऐसा लगता है कि सब सही बोल रही हैं...(सुषमा स्वराज के लिए कपिल सिब्बल)


इनकी तो आइडियोलॉजी ही फॉरेन है, फॉरेन डायरेक्ट आइडियोलॉजी (एफडीआई).…(लेफ्ट के लिए कपिल सिब्बल)


आपको फ्राई के लिए 24 इंच के आलू चाहिए तो अंबाला आइए…( कांग्रेस सांसद और हरियाणा के सीएम के साहबज़ादे दीपेंद्र हुड्डा)


किसान के बेटे हो पहले आलू और लौकी का फ़र्क तो समझ लीजिए…(दीपेंद्र हुड्डा को सुषमा स्वराज का जवाब)


लोमड़ी को वोट नहीं मिले तो उसने कहा अंगूर खट्टे हो गए….(सुषमा स्वराज के बयान से नाराज़ मायावती)


बेवकूफ़...(कांग्रेस सांसद प्रभा ठाकुर के लिए बीजेपी के वेंकैया नायडू)

ये सब पढ़ लिया, अब नीचे का वीडियो भी देख लीजिए…

Khushdeep Sehgal
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अजित गुप्ता का कोना

अच्‍छा है।

Pratik Maheshwari
13 years ago

बेहतरीन संकलन है!
और अंतिम चलचित्र भी गज़ब है.. साझा करने के लिए शुक्रिया! 🙂

डॉ टी एस दराल

बड़ी बड़ी बातें — हाँ हाँ — करते हैं !

संगीता स्वरुप ( गीत )

आज के युवा वही सीखेंगे जो देखेंगे …. बढ़िया

indianrj
13 years ago

बस इन्हें ही हिन्द पर नाज़ नहीं। हम आम लोग ख्वामख्वाह सेंटी हुए जाते हैं।

Satish Saxena
13 years ago

अभी बहुत कुछ देखना बाकी है …

वाणी गीत
13 years ago

इन पर कुछ कहना अवमानना हो सकती है !

प्रवीण पाण्डेय

एक एक बहस बहुत कुछ सिखा जाती है..

अनूप शुक्ल

क्या बात है!

Gyan Darpan
13 years ago

माननीय है जी कुछ भी कह सुन सकते है!!!

Shalini kaushik
13 years ago

बहुत सही जानकारी आपसे प्राप्त हुई है और सही समय पर आभार .शोध -माननीय कुलाधिपति जी पहले अवलोकन तो किया होता .

सूर्यकान्त गुप्ता

लोकतंत्र में सब जायज, क्या कटाक्ष क्या गाली।

जनता केवल "बेचारी", हालत जिसकी माली।।

….. सादर!

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