कोसिए मत, बोल्ड मेट्रो को सलाम कीजिए…खुशदीप

सब हाथ धोकर पीछे पड़ गए हैं कि दिल्ली मेट्रो के स्टाफ में से किसने जोड़ों के अंतरंग लम्हों की सीसीटीवी फुटेज लीक की…आज एच टी के सिटी पेज पर कई प्रबुद्ध लोग राय देते दिख रहे हैं कि विदेश जाकर देखो कैसे जोड़े सार्वजनिक जगहों पर क्या क्या करते रहते हैं…यहां मेट्रो में अकेले में जोड़े ने ऐसा वेसा कुछ क्या किया कि खामख्वाह बवाल मचा दिया गया…सत्य वचन…भारत सही जा रहा है…

दिल्ली मेट्रो के  सीसीटीवी कैमरों के ज़रिए कैद किए गए कुछ जोड़ों के अंतरंग दृश्य सोशल मीडिया पर जो धूम मचा रहे हैं, वो डीएमआरसी की दीर्घकालीन योजना का हिस्सा है…लोग बेकार में हैरान-परेशान हो रहे हैं…

दरअसल मेट्रो ने अपने ग्राहकों को अच्छी तरह जानने के लिए ये प्रोजेक्ट लॉन्च किया है…वो जानना चाहता है कि रश ऑवर्स और लीन आवर्स में मेट्रो के ग्राहकों की गतिविधियों में क्या फर्क आता है…ये सब दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एक पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है…सीसीटीवी के ज़रिए वो अपने ग्राहकों को समझना चाहता है…जिससे उनकी गतिविधियों की कंप्यूटर स्टडी करके उनकी ज़रूरतों के मुताबिक उन्हें बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सके…

साथ ही डीएमआरसी एड्स के खतरे और आबादी की समस्या जैसे सामाजिक मुद्दों को लेकर भी बहुत जागरूक है…इसी उद्देश्य से वो मेट्रो में कॉन्डम वेंडिंग मशीनें लगाने की भी सोच रहा है…मेट्रो बेवजह मॉरल पुलिसिंग के भी सख्त खिलाफ है…अब बताओ बेचारे जोड़े कहीं प्यार का इज़हार भी नहीं कर सकते…इसलिए उसने कम रश वाले घंटों को हैप्पी आवर्स घोषित कर दिया है…इस वक्त मेट्रो के पब्लिक अड्रैस सिस्टम पर रोमांटिक गानों के साथ लव गुरू की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी…यहीं नहीं इमरजेंसी टाकिंग सिस्टम के ज़रिए प्रेमी युगल अपनी समस्याओं का हाथों-हाथ निवारण भी कर सकेंगे…मेट्रो को उम्मीद है कि इससे उसकी आमदनी में अच्छा खासा इज़ाफ़ा होगा…

यही नहीं मेट्रो ने बोल्ड गतिविधियों के आधार पर कपल ऑफ द डे, कपल ऑफ द वीक, कपल ऑफ द मंथ और कपल ऑफ द इयर जैसे पुरस्कार देने की भी योजना बनाई है…मेट्रो की कोशिश है कि अभिषेक मनु सिंघवी के हाथों इन विजेताओं को सम्मानित कराया जाए…

इसके अलावा मेट्रो को सीनियर सिटीजंस का भी बहुत ख्याल है…मेट्रो ने इसी उद्देश्य से राघवजी और एनडी तिवारी को  रोल मॉडल चुना है…एक विशिष्ट क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दोनों बुज़ुर्ग नेताओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा के लिए लाइफटाइम पास देने का भी फैसला किया गया है…

मेट्रो ने अमेरिका की ओर से भारतीय दूतावास समेत 37 दूतावासों की छुप कर की जा रही निगरानी पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान का हवाला भी दिया है…मेट्रो का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे से जोड़ों के अंतरंग दृश्यों का इस्तेमाल सिर्फ ग्राहको को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से किया जा रहा है…

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chander prakash
11 years ago

एक बात समझ में आ रही है कि क्रांति करने की हिम्मत जुटाने वालों को दुनिया ऐसे ही कोसती है । दस-बीस साल बाद लोग इसी घटना का उदाहरण देंगें और कहेंगें कि हमारा मुल्क किसी पश्चिमी देश से कम नहीं है । कब तक पिछड़े रहते । किसी क्षेत्र में तो उन्नति करनी ही थी ।
मैट्रो में सफर करने वाले रूढ़िवादी लोग कपल को देख कर कुछ भी कहें लेकिन यह सच है कि बदलाव तो आया है । पहले सड़क पर लड़कियों को देखकर लड़कों की हरकतें देखने को मिलती थीं लेकिन अब बारी लड़कियों की है । मैट्रो में लड़का देवदास सा बना खड़ा रहता है और लड़की जब चाहे उसे भरी महफिल में हंसते हंसते थप्पड़ मारती रहती है । हाथ में कोल्ड ड्रिंक की कुछ बूदों को एक दूसरे पर डालना और फिर साफ करने का उपक्रम कर बताने की कोशिश करते हैं कि कितना प्यार है इस कपल में । ऐसे में किसी अन्य मुद्रा में उनका चलचित्र कहीं चल गया तो इसमें मैट्रों कर्मचरियों को क्या दोष है । उन्हें तो इस पराक्रम के लिए बाकायदा पुरस्कृत किया जाना चाहिए । मैट्रों में बहने वाली प्रेम की इस बयार का बाकी लोगों को भी तो पता चलना चाहिए ।

Satish Saxena
11 years ago

ब्लोगर(मक्खन ) कम्यूनिटी जिंदाबाद

anshumala
11 years ago

पोस्ट मजाक के लिए लिखी गई है मात्र तब तो ठीक है , किन्तु मुझे लगता है की चर्चा इस बात पर होनी चाहिए की cctv के रिकार्डिंग का इस तरह गलत प्रयोग सुरक्षा में कितनी बड़ी सेंध है , सुरक्षा में लगे कैमरों की रिकार्डिंग को मामूली से कर्मचारियों द्वारा पैसे के लिए कही पे दे देना हमारी सुरक्षा की जहा पोल खोलता है , वही किसी के भी किसी तरह की भी रिकार्डिंग को किसी पार्न साईट पर इस तरह दे देना साइबर अपराध भी है , कल को पता चला की अपराधी अपराध करने के बाद पैसे दे कर अपनी रिकार्डिंग गायब करा दे या किसी वारदात को होता देख चुप रहने के पैसे दे दिए जाये , और हमारे सरकारी विभाग बस लड़ते रहे की जिम्मेदारी किसकी है ।

Shah Nawaz
11 years ago

दिल तो मक्खन है जी…. 😉

ब्लॉ.ललित शर्मा

मेट्रों वालों को आपका प्रस्ताव मान लेना चाहिए, कम से कम वोट क्लब के तमाशे तो बंद होगें 🙂

Rahul Singh
11 years ago

धन्‍य है सेवा प्रदाताओं की भावना.

Khushdeep Sehgal
11 years ago

सतीश भाई,

नॉन सीरियस लोगों को हम वैसे भी सीरियसली नहीं लेते…उन्हें पहले मक्खन जैसा सीरियसली सीरियस होना ही होगा…

जय हिंद…

Satish Saxena
11 years ago

इस पोस्ट का ..??
हे राम !!

Satish Saxena
11 years ago

अरे प्रभु …
लोग सीरियस मान लेंगे 🙂

Gyan Darpan
11 years ago

इस लव ट्रेन वाली तर्ज पर आज से कोई बारह तेरह वर्ष पहले जोधपुर में कालेजों के पास खाली प्लॉट्स में रेस्टोरेंट बना लोगों ने छोटे छोटे अस्थाई कैबिन बना उनमें छोटी टेबलें व छोटी छोटी बैंचे लगा दी कि कोई साथ बैठे तो बिना चिपके नहीं बैठ सके. वहां बैठने वाले ऐसे मित्र छात्र छात्राएं होते थे जिन्हें कहीं बैठने की जगह नहीं मिलती थी. ऐसे में वे ऐसे रेस्टोरेंट में घंटों बैठते सकते थे उस वक्त बीस रूपये प्रति घंटा उनका चार्जेज शुरू होता था, एक दो कोल्ड ड्रिंक के साथ घंटे दो घंटे का चार्ज दे जोड़े मौज मस्ती कर लिया करते थे|
ये दुकानदारी जब ज्यादा चलने लगी तब भास्कर वालों ने इसका भंडा फोड़ा तब जाकर पुलिस ने ऐसे रेस्टोरेंट बंद करवाये|

ताऊ रामपुरिया

शेखावत जी, आप शायद सिनेमा वाले बाक्स केबिन की तरह वाले केबिनों की डिमांड कर रहे हैं? पर कैमरों का क्या? वो तो वहां भी लगे होंगे:)

रामराम.

डॉ टी एस दराल

फिर तो बहुत से एक्सक्लूड हो जायेंगे ! 🙂

ताऊ रामपुरिया

हा हा हा….मक्खन को भी हम साथ ही रखेंगे.:)

रामराम.

ताऊ रामपुरिया

ये मक्खन है ही ऐसा.:)

रामराम.

Khushdeep Sehgal
11 years ago

रतन जी, सत्य वचन…ये ट्रेन्स चलनी चाहिएं लव एक्सप्रेस के नाम से…वात्सायन और खजुराहो के देश में लव टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो के इस महत्ती योगदान को भारत कभी नहीं भुला पाएगा…

जय हिंद…

Gyan Darpan
11 years ago

मेट्रो को इस प्रोजेक्ट में कुछ ऐसी मेट्रो रेल गाड़ियाँ भी चलानी चाहिये जिनमें सीटें नहीं छोटे छोटे कैबिन बने हो जिनमें यात्रा के दौरान ये स्वछंद जोड़े आपसी संबंध भी बना सके! इससे महंगे होटल अफोर्ड नहीं करने वाले स्वछन्द जोड़ों को तो राहत मिलेगी ही साथ ही मेट्रो को अतिरिक्त कमाई भी होगी !!

Khushdeep Sehgal
11 years ago

वैसे डॉक्टर साहब, पीडीएस के राशन कार्ड की तरह पीडीए के लिए भी स्पेशल लाइसेंस कार्ड बांटे जाने चाहिए…

जय हिंद…

डॉ टी एस दराल

जब पी डी ऐ से नहीं डरते , तो वी डी ऐ ( विडिओ डिस्प्ले ऑफ़ अफेक्शन ) से क्यों डरना !

Khushdeep Sehgal
11 years ago

प्रेम से प्रेम फैलाते चलो, मेट्रो की लाइन्स बिछाते चलो…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
11 years ago

तभी कहूं कि ताऊ मेट्रो की यात्रा करने के बाद ये गाना क्यो गाने लगते
हैं…
मेट्रो वर्ल्ड में रहूंगा मैं, घर नहीं जाऊंगा मैं…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
11 years ago

अब ताऊ जी दिल तो मक्खन की तरह कहीं भी फिसल सकता है ना…

जय हिंद…

विवेक रस्तोगी

यह प्रोजेक्ट तो पूरे देश में फ़ैलना चाहिये

ताऊ रामपुरिया

सतिश जी, आपको हर बात में मक्खन पर ही क्य़ूं शक होता है?:)

रामराम.

ताऊ रामपुरिया

जबरदस्त माडल है ये मेट्रो का, खूब चलेगा, इतनी सारी सुविधाएं मिलने लगी तो फ़िर घर जाने की जरूरत ही नही है.

सीनियर सीटीजंस के रोल माडल भी सही चुने हैं.

रामराम.

पूरण खण्डेलवाल

इतना सब करने के लिए दिल्ली मेट्रो बधाई की हकदार तो बनती ही है !!

Khushdeep Sehgal
11 years ago

सतीश भाई,
जोड़ी पर कहीं कोई राघवजी की राय ना ले ले…

जय हिंद…

Satish Saxena
11 years ago


मैंने भी यह किसी अखबार में पढ़ा है …
इस बैकवर्ड ज़माने में दिल्ली मेट्रो द्वारा सही कदम उठाया गया है, इसका स्वागत है !!

-यह बच्चे ( प्यारी चिड़ियाएँ ) जाएँ तो जाएँ कहाँ ??

-पुस्कार जीतने के लिए ब्लोगर जोड़ी बनायी जा सकती है क्या ?

-हैप्पी आवर में जाने के लिए, जोड़ी कहाँ से लायें ??

Satish Saxena
11 years ago

यह लेख मख्खन द्वारा लिखा गया है अथवा मख्खन द्वारा निर्देशित है …
वैसे इस पर सीरियस कमेन्ट देता हूँ !
बधाई

Khushdeep Sehgal
11 years ago

प्रवीण भाई, ये विन-विन पोज़ीशन होगी…इससे शर्म के अहसास पर भी काबू पाया जा सकेगा…साथ ही कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा…

प्रवीण पाण्डेय

पुरस्कारों को बढ़ावा देने से भीड़ बढ़ जायेगी और तब इस तरह की घटनाओं के लिये एकान्त नहीं मिलेगा।

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