कौन है शर्मिष्ठा पनोली? क्यों उसके बोलों पर तूफ़ान?

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिला पनोली गिरफ्तार, 13 जून तक जेल भेजा

वीडियो में धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में कार्रवाई

शर्मिष्ठा को लेकर राय बंटी, फ्री स्पीच और अपराध में लाइन खींचना ज़रूरी

कौन है शर्मिष्ठा पनोली? क्यों इस नाम को लेकर सोशल मीडिया पर तूफ़ान आया हुआ है. 22 साल की सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार 30 मई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के वीडियो में शर्मिष्ठा रोती हुई नज़र आ रही है, साथ ही अपनी गिरफ्तारी के तरीके को लेकर डेमोक्रेसी पर भी सवाल उठा रही है. शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले गई और अलीपुर कोर्ट में पेश किया. 31 मई को अलीपुर कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने शर्मिष्ठा से पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की थी जिसे कोर्ट से नामंजूर कर दिया..

शर्मिष्ठा पनोली (फोटो- इंस्टाग्राम)

आखिर शर्मिष्ठा पनोली ने ऐसा क्या किया जो गिरफ्तारी की नौबत आ गई.

सोशल मीडिया पर #arrestsharmishtapanoli और #releasesharmishtapanoli दोनों तरह के ही हैशटैग ट्रेंड होते देखे गए.शर्मिष्ठा पनोली पुणे की लॉ यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट है. दरअसल, शर्मिष्ठा ने 14 मई 2025 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था. शर्मिष्ठा पर आरोप है कि उसने बॉलीवुड एक्टरों, खास तौर पर तीनों खान सुपरस्टार्स की ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, साथ ही एक धर्म विशेष को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस वीडियो को भड़काऊ और साम्प्रदायिक मानते हुए शर्मिष्ठा के खिलाफ कोलकाता में एफआईआर दर्ज की गई.

शर्मिष्ठा ने ये वीडियो एक पाकिस्तानी फॉलोअर के सवाल के जवाब में ये वीडियो पोस्ट किया था. इस पाकिस्तानी फॉलोअर ने शर्मिष्ठा से पहलगाम हमले को लेकर सवाल पूछा था.

शर्मिष्ठा के वीडियो को लेकर.कोलकाता में पुलिस में कई शिकायत दर्ज हुईं. कोलकाता पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने शर्मिष्ठा और उसके परिवार को नोटिस भेजा, लेकिन नोटिस का जवाब देने की जगह वो अपने पते से नदारद हो गए. इसके बाद कोलकाता के अदालत ने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. जिसके बाद कोलकाता से गुरुग्राम पहुंची पुलिस ने शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया. पुलिस ने शर्मिष्ठा का फोन और लैपटॉप भी फॉरेन्सिक जांच के लिए ज़ब्त किया है

विवादित वीडियो अपलोड होने के बाद शर्मिष्ठा को तरह-तरह की धमकियां भी मिलने लगीं. हालांकि शर्मिष्ठा ने  वीडियो डिलीट करने के बाद माफ़ी भी मांगी. शर्मिष्ठा ने 15 मई को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा-“मैं बिना शर्त माफ़ी मांगती हूं. जो भी था वो मेरी निजी भावनाएं थीं और मेरा कभी किसी को आहत करने का इरादा नहीं था. अगर कोई आहत हुआ तो मुझे खेद है, आगे से मैं अपनी सार्वजनिक पोस्ट्स को लेकर सावधानी बरतूंगी.”

शर्मिष्ठा पनोली की माफ़ी मांगने वाली पोस्ट (फोटो-इंस्टाग्राम)

इस बीच, शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद शमीमुद्दीन ने गिरफ्तारी की वैधानिकता पर सवाल उठाया. शमीमुद्दीन ने कहा कि एक ही अपराध के लिए कई एफआईआर दर्ज करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विपरीत है. शमीमुद्दीन ने ये दावा भी किया कि गिरफ्तारी से पहले शर्मिष्ठा को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया जो भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन पैंतीस-तीन का उल्लंघन है.

सांसद एक्ट्रेस कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा की रिहाई की मांग की है (फोटो इंटरनेट)

इस बीच एक्ट्रेस कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन में इंस्टाग्राम पर पोस्ट में लिखा- “मैं मानतीं हूं कि शर्मिष्ठा ने अपनी अभिव्यक्ति के लिए कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन इस तरह के शब्द इन दिनों अधिकतर युवा इस्तेमाल करते हैं. उसने अपने बयान के लिए माफ़ी मांगी और ये पर्याप्त होना चाहिए. उसे और धमकाने और उत्पीड़त करने की ज़रूरत नहीं. उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.”

शर्मिष्ठा के समर्थन में कंगना रनौत की पोस्ट (फोटो-इंस्टाग्राम)

शर्मिष्ठा को लेकर लोगों की बंटी राय सामने आ रही है. कई शर्मिष्ठा पर नर्मी बरतने की मांग कर रहे हैं तो कुछ हेट स्पीच पर सख्ती से पेश आने की बात कह रहे हैं. महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी विधायक अबु आज़मी ने एएनआई से बातचीत मेंकहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें कम से कम 10 साल सज़ा का प्रावधान हो.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार ‘सनातनियों’ के खिलाफ ही कार्रवाई करती है, जबकि अपने नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों में कोई ठोस कदम नहीं उठाती. उन्होंने महुआ मोइत्रा और सायोनी घोष के खिलाफ दर्ज एफआईआर का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

बहरहाल शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने एक साथ फ्री स्पीच, धार्मिक संवेदनशीलता और ऑनलाइन इंफ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी पर बहस छेड़ दी है. आलोचक जहां शर्मिष्ठा की टिप्पणियों को भड़काऊ बताते हुए कह रहे हैं,इस पर क़ानूनी तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए था. वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का ये कहना कि शर्मिष्ठा के माफी मांगने पर पुलिस को गिरफ्तारी जैसा एक्शन नहीं लेना चाहिए था. बहरहाल बड़ा सवाल है अभिव्यक्ति और अपराध  के बीच कहां लाइन खिंची जानी चाहिए.

इस स्टोरी का वीडियो यहां देखें-

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