वसुंधरा ओसवाल: 1650 करोड़ के स्विस महल से युगांडा जेल तक की आपबीती

स्विट्जरलैंड निवासी कारोबारी पकंज ओसवाल की बेटी वसुंधरा के साथ क्या हुआ था?

युगांडा जेल में नारकीय हालात में वसुंधरा ओसवाल को बिताने पड़े थे तीन हफ्ते

वसुंधरा के मुताबिक युगांडा में बिज़नेस राइवल्स ने रची थी उन्हें फंसाने की साज़िश

-खुशदीप सहगल

नई दिल्ली (22 फरवरी 2025)|

स्विट्जरलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा ओसवाल ने पहली बार यूगांडा की जेल की आपबीती सुनाई है. वसुंधरा को पिछले साल अक्टूबर के शुरू में अपने पिता के एक एम्पलाई के कथित किडनैप और हत्या के आरोप में युगांडा पुलिस ने अरेस्ट किया था. वसुंधरा को पांच दिन अवैध हिरासत में रखने के बाद दो हफ्ते के लिए जेल में रखा गया था. नारकीय हालात में करीब तीन हफ्ते बिताने के बाद वसुंधरा को ज़मानत पर रिहाई मिल पाई. पंकज ओसवाल अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ स्विट्जरलैंड के गिनगिन्स में 1649  करोड़ रुपए की आलीशान विला में रहते हैं.

पीटीआई से बातचीत में वसुंधरा ने कहा कि युगांडा में पुलिस अधिकारियों ने उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया. उन्हें पिता पंकज ओसवाल के कर्मचारी मुकेश मिनारिया के किडनैप और मर्डर के आरोप में झूठा फंसाया गया. जबकि मिनारिया को बाद में तंज़ानिया में जीवित पाया गया.

वसुंधरा ने कहा कि जब युगांडा पुलिस के अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आए थे तो उनके पास सर्च वारंट भी नहीं था. जब मैंने उन्हें सर्च वारंट दिखाने को कहा तो उन्होंने कहा था- तुम यूरोप में नहीं हो, ये युगांडा है, हम कुछ भी कर सकते हैं

वसुंधरा के मुताबिक तब उनसे कहा गया था कि इंटरपोल ऑफिस में डायरेक्टर के ऑफिस तक चलना होगा. वसुंधरा ने जब अपने पहले के तय बिजनेस शेड्यूल का हवाला देते हुए उस दिन जाने में असमर्थता जताई तो एक पुरुष पुलिस अफसर ने उन्हें पकड़ कर वैन में धकेल दिया. साथ ही कहा कि तुम्हें आज ही हमारे साथ चलना होगा.

वसुंधरा ने बताया कि इसके बाद उनसे जबरन इंटरपोल को एक बयान दिलाया गया. उस वक्त क्रिमिनल वकील की जगह सिविल वकील मौजूद था. उन्होंने मुझे अपना वकील करने का भी मौका नहीं दिया. कहा गया- अगर बयान नहीं दिया तो अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में ले लिया जाएगा. तब तक वसुंधरा को ये भी नहीं बताया गया था कि उन्हें किस अपराध में हिरासत में लिया गया.

वसुंधरा के मुताबिक बयान देने के बाद उन्हें एक सेल में रखा गया.साथ ही पुलिस बॉन्ड के लिए तीस हज़ार अमेरिकी डॉलर और पासपोर्ट की मांग की गई. ऐसा करने के बाद भी पुलिस बॉन्ड नहीं दिया गया. फिर दोबारा ले जाकर अमानवीय हालात में सेल में बंद कर दिया गया. जूतों के रैक वाले इस सेल के साथ टॉयलेट इतना गंदा था जहां फर्श पर खून के धब्बे साफ़ देखे जा सकते थे. वसुंधरा ने बताया कि उनके वकील ने अगले दिन कोर्ट से बिना शर्त रिलीज़ ऑर्डर भी लाकर दिया लेकिन उन्हें अगले 72 घंटे तक अवैध रूप से उसी सेल में रखा गया. इसके बाद पुलिस वसुंधरा को हाईकोर्ट ले जाने की जगह गलत ढंग से निचले स्तर के मजिस्ट्रेट में ले जाया गया. वहीं जाकर वसुंधरा को पता चला कि उन पर हत्या के इरादे से किडनैपिंग का आरोप लगाया गया है.

वसुंधरा ने कहा कि मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें ऐसे चोरी जैसे मामूली चार्ज वाले अपराधियों के बीच दो दिन तक रखा गया. फिर उन्हें अगले दो दिन के लिए ऐसी जेल में ले जाया गया जहां हत्या और मानव तस्करी जैसे संगीन चार्ज वाले अपराधी मौजूद थे. वसुंधरा ने बताया जिस कर्मचारी मुकेश मेनारिया के कथित अपहरण और हत्या की कोशिश के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था वो 10 अक्टूबर 2024 को तंजानिया में मिल भी गया लेकिन फिर भी उन्हें जेल में ही रखा गया.

वसुंधरा का कहना है कि युगांडा में उनके बिजनेस राइवल्स ने भ्रष्ट सरकारी सिस्टम के साथ मिलकर उन्हें फंसाने की साज़िश रची थी. उन्हें युगांडा में ओसवाल ग्रुप की तरक्की बर्दाश्त नहीं हो रही थी. यहां तक कि ये बिजनेस राइवल्स वसुंधरा को वकील का इंतज़ाम भी नहीं करने दे रहे थे. इन बिजनेस राइवल्स ने इसके लिए करीब 20 वकीलों को अपनी तरफ से भुगतान किया. आखिरकार वसुंधरा को 21 अक्टूबर 2024 को रिहाई मिल पाई थी.

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