‘चमत्कार’ को नमस्कार ?…खुशदीप

जो दिखता है क्या वो हमेशा सच होता है…विश्वास या अंधविश्वास…इसे अलग करने के लिए कोई तो लकीर होती होगी…जो आप देखने जा रहे हैं, मैं नहीं जानता कि ये क्या है…आप ये फोटो-फीचर देखिए फिर खुद ही किसी नतीजे पर पहुंचिए…मेरे कुछ सवाल है, वो बाद में…पहले कुंभाकोणम की ये खबर…

तमिलनाडु के अखबार दिनाकरण में इस साल 16 जनवरी को खबर छपी थी…इससे एक दिन पहले सूर्य ग्रहण था…कुंभाकोणम के साथ ही थेप्पेरुमन्नालुर के अग्रहारम गांव में श्री विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है…खबर के मुताबिक मंदिर के पुजारी ने  सूर्य ग्रहण वाले दिन मंदिर के गर्भगृह का दरवाज़ा सुबह साढ़े दस बजे खोला और पानी लेने के लिए बाहर गया…वहां उसने देखा कि मंदिर स्थित बेल के पेड़ से एक कोबरा मुंह में पत्ती लेकर नीचे उतर रहा है…फिर उस कोबरा ने गर्भगृह में जाकर शिवलिंग के ऊपर उस पत्ती को रख दिया…यही क्रम उसने कई बार और दोहराया…पुजारी के अनुसार कोबरा अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए सूर्य ग्रहण के दौरान अर्चना कर रहा था….

पुजारी का ये दावा भी है कि पिछले तीन सूर्य ग्रहणों से हर बार ये कोबरा ऐसे ही मंदिर में आकर अर्चना करता है…15 जनवरी के सूर्य ग्रहण से पहले जो सूर्य ग्रहण पड़ा था उस दिन पुजारी और कुछ स्थानीय नागरिकों ने फोटोग्राफर का इंतज़ाम किया था…कोबरा के लिए दूध भी रखा गया था…लेकिन उस दिन कोबरा प्रकट नहीं हुआ था….

इस बार कोबरा पर नज़र पड़ते ही पुजारी ने गांव में रहने वाले फोटोग्राफर थेनेप्पन को बुलवा लिया…गांव के कुछ और लोगों ने भी ये नज़ारा अपनी आंखों से देखा…जिस अग्रहारम गांव की ये घटना है वहां पीढ़ियों से लड़कों के नाम नागलिंगम या नागराज रखने की परंपरा चली आ रही है…


आपने फोटो देख लिए…

अब मेरे आप सबसे से चंद सवाल…

क्या ये वाकई चमत्कार है…

क्या ये फोटो वास्तविक हैं…यानि इनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है…

जब कोबरा पिछली बार फोटोग्राफर के वहां रहने पर प्रकट नहीं हुआ तो इस बार भी फोटोग्राफर के वहां पहुचने पर चला क्यों नहीं गया…

तमिलनाडु में कहीं ये खबर अंधविश्वास की अति की प्रवृत्ति के चलते अखबार ने अपना सर्कुलेशन बढ़ाने की गरज से तो नहीं छापी…

बहरहाल, जो भी है, मुझे ई-मेल से ये फोटो-फीचर मिला तो आप के साथ बांटने की इच्छा हुई…अब आप विश्वास रखते हों या इसे अंधविश्वास मानते हो, आप अपने मत के लिए स्वतंत्र हैं…मेरा अनुरोध बस यही है कि इस पोस्ट को बस दिलचस्प ख़बर की तरह लीजिएगा…

इस पोस्ट पर भाई शरद कोकास की राय विशेष तौर पर जानना चाहूंगा…

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