अजब गजब रिश्ते…खुशदीप

एक अमेरिकी और एक भारतीय बार में बैठे ड्रिंक पर ड्रिंक चढ़ा रहे थे…

भारतीय अपना ग़म गलत करने के लिए अमेरिकी से बोला…जानते हो, मेरे घर वाले भारत में मेरी शादी गांव की एक लड़की से कराना चाहते हैं…अरेंज्ड मैरिज…कहते हैं कि हमारा रिश्ता बचपन में ही तय हो गया था…लेकिन मैं अपनी होश में जिस लड़की से कभी मिला नहीं…उसके स्वभाव को नहीं जानता…उससे आंख बंद कर कैसे शादी कर लूं…मैंने घरवालों से साफ़ मना कर दिया कि जिस लड़की से मैं प्यार नहीं करता, उससे किसी सूरत में भी शादी नहीं कर सकता…मैंने जब से दो-टूक मना किया है तभी से मेरे घर वाले मुझसे सख्त नाराज़ है…परिवार में समस्या हैं…

ये सुनकर अमेरिकी ने एक पैग और चढ़ाया और कुटिल मुस्कान के साथ बोला…बस इतनी सी बात…अब सुनना चाहते हो मेरी हालत…तो दिमाग की हर ख़िड़की अच्छी तरह खोल कर सुनो… तुम अरेंज्ड मैरिज के ख्याल से दुखी हो…कह रहे हो तुम्हारे परिवार में समस्या हैं…अब लव मैरिज का मेरा किस्सा सुनो…

मैंने एक विधवा से शादी की…मैं उससे बेहद प्यार करता था और हमारी डेटिंग तीन साल तक चली थी…शादी के कुछ साल बाद मेरे पिता का मेरी सौतेली बेटी से प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली…इस तरह मेरे पिता मेरे दामाद बन गए और मैं अपने पिता का ससुर बन गया…


क़ानूनन मेरी सौतेली बेटी अब मेरी मां है और मेरी पत्नी मेरी नानी…


अभी से सिर चकराने लगा…एक पैग और लो और आगे सुनो…दिक्कत तब और बढ़ी जब मेरा बेटा हुआ…अब मेरा बेटा मेरे पिता का साला है और मेरा मामा…


अभी बस कहां, और सुनो…रही सही कसर तब पूरी हो गई जब मेरे पिता का बेटा हुआ…यानि मेरा भाई जो कि रिश्ते में मेरा नाती भी लगा…और तुम कह रहे हो तुम्हारे परिवार में दिक्कत आ गईं हैं…

अभी आखिरी हथौड़ा आना बाकी है….इस अमेरिकी के परिवार में और क्या-क्या रिश्ते एक दूसरे के साथ या अपने के खुद अपने के साथ हो सकते हैं…मेरे दिमाग ने तो काम करना बंद कर दिया है…आप सोच सकते हैं तो सोचिए और जवाब दीजिए…

स्लॉग ओवर

मक्खन प्लेन में जा रहा था…कि अचानक उसकी नज़र किसी पर पड़ी और सीट पर खड़ा होकर चिल्ला कर बोला…

‘HIJACK’…

इससे पहले कि सारे यात्री सदमे में आते…

दो लाइन छोड़ कर एक आदमी उठा और मक्खन जितनी गर्मजोशी से बोला…

HIMACK’…

दरअसल वो मक्खन का बरसों पहले बचपन में बिछड़ा दोस्त जयकिशन था…

और मक्खन उसे  ‘JACK’ कह कर बुलाता था और जयकिशन मक्खन को ‘MACK’….

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