श्री ब्लॉगरम् रहस्यम्…खुशदीप

आज एक शादी से आ रहा हूं…इसलिए बस माइक्रोपोस्ट से ही काम चलाइए…ये पोस्ट वही कहावत वाली है-देखन में छोटन लगे, मगर घाव करे गंभीर…

तीन लोग मरने के बाद स्वर्ग के द्वार पर पहुंचे…

पहला देवलोक के स्वामी से बोला…प्रभु मैं पुजारी हूं…जीवन भर आपकी सेवा के सिवा कुछ नहीं किया…मुझे अंदर आने दीजिए…


भगवान बोले…अगला…

दूसरा बोला…भगवन, मैं डॉक्टर हूं…ज़िंदगी भर लोगों की सेवा करता रहा, इसलिए अब अपने चरणों में रहने के लिए स्वर्ग में जगह दीजिए…


भगवान बोले…अगला…

तीसरा बोला…परमपिता…मैं ब्लॉगर हूं…मैंने…

प्रभु फौरन बोले…बस…बस…पगले…अब क्या मुझे भी रुलाएगा…चल अंदर आ…

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