सिर्फ पैसा ही आपको अमीर नहीं बनाता…
उम्र का बढ़ना भी आपको अमीर बनाता रहता है…
अब आप कहेंगे, वो कैसे भला…उम्र के साथ तो डॉक्टर का खर्च बढ़ता जाता है…ये तो ज़ेब हल्की करता है, फिर अमीर कैसे हो सकते हैं…
अब देखिए मैं आपको बताता हूं ये कैसे होता है…
उम्र बढ़ती है तो सिर के बालों पर चांदी छाने लगती है…
दांतों में भी चांदी-सोना लग जाता है…
ख़ून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है…
किडनी में कीमती स्टोन इकट्ठे होने लगते है…
साथ ही आपको मिलने लगती है कभी न खत्म होने वाली गैस की सप्लाई…
स्लॉग चिंतन
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा…
Latest posts by Khushdeep Sehgal (see all)
- राजेश खन्ना-अमिताभ बच्चन के नातिन-नाती बड़े पर्दे पर? - May 31, 2025
- क्या भारत की नंदिनी गुप्ता बनेंगी मिस वर्ल्ड 2025? - May 29, 2025
- धर्मेंद्र, हेमा मालिनी हिन्दू हैं या मुसलमान? - May 28, 2025
स्लॉग चिंतन मस्त है 🙂
kushdeep bhai kya kehane,Kangali me aata geela.
sachchi …bebaak prastuti!
मस्त पोस्ट…..पर इस अमीरी की समाज को कद्र नहीं,,,,और ये अमीर भी कम नहीं…
bhai yeh depression ki nisani hai.
🙂
खूब ..
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा.
मस्त जी, लेकिन जब कफ़न ही सिर्फ़ खरीदना हे तो अमीर बनाने का क्या लाभ, यह तो मुफ़त मे मिल जायेगा…. इस लिये हमे ना अमीर बनाना हे, ना अभी कुछ खरीदना हे, राम राम जी की 🙂
Negative optimism
गज़बिया चिन्तन, जय हो।
wah wah slog jabardast hai
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा…
वाह! क्या बात कह दी…………वैसे अमीर सभी बनते हैं कोई नही सबको इसी श्रेणी मे आना है
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा…
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा…
maast hai
बिना लिबास आए थे हम सब इस जहां में,
बस इक कफ़न की ख़ातिर इतना सफ़र करना पड़ा.
.
बहुत सही कहा है
ऐसी अमीरी से तो गरीबी भली |
आज के स्लोग चिंतन … ने सच में चिंता में डाल दिया !
जय हिंद !!
बुढापे की कीमती सम्पदा के साथ शानदार स्लाग चिंतन.
मजेदार है यह अमीरी.
हा हा हा हा …सच्ची बातें…
नीरज
हाँ, अमीर तो हर कोई होता जाता है. अपने अनुभवों से। जब उन्हें बाँटता है तो और भी अमीर होते हैं.
हाँ भाई हम भी अमीर बनते जा रहे हैं।
bahut sahi kaha
स्लॉग-चिन्तन….
बेहतरीन फ़लसफ़े के तौर पर ज़ुमले की खूबसूरती है,
मगर यह मायूस कर देने वाली कड़वी सच्चाई भी है ।
बेहतर हो कि ज़िन्दगी जीने के ख़्वाहिशमंद इसे दिमाग से झटक ही दें ।
अर्ज़ है..
चाह कर भी मौत से कोई वफ़ा नहीं करता
जहाँ ताउम्र ज़िन्दगी एक गिला सी लगती है