ताकत वतन की ब्लॉगिंग से है…खुशदीप

साठ के दशक के आखिर में देव आनंद साहब ने एक फिल्म बनाई थी…प्रेम पुजारी…उसमें फौजियों पर फिल्माया एक गीत था…ताकत वतन की हम से हैं…हिम्मत वतन की हमसे है…हम हैं वतन के रखवाले...अब आप कह रहे होंगे कि ये फौज की जगह ब्लॉगिंग इस गीत में कहां से घुस आई…शाहरुख स्टाइल में… ज़रा सब्र तो कर मेरे यार…वही बताने जा रहा हूं…हिंदुस्तान में ब्लॉगिंग कितनी ताकतवर बन चुकी है…ये जानकर आपका दिल बाग-बाग हो जायेगा…

हां तो भइया…अब आता हूं काम की बात पर…6 जनवरी 2010 का दिन भारतीय ब्लॉगिंग के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा…एक घटना हुई दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का दर्जा पाने वाली दुबई की बुर्ज खलीफा बिल्डिंग में…और दूसरी घटना हुई अहमदाबाद में…दुबई से लिखे ब्लॉग ने भारत में सैफई की ज़मीन को हिला दिया…अब ज़्यादा नहीं घुमाता…मैं बात कर रहा हूं छोटे भईया ठाकुर अमर सिंह की…ब्लॉग में ही अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर मुलायम सिंह यादव को ज़ोर का झटका इतनी ज़ोर से दिया कि मुलायम जी को अपने अखाड़े के ज़माने का धोबीपाट ज़रूर याद आ गया होगा…यानि अब देश की राजनीति भी ब्लॉग से ही चलेगी…और आप सब हिंदी ब्लॉगिंग में चल रही उछाड़-पछाड़ की राजनीति के पीछे बेकार में लठ्ठ लेकर पिले हुए हैं…

हां तो जनाब मैं बात कर रहा था अमर सिंह की…शायद आप में से कम को ही पता होगा कि अमर सिंह को ब्लॉग शुरू करने की नेक सलाह हाल ही मे दी थी, उनके परम पूजनीय बड़े भैया अमिताभ बच्चन ने…अमर सिंह ने ब्ल़ॉ़ग लिखना शुरू किया और शुरुआत में ही ऐसा गोला दागा कि अपनी पार्टी को ही लपेटे में ले लिया…जिस दिन अमर सिंह ने ये धमाका किया…ठीक उसी दिन अमिताभ बच्चन अहमदाबाद में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी फिल्म पा देखते हुए घी-शक्कर हुए जा रहे थे…

मोदी ने इस अवसर पर अमिताभ को शाल ओढ़ाने के साथ तोहफे देकर सम्मानित किया वहीं अमिताभ ने मोदी को मधुशाला की प्रति भेंट की…(ठीक ही कह गए हैं हरिवंश राय बच्चन जी…मंदिर-मस्जिद बैर कराते, मेल कराती मधुशाला…)…यही नहीं अमिताभ ने गुजरात में पर्यटन की संभावनाओं पर डॉक्यूमेंट्री बनाकर खुद काम करने का बिन मांगा प्रस्ताव भी मोदी को दे डाला…और रात में अमिताभ ने मुंबई पहुंच कर अपने ब्लॉग पर मोदी की शान में पूरा पुराण ही लिख डाला….मोदी को सच्चा जननायक बताते हुए कहा कि वो सादगी और बेहद कम ज़रूरतों के साथ जीवन जीते हैं…इस तरह का व्यवहार कहीं से भी किसी राज्य के मुखिया जैसे ऊंचे ओहदे से मेल नहीं खाता…मोदी विकास और खुशहाली की बात करते हैं…वो जैसा कहते हैं, वैसा ही करके दिखाते हैं…

सत्य वचन अमिताभ जी…लेकिन ये वही मोदी है जिन्हें आपके परम सखा अमर सिंह जी गुजरात दंगों का हवाला देकर पानी पी-पी कर हमेशा कोसते रहे हैं…उन्हीं मोदी जी की शान में आपका कसीदे पढ़ना कहीं नए समीकरण गढ़े जाने का संकेत तो नहीं है…एक ही दिन अमर सिंह का अपने ब्लॉग में इस्तीफे की बात कहना और आपका अपने ब्लॉग में मोदी की तारीफ के पुल बांधना महज़ इत्तेफ़ाक है…न जाने क्यों मेरा मन ये मानने को तैयार नहीं हो रहा…अब मन का क्या है…वो तो बावरा है…बकौल प्रातस्मरणीय हिमेश रेशमिया जी…मन का रेडियो, बजने दो ज़रा…

स्लॉग चिंतन

मुसलमान और हिंदू हैं दो,


एक मगर उनका प्याला…


एक मगर उनका मदिरालय,


एक मगर उनकी हाला…


दोनों रहते एक,


ना जब तक मंदिर-मस्जिद में जाते…


बैर बढ़ाते मंदिर-मस्जिद,


मेल कराती मधुशाला…

मधुशाला में हरिवंशराय बच्चन

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)