ओमान का गब्बर, लुधियाना का जतिंदर

 

Jatinder Singh (Twitter)

T20 वर्ल्ड कप में
ओमान के लिए कमाल कर रहा लुधियाना में जन्मा जतिंदर
, मैच में किसी उपलब्धि का जश्न गब्बरशिखर धवन स्टाइल
में मनाता है ये क्रिकेटर
, साढ़े 8 से शाम 5 बजे
तक जॉब करने की वजह से सुबह जल्दी उठ करता था प्रैक्टिस



नई दिल्ली (20 अक्टूबर)।

टी20 वर्ल्ड कप में ओमान टीम के लिए भारत के लुधियाना में जन्मे ओपनर जतिंदर
सिंह कमाल कर रहे हैं. जतिंदर किसी भी मैच में कैच या कोई और उपलब्धि हासिल करते
हैं तो उसका जश्न ठीक वैसे ही टांग पर हाथ मार कर मनाते हैं जैसे गब्बर नाम से
मशहूर भारत के शिखर धवन किया करते हैं. जतिंदर ने ओमान के लिए इस टी20 वर्ल्ड कप
में खेले गए मैच में एक कैच पकड़ने के बाद शिखर के अंदाज़ को ही हू-ब-हू दोहरा कर
दिखाया.

Is that Jatinder or Dhawan? 😍 pic.twitter.com/2dxxOVr56V

— Sunaina Gosh (@Sunainagosh7) October 17, 2021

ओमान ने अभी तक दो मैच खेले हैं और दोनों में ही 32 साल के जतिंदर अपनी टीम के
लिए टॉप स्कोरर रहे. 17 अक्टूबर को वर्ल्ड कप के ओपनिंग मैच में जतिंदर ने 42 गेंद
पर 73 रन की आतिशी पारी खेली, जिसमें 7 चौक्के और 4 छक्के थे. इसी की बदौलत ओमान
ने पापुआ न्यू गिनी को दस विकेट से रौंद डाला. ये टी20 इंटरनेशनल मैचों में जतिंदर
की चौथी हॉफ सेंचुरी के साथ उनका अपना अब तक का बेस्ट स्कोर रहा. 19 अक्टूबर को
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भी जतिंदर का बल्ला खूब बोला. जतिंदर इस मैच में 33
गेंद में 40 रन बना कर फिर अपनी टीम के लिए टॉप स्कोरर रहे लेकिन .ये मैच ओमान
बांग्लादेश से 26 रन से हार गया. इस इनिंग में भी जतिंदर ने 4 चौक्के और 1 छक्का
लगाया.

Jatinder Singh (Twitter)


आखिर जतिंदर की वर्ल्ड कप के लिए की गई मेहनत रंग ला रही है. जतिंदर सिंह इस
साल के शुरू में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए लुधियाना आए थे. उन्हें कुछ ही
दिन में ओमान लौट कर वहां की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के साथ जुड़ना था जिससे टी
20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में
हिस्सा ले सकें. लेकिन इसी बीच कोविड-
19 की दूसरी लहर की वजह से अधिकतर
इंटरनेशनल फ्लाइट्स रद्द हो गईं. सिंह को इस वजह से तीन महीने तक लुधियाना में ही
रहना पड़ा. जबकि वो चाहते थे कि जल्दी से जल्दी ओमान लौटें.

जतिंदर सिंह ने पिछले छह साल मे ओमान के लिए 19 वऩ डे इंटरनेशनल और 30 टी20 मैच खेले हैं. जतिंदर ओडीआई में 434 रन और टी20 मैचों में 814रन बनाए हैं.

जतिंदर ये अपना दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खेल रहे हैं. जतिंदर के मुताबिक ओमान की
टीम का हर सदस्य इस टूर्नामेंट का शिद्दत से इंतज़ार कर रहा था. क्योंकि ओमान खुद
इसका एक मेज़बान है. मार्च में जब जतिंदर को लुधियाना में पता चला कि ओमान जाने के
लिए कोई फ्लाइट मिलना मुमकिन नहीं है तो उन्होंने बिना वक्त गंवाए मालवा क्रिकेट
ग्राउंड में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी. जतिंदर की जून में स्पेशल परमिशन के तहत
ओमान वापसी हो सकी.

जतिंदर के पिता गुरमेल सिंह 1975 में ओमान आए थे. उन्होंने यहां रॉयल ओमान पुलिस
फोर्स में कारपेंटर का जॉब शुरू किया. हालांकि की जतिंदर की मां परमजीत कौर
2003 में अपनी चार
संतान के साथ
2003 में ओमान आईं. इसके अगले साल ही जतिंदर मस्कट में इंडियन स्कूल की क्रिकेट
टीम के साथ जुड़ गए. स्थानीय क्रिकेट में नाम बनाने के बाद जतिंदर को
2009 में ओमान की
अंडर
19 टीम में विकेटकीपर बैट्समैन के तौर पर जगह मिली. इसके बाद जतिंदर गल्फ
क्रिकेट
, एनहेंस क्रिकेट जैसी कॉरपोरेट टीमों के लिए खेलते रहे. उन्हें पहला जॉब
अरेबियन इंडस्ट्री में मिला.
2014 में वे खिमजी राम दास कंपनी से जुड़ गए.

टी20 इंटरनेशनल में जतिंदर ने अपना पहला मैच डबलिन में 2015 में खेला.

जतिंदर ने बताया कि ओमान आने से पहले जब वो भारत में थे तो भी क्रिकेट उन्हें
बहुत पसंद था. वो सबसे ज्यादा प्रभावित सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से
प्रभावित थे. जतिंदर कहते हैं कि ओमान में राष्ट्रीय टीम के प्लेयर्स को उतना पैसा
नहीं मिलता जितना कि भारत में मिलता है. इसलिए वहां सीनियर और जूनियर क्रिकेटर्स
सभी कॉरपोरेट टीमों के लिए खेलते हैं

खिमजी राम दास कंपनी में जतिंदर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में काम करते हैं.
उन्हें सुबह साढ़े आठ बजे से पांच बजे तक ऑफिस में ड्यूटी देनी होती है. इसलिए
सुबह जल्दी उठकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते हैं.

जतिंदर को अब 22 अक्टूबर को स्कॉटलैंड के साथ ओमान के आखिरी मैच का इंतज़ार
है. जतिंदर की यही अरदास है कि किसी तरह उनकी टीम सुपर 12 राउंड में पहुंच जाए और
उन्हें भारत जैसी दुनिया की दिग्गज टीमों के सामने अपना बेस्ट दिखाने का मौका
मिले.

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)