समाचार समूह के एक रिपोर्टर की ख़बर है…उम्मीद तो यही की जा सकती है कि तथ्यों
को खुद जांचने और मौके पर जाने के बाद ही
रिपोर्टर ने ये ख़बर प्रकाशित की होगी…अब पूरी सच्चाई तो शुक्रवार को ईद
के दिन मॉल में गए लोग ही बता सकते हैं…लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो ये वाकई
दुर्भाग्यपूर्ण है…अगर मॉल के प्रबंधकों ने अपनी मर्ज़ी से एक ही वर्ग के लोगों
से भेदभाव किया तो नरेंद्र मोदी सरकार को उन पर एक्शन लेना चाहिए…आखिर मोदी अब
गुजरात के साथ पूरे देश के लिए राजधर्म निभाने की चाहत रखते हैं…और हां, अगर ये
ख़बर गलत है तो मॉल को टाइम्स ग्रुप के रिपोर्टर पर मानहानि का मुकदमा दायर करना
चाहिए…
अहमदाबाद।। ईद के मौके पर गुजरात में मुस्लिमों
से भेदभाव का मामला सामने आया है। शुक्रवार को ईद के मौके पर अहमदाबाद के सबसे
बड़े हिमालय मॉल में मुस्लिमों खासकर इस समुदाय के खास उम्र के युवाओं को को अजीब
स्थिति से गुजरना पड़ा। उनसे मॉल में घुसने के लिए एंट्री फीस वूसली गई। हालांकि,
मॉल प्रबंधन का कहना है कि महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर
सभी पर एंट्री फीस लगाई थी।
हिमालय मॉल में पीक आवर्स के दौरान मुस्लिमों से 20 रुपये एंट्री फीस वसूली जा रही थी। इसमें शर्त रखी गई थी कि उन्हें ये 20
रुपये तभी वापस किए जाएंगे, जब वे मॉल से कुछ
खरीदकर निकलेंगे। मॉल प्रबंधन के इस भेदभावपूर्ण रवैये से मुस्लिम समुदाय के लोग
हैरान रह गए।
परिवार के साथ मॉल गए दिल्ली चकला के सैयद शेख ने अपना कड़वा अनुभव
सुनाया। उन्होंने बताया, ‘सिक्युरिटी गार्ड्स एक खास समुदाय
के लोगों से ही फीस वसूल रहे थे। हमने कुछ लोगों को बिना फीस दिए मॉल में घुसते
देखा। हमने जब सिक्युरिटी गार्ड्स से पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें ऊपर से
आदेश मिला हुआ है। हम यह सुनकर हैरान रह गए।‘
‘अगर मॉल में यह फीस सभी से ली जाती, तो हमें
कोई परेशानी नहीं थी। सिर्फ एक समुदाय से ही भेदभाव क्यों किया गया?’
उधर, मॉल के अधिकारियों ने इसे भीड़भाड़ के
दिनों के लिए रूटीन नियम बताया। हमारे सहयोगी अखबार ‘टाइम्स
ऑफ इंडिया‘ ने जब हिमालय मॉल की मैनेजर (ऑपरेशन्स) दीपा
भटनागर से इस बारे में पूछा तो उनका जवाब था, ‘हम परेशानी
बढ़ाने वाली भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पहले भी ऐसा कर चुके हैं। दिवाली और आने
वाले त्योहारों पर भी इसे लागू करने के बारे में सोच रहे हैं। अगर कोई सामान
खरीदकर लौटता है, तो फीस लौटा दी जाएगी।‘
उन्होंने एक खास समुदाय से एंट्री फीस लेने की बात को गलत बताया और
कहा कि मॉल प्रशासन ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर सभी पर एंट्री फीस
लगाई थी। हालांकि इस संवाददाता ने मॉल में एंट्री का अलग ही पैटर्न देखा। मॉल में
आने वाले मुस्लिम समुदाय के खास उम्र के युवाओं को पूछताछ और फीस वसूलने के बाद
मॉल में एंट्री दी जा रही थी, जबकि महिलाओं और अन्य को बिना
फीस वसूले अंदर जाने दिया जा रहा था।
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