दो बानगी देखिए…
‘बच्चा-बच्चा राम का, राघव जी के काम का’…दिग्विजय सिंह…
‘कार से कुत्ते का बच्चा भी कुचल जाता है तो दुख होता है’…नरेंद्र मोदी…
ये नेता जानते हैं कि मीडिया उनके बयानों पर गिद्ध दृष्टि लगाए बैठा रहता है…अब ये चाहे न्यूज चैनलों के लिए दी जा रही बाइट्स हों, रैली-समारोह में बयान हों या फिर आधुनिक युग की चिड़िया उड़ाना हो यानि ट्वीट करना हो…
ये नेता जानते हैं कि सीधे-साधे शाकाहारी बयान देंगे तो मीडिया से कोई घास नहीं डालने आएगा…लेकिन घाघ नेता मीडिया की नस-नस जानते हैं…इन्हें पता है कि क्या कहने से मीडिया 24 घंटे उनके नाम का रिकॉर्ड बजाएगा…
दिग्विजय के ट्वीट का इन्सटेन्ट रिज़ल्ट ये निकला कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस में बरसों से जमे जमाए नेता चौधरी राकेश सिंह ने पार्टी से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम लिया…विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे चौधरी राकेश सिंह इस बयान से इतने आहत हुए कि पार्टी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का ही बैंड बजा दिया…
चौधरी राकेश का कहना था, “हम हिन्दू हैं और जिस तरह कांग्रेस के नेता ट्वीट कर भगवान राम को बदनाम कर रहे हैं, यह सहन नहीं किया जा सकता.”
अब आते हैं, नरेंद्र मोदी के बयान पर…अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स ने एक इंटरव्यू में मोदी से पूछा कि क्या उन्हें निराशा होती है जब अब तक उन्हें 2002 से ही जोड़कर देखा जाता है…मोदी का कहना था, “निराशा तब होगी जब मैं सोचूं कि मैंने कुछ ग़लत किया है. मैंने चोरी की है, मैं पकड़ा जाऊंगा…मेरा मामला ऐसा नहीं है…
रॉयटर्स ने मोदी से पूछा कि क्या जो हुआ उसका उन्हें पछतावा है?
इसके जवाब में मोदी ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था जिसकी रिपोर्ट में मुझे पूरी तरह दोषमुक्त करार दिया गया. पूरी तरह क्लीन चिट दी गई…”
मोदी ने आगे कहा, “अगर आप कार में जा रहे हों और चाहे आप कार न चला रहे हों तो भी अगर कार के नीचे कुत्ते का एक बच्चा आ जाता है तो आपको दुख होता है. चाहे मैं मुख्यमंत्री रहूं या न रहूं, इंसान होने के नाते कुछ ग़लत होता है तो दुख होता है.”
रॉयटर्स का सवाल था कि क्या 2002 में आपने जो किया वह सही था?…इस पर मोदी ने कहा, “बिल्कुल, ऊपरवाले में हमें जो बुद्धि दी है, मुझे जितना अनुभव है और उस परिस्थिति में जितना संभव था. जो किया गया बिल्कुल सही था. और एसआईटी ने जांच में यही पाया.”
मोदी के इस बयान को लेकर, खास तौर पर कुत्ते के बच्चे वाली टिप्पणी पर ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर ख़ासी प्रतिक्रिया हुई तो मोदी ने ट्वीट किया…”हमारी संस्कृति में हर तरह के जीव और जीवन की पूजा होती है और वो कीमती है”…
सवाल पहले बयान देने और फिर सफाई देने का नहीं है…दिग्विजय हो या मोदी, बयानों में ऐसे शब्दों का चयन ही क्यों करते हैं, जो विवादास्पद बनने का पूरा माद्दा रखते हैं…क्या सिर्फ़ मीडिया में लगातार सुर्खियां बटोरते रहने के लिए ये किया जाता है…लेकिन ऐसा करने से पहले ये नहीं सोचा जाता कि संवेदनशील माहौल में इस तरह के बयान किस तरह चिंगारी का काम कर सकते हैं…
खैर छोडिए, माहौल को मक्खन के ज़रिए हल्का करते हैं…
स्लॉग ओवर…
मक्खनी दिन भर घर में भन्नाए बैठी थी…मक्खन शाम को घर लौटा तो मक्खनी उसे देखते ही फट पड़ी…
“मेरी किस्मत फूटी थी कि तुम जैसे शख्स से मेरी शादी हो गई…तुमसे अच्छा तो शैतान से भी मेरी शादी हो जाती तो मैं कम से कम यहां से तो ज़्यादा खुश ही रहती.”..
मक्खन ये सुनने के बाद शांत भाव से बोला…
“नहीं भाग्यवान, ऐसा नहीं हो सकता था..एक ही कुल के लड़के और लड़की की आपस में शादी करना ना तो वैज्ञानिक तौर पर उचित होता और ना ही शास्त्र सम्मत”…