कयामत के बाद धरती पर कोई शादीशुदा व्यक्ति जीवित नहीं बचा…सब स्वर्ग में जाने की इच्छा लिए इंतज़ार करने लगे…तभी ईश्वर प्रकट हुए…उन्होंने आते ही कहा कि मैं चाहता हूं जितने भी पुरुष है, दो कतार बना ले…एक कतार में वो पुरुष खड़े हो जाएं जो सही तौर पर अपने घर के मुखिया थे, यानि घर में उन्हीं की चलती थी…और एक कतार में वो खड़े हो जाएं, जो सिर्फ पत्नियों के इशारे पर ही तमाम उम्र चलते रहे…
वहां जितनी भी महिलाएं मौजूद थीं, ईश्वर ने उन्हें सेंट पीटर को रिपोर्ट करने के लिए कहा…
जल्दी ही सारी महिलाएं वहां से चली गईं…इसके बाद पुरुषों ने कतार बनाना शुरू कर दिया…अपनी पत्नियों के कहने पर चलने वाले पुरुषों की मीलों मील लंबी कतार लग गई…अपने घर के सर्वेसर्वा पुरुषों वाली कतार में सिर्फ एक पुरुष खड़ा था…
ईश्वर ने ये देखकर लंबी कतार वाले पुरुषों को लताड़ना शुरू किया…तुम सबको अपने पर शर्मिंदा होना चाहिए…मैंने तुम सबको अपने-अपने घरों का मुखिया बनने के उद्देश्य से धरती पर भेजा था…लेकिन तुम सब नाफ़रमान निकले…तुम्हे प्रमुख बनाने का उद्देश्य ही यह था कि तुम अपने घरवालों के मस्तिष्क में आध्यात्मिक प्रकाश फैलाओ…तुमने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे मेरी सारी योजना धरी की धरी रह गई…लेकिन मुझे खुशी है कम से एक तो असली मर्द का बच्चा निकला…उसका नाम है हैरी नायडू…हां तो हैरी बेटा ज़रा इन सब नामाकूलों को बतायो कि तुम ने कैसे मेरी बात का मान रखा…किस तरह तुम अपनी कतार में खड़े होने वाले अकेले पुरुष बन सके…बताओ हैरी, इन सब को बताओ अपना अनुभव, जिनसे इनके दिमाग की खिड़कियां खुल सकें..सब कुछ बताओ इन्हें…
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कतार में अकेले खड़े हैरी नायडू ने कहा…मैं ये सब कुछ नहीं जानता…मुझे मेरी पत्नी कोगी ने इस कतार में खड़े रहने के लिए कहा था…
नोट..जहां तक पुरुषों का सवाल है, मुझे दोनों कतारो का मतलब अच्छी तरह समझ आ गया…लेकिन एक उत्सुकता शांत नहीं हो रही….ईश्वर ने जब सभी महिलाओं से सेंट पीटर्स को रिपोर्ट करने के लिए कहा तो वहां कौन सा नज़ारा उत्पन्न हुआ होगा…अगर महिलाओं ने भी कतार लगाई तो कौन सी महिला कौन सी कतार में खड़ी हुई होगी…अगर सुधि ब्लॉगरजन इस का हल करने की कोशिश करें तो मैं बहुत आभारी रहूंगा…
(ईृ-मेल से अनुवाद)