वहां कौन है तेरा, मुसाफ़िर जाएगा कहां,
दम ले ले घड़ी भर, ये छईयां पाएगा कहां,
वहां कौन है तेरा….
आपा-धापी की इस ज़िंदगी में सचिन दा का ये गीत सुनने से बड़ा सुकून मिलता है…हर कोई भाग रहा है अंधी दौड़ में…बिना ये सोचे कि इस दौड़ का अंत कहां होना है…फिर भी सब भाग रहे हैं…कोई एक पल भी रुक कर सोचने को तैयार नहीं है कि ज़्यादा से ज़्यादा पाने की होड़ में वो खोता क्या-क्या जा रहा है…और जब तक ये सच समझ आता है, तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होती है…
नीचे जो लिखा है, उसे मेरे समेत सब जानते हुए भी शायद नहीं जानते..
सबसे निरर्थक काम – चिंता
सबसे बड़ा आनंद – दान
सबसे बड़ा नुकसान – आत्म-सम्मान खोना
सबसे ज़्यादा संतोष देने वाला काम – दूसरों की मदद करना
सबसे बुरा व्यक्तित्व का पक्ष – स्वार्थी होना
सबसे तेज़ी से विलुप्त होती प्रजाति – समर्पित नेता
सबसे कारगर टॉनिक – उत्साहवर्धन
सबसे पहले क़ाबू पाने योग्य समस्या – डर
सबसे अच्छी नींद की गोली – मन की शांति
सबसे ज़्यादा किससे बचना चाहिए- चुगलख़ोर व्यक्ति
सबसे विश्वसनीय कंप्यूटर – दिमाग़
सबसे घातक हथियार – ज़ुबान
सबसे शक्तिशाली वाक्य – ‘मैं कर सकता हूं’
सबसे बड़ी सम्पत्ति – विश्वास
सबसे व्यर्थ भाव – खुद को बेचारा मानना
सबसे बड़ी पूंजी – ईमानदारी
सबसे सुंदर पहनावा – मुस्कान
सबसे शक्तिशाली संवाद का माध्यम – प्रार्थना
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विलुप्त होती प्रजाति – समर्पित नेता। वाह।
जब तक आप स्वयं को नही जीतते तब तक ज्ञान सामने होते हुए भी लाभ नहीं होता,और यह सबसे कठिन है.
जानहिं सब कुछ, मनहिं न माने।
प्रभु जी, यही तो मायाजाल है । सब पता है लेकिन फिर भी हम सभी एक अंधी दौड़ का हिस्सा बने हुए हैं । लेकिन एक बात सत्य महसूस हो है कि जैसे जैसे भौतिक वस्तुओं की आमद बढ़ रही है, उसे पाने की जद्दोजहद उससे भी ज्यादा गति में चल रही हैं । इसी के चलते चुगलखोरी,स्वार्थपरकता और अनैतिकता आचरण में शामिल होता जा रहा है । मन की शांति तो भंग होगी ही, नींद की गोली तो खानी पड़ेगी ही । विज्ञान हमें हर दिन कुछ नया दे रहा है लेकिन पिछले दरवाजे हमारा बहुत कुछ छीन भी रहा है ..नींद, चैन, मन की शांति ।
जिंदगी की इस भागदौड में कभी कुछ क्षण विराम लेकर चिंतन करने की जरूरत है कि कब तक भागोगे पूरी दुनिया को अपनी मुट्टी में करने के लिए – यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
– सी पी बुद्धिराजा
उपयोगी ज्ञान 🙂
जानते तो हैं ,और मॄत्यु के करीब से गुजरने पर महसूस भी किया, पूरा पालन नहीं हो पाता, खुद से लड़ाई जारी है …कभी एक-दो पर काम करके देखा तो अच्छा अनुभव हुआ है …
हम सब जानते हैं मगर कभी जानने कीकोशिश नहीं करते की इसका अर्थ क्या है !
टैम नहीं है जी ..